कड़ाके की ठंड: ठंड का असर रेलवे के परिचालन पर दिखने लगा रेलवे की ओर से 15 फरवरी तक रेलवे ट्रैको की निगरानी के लिए विशेष पेट्रोलिंग की जाएगी
आगरा। 18दिसम्बर (अजीत कुमार कुशवाह) पहाड़ी क्षेत्रों मे हो रही बर्फबारी के चलते आगरा सहित पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर रेलवे पर दिखने लगा है। कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है ट्रैक फ्रैक्चरो की निगरानी के लिए रेलवे कर्मचारियों की तैनाती रात में की जा रही है। आगरा सहित पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ना शुरू हो गया है। सर्दी शुरू होने के साथ ही रेलवे परिचालन पर इसका सीधा असर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। रेलवे में जहां कोहरे के चलते ट्रेनों की गति पर असर पड़ा है तो वहीं ट्रेक मे होने वाले फ्रैक्चरो को देखते हुए रेलवे कर्मचारियों की रात में तैनाती की गई है। सुरक्षा के लिहाज से रेल डिवीजन में रेलवे ट्रैक की गस्त बढ़ाई जा रही है
आगरा रेल डिवीज़न में सर्दी का प्रकोप दिखाई देने लगा है बढ़ती सर्दी के चलते रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कई कवायदें करता हुआ दिखाई दे रहा है। यात्री ट्रेनों एवं मालगाड़ियों की सुरक्षा हेतु रेल डिवीजन में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए गस्त बढ़ाई गई है रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग को बढ़ाया गया है। पेट्रोलिंग में ऐसे कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो डेडीकेशन के साथ साथ अपने कार्य को हर संभव पूरा करें अगर किसी कर्मचारी ने छोटी सी भी लापरवाही बरती तो इसके अंजाम बेहद गंभीर हो सकते है। इसलिए रेलवे ने ऐसे कर्मचारियों को चुना है जो अपने कर्तव्य के साथ पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी को निभाते हों। सर्दियों में होने वाले रेल हादसों एवं सुरक्षा को लेकर जब आईएनए संवाददाता ने रेलवे पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि आगरा रेल डिवीजन द्वारा सर्दियों फ्रैक्चर से होने वाले हादसों को देखते हुए 15 नवंबर से लेकर 15 फरवरी तक सर्दी संबंधित रात्रि पेट्रोलिंग की जा रही है। रात 11:00 से लेकर सुबह 7:00 तक लगातार करीब 150 कर्मचारियों को रात्रि पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी दी गई है। इस विशेष पेट्रोलिंग में कर्मचारी दो-दो किलोमीटर पर रेलवे ट्रैक पर होने वाले फ्रैक्चर या अन्य किसी डिफेक्ट को देख कर रिपोर्ट करेंगे और उसे फिर दुरुस्त किया जायेगा। पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि अगर कहीं रेलवे ट्रैक पर कोई क्रैक या डेमेज मिलता है तो उसको सही करने के लिए 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक का उस ट्रैक पर होल्ट लिया जाता है और फिर उसे दुरुस्त किया जाता है। घने कोहरे को लेकर प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा क्षेत्र में जिस तरीके का कोहरा दिखाई देता है अभी उस लिहाज से आगरा रेल डिवीजन में कोहरा दिखाई नहीं दे रहा है।