रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने के मामले को पचाने का खेल शुरु , अफवाहों का पीटा जा रहा ढोल

🔵अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज मे रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने का मामला

🔴शिक्षा विभाग के गलियारों मे मचा हड़कंप 

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कुशीनगर। जिले के फाजिलनगर विकास खण्ड के नकटहा स्थित अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज में रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने का मामला जहां तूल पकडते जा रहा है वही यहा के शिक्षा विभाग के जिम्मेदार और विद्यालय प्रशासन के लोग मामले को पचाने के लिए इस जघन्य प्रकरण को अफवाह बताकर नया खेल शुरु कर दिया गया है। इस खेल को अमलीजामा पहनाने के लिए मीडिया मैनेज का चल रहा है खेला। 

बतादे कि फाजिलनगर ब्लाक क्षेत्र के नकटहा मिश्र स्थित अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज में शनिवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बोर्ड परीक्षा में रिजर्व में रखे गये अतिरिक्त प्रश्नपत्रो से परीक्षा कराये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश मे आया इसको लेकर जिले से लगायत प्रदेश के शिक्षा विभाग के गलियारों मे बमचिक मचा हुआ है। इसके बाद जिले के शिक्षा विभाग के हुक्मरान अपने विभागीय कारीदें के साथ विद्यालय प्रशासन से मिलकर मामले को अफवाह का रुप देने के लिए नया खेल शुरु कर दिया है। अब सवाल यह उठता है कि जब अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज में रिजर्व (अतिरिक्त) प्रश्नपत्रो से कराये गये परीक्षा अफवाह है तो जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर रविवार को अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज नकटहा मिश्र के केन्द्र व्यवस्थापक को हटाया क्यो गया? अगर यह अफवाह है तो फिर शनिवार की रात जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्ता केन्द्र पर पहुंच कर स्ट्रांग रुम खुलवाकर क्या कर रहे थे ? क्या डीआईओएस श्रवण कुमार गुप्ता शनिवार की रात उड रहे अफवाह से जिलाधिकारी को अवगत कराये थे ? क्या जिला विद्यालय निरीक्षक रात मे स्ट्रांग रूम खुलवाने के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लिए थे? जबकि जिलाधिकारी परीक्षा संचालन के अध्यक्ष है।

🔴 हो जायेगा दूध का दूध पानी का पानी अलग

जैसा कि जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्ता दावा कर रहे है कि अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज मे रिजर्व में रखे गये पेपर से परीक्षा कराने का मामला अफवाह है। ऐसे मे  शिक्षा बोर्ड से जुडे जानकारों का कहना है कि साॅच को आंच क्या। जिलाधिकारी व परीक्षा सचिव अपने मौजूदगी में संकलन केन्द्र पर जमा किये गये अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज मे शनिवार एक मार्च को कराये गये परीक्षा की बण्डल व उसी दिन का किसी अन्य विद्यालय का बण्डल खुलवाकर दोनो विद्यालयों के बण्डल मे रखे गये पांच-पांच पेपर व कापियों का जांच करा दे तो दुध का दुध पानी का पानी साफ हो जायेगा। जानकारो का कहना है कि कापियो को जांच करने के लिए प्रत्येक परीक्षा के बण्डलों में पांच पेपर रखे जाते है। 

🔴 तीसरी आंख खोलेगी सच्चाई की पोल

विश्वस्त सूत्रों की माने तो शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक, जिलाधिकारी से अनुमति लेकर प्रयागराज जा रहे थे। रास्ते में थे तभी उन्हें अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज के कारगुजारियों की जानकारी हुई तो वह बीच राते से वापस कुशीनगर लौट आये और रात मे ही विभागीय कर्मचारी के साथ विद्यालय पर पहुंचकर स्ट्रांग रूम का जांच – पडताल किया। जबकि रात में  जिलाधिकारी व परीक्षा सचिव के निर्देश के बिना स्ट्रांग रुम खुलवाने का अधिकार डीआईओएस को नही है। इस गंभीर प्रकरण को अफवाह का रुप देने वाले डीआईओएस  स्ट्रांग रूम खुलवाने से पहले क्या अफवाह से जिलाधिकारी को अवगत कराना व स्ट्रांग रूम खुलवाने के लिए अनुमति लेना मुनासिब नही समझे ? सूत्रों के दावे को संवाददाता द्वारा प्रमाणित नही किया जा रहा है लेकिन सूत्रो के दावे की सत्यता जानने के लिए यह जरूरी है कि केन्द्र के स्ट्रांग रूम मे लगे तीसरी आंख सीसीटीवी कैमरा को खंगाला जाये और शनिवार की रात्रि दस बजे से तीन बजे तक का  डीआईओएस के मोबाइल का लोकेशन की जांच करायी जाये तो सच्चाई परत-दर-परत खुलकर सामने आ जायेगी।

🔴मीडिया मैनेज का खेल

कहना ना होगा कि अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज मे अतिरिक्त पेपर से परीक्षा कराने के मामले को अफवाह करार कर मीडिया मैनेज का खेल शुरु हो गया है। सूत्रो का कहना है कि कुछ तथाकथित पत्रकार भी डीआईओएस व विद्यालय प्रशासन की भाषा मे तर्क दे रहे है। इतना ही नही कुछ कथित पत्रकारो ने इस प्रकरण को अफवाह से जोडकर खबर भी प्रकाशित किये है। 

🔴प्रबंधक के भाई को केन्द्र व्यवस्थापक बनाने की चर्चा 

सूत्र बताते है कि अफवाहों का दावा करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षक  श्रवण कुमार गुप्ता द्वारा अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज के केन्द्र व्यवस्थापक कश्यप कुमार को हटाकर उसी विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता गिरजेश कुमार त्रिपाठी को केन्द्र व्यवस्थापक बनाया गया है जो उस विद्यालय के प्रबंधक के भाई है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। इस पूरे प्रकरण के संबंध में एक फिर जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्ता से उनका पक्ष जानने के लिए उनके सरकारी  नम्बर के मोबाइल पर फोन किया गया तो घंटी बजती रही लेकिन फोन रिसीव नही हुआ। 

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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