आगरा जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति एवं जिला गंगा समिति की बैठक सम्पन्न हुई।

आगरा, :- जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति एवं जिला गंगा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की गई।

बैठक में जिला पर्यावरण समिति की समीक्षा में बताया गया कि जनपद में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के अन्तर्गत जनपद में कुल 251 चिकित्सालय पंजीकृत हैं, जिसमें 338 में बारकोडिंग की आवश्यकता नहीं है। कुबेरपुर में 15 मेगावाट क्षमता का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट निर्माणाधीन है। बैठक में गंगा समिति की समीक्षा में बताया गया कि जनपद में 27 ग्राम पंचायतों में गंगा सेवा समिति का गठन किया जा चुका है, जिसमें से 13 यमुना नदी, 07 चम्बल नदी तथा 07 उटंगन नदी के किनारे कार्यरत हैं। बैठक में जिला वेटलैण्ड समिति की समीक्षा में बताया गया कि वन विभाग द्वारा बाईपुर रिजर्व फारेस्ट के पीछे नदी में रेडियो टैग्ड कछुए छोड़े गए हैं, जिन पर टीएसए फाउंडेशन उनके वन पर एक वर्ष तक शोध करेगी।

बैठक में आगरा विकास प्राधिकरण एवं पर्यटन विभाग द्वारा एत्माद्दौला एवं मेहताबबाग के पास स्थित ग्यारह सीढ़ी पर यमुना नदी के किनारे घाटों का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य प्रस्तावित किया गया है। ताजमहल से प्रस्तावित ग्यारह सीढ़ी घाट की दूरी 790.00 मीटर, ताजमहल से प्रस्तावित एत्माद-उद्-दौला घाट की दूरी 2460.00 मीटर है। प्रत्येक घाट की प्रस्तावित लंबाई 70.00 मीटर और चौड़ाई 24.80 मीटर होगी। घाट की भूतल से कुल गहराई 5.60 मीटर, घाट में प्रस्तावित सीढ़ी 32, घाट में कुल लैण्डिंग 04, सीढ़ी का साइज 450×175 मिमी, प्रत्येक लैण्डिंग की चौड़ाई 2.00 मीटर, घाट/सीढ़ी का फर्श-रेड सैंड स्टोन से बनाया जाएगा। घाट में प्रस्तावित छतरी 03, घाट में प्रस्तावित छतरी का साइज 6.30×6.30 मीटर और 4.50×4.50 मीटर, छतरी की ग्राउंड लेवल से ऊँचाई 5.40 मीटर होगी। घाट की फाउंडेशन पाइल फाउंडेशन के साथ आरसीसी की फाउंडेशन भी कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रस्तावित घाटों की एनओसी प्रदूषण विभाग एवं वन विभाग से प्राप्त कर ली गई हैं। राजकीय स्मारक प्राधिकरण एएसआई एवं नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, उ.प्र. से एनओसी प्राप्त करने हेतु आवेदन के सापेक्ष प्रस्ताव बैठक में प्रस्तुत किया गया।

उक्त के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि प्रस्ताव की डिजाइनिंग में प्लेटफार्म की लंबाई व चौड़ाई बढ़ाई जाए, बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं, घाटों पर समुचित प्रकाश व्यवस्था का भी प्राविधान किया जाए तथा घाटों पर सीसीटीवी कैमरा के साथ-साथ पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम भी लगाया जाए, जिससे घाटों में अव्यवस्था की निगरानी कंट्रोल स्टेशन से की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट को पुनः बनाते हुए उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

बैठक में अवगत कराया गया कि शीतकाल के दृष्टिगत प्रदेश के नॉन अटेनमेंट शहरों में वायु प्रदूषण में संभावित वृद्धि के नियंत्रण हेतु ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के अनुरूप प्रस्तावित कार्ययोजना का अनुपालन कराए जाने हेतु संबंधित विभागों को पत्राचार कर सूचित कर दिया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत आगरा शहर में वायु प्रदूषण नियंत्रण एवं सुधार हेतु आईआईटी कानपुर से एयर क्वालिटी का परीक्षण कराया गया है। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा नगर निगम, जिला पंचायत राज अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, जिला पंचायत, आरटीओ और मेट्रो को धूल फैलने से रोकने के लिए तत्काल उपाय करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी द्वारा उप निदेशक, कृषि को निर्देश दिए गए कि कृषि अपशिष्टों को जलाए जाने की घटनाओं को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए और जहां भी ऐसी घटनाएं की सूचना मिलती हैं तो संबंधित के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही अमल में लाई जाए। साथ ही उन्होंने अपर पुलिस आयुक्त (यातायात) को निर्देश दिए कि जनपद की प्रमुख सड़कों के साथ-साथ अन्य सड़कों में भी जाम की स्थिति न पैदा होने दें, इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएं। बैठक में ईंट भट्ठों के क्लस्टर, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीएंडडी वेस्ट, पीडब्ल्यूएस वेस्ट, वेस्टेज ऑफ एनर्जी प्लांट, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट आदि पर गहनता से चर्चा की गई।

उक्त अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मती प्रतिभा सिंह, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग आदर्श कुमार, सचिव, आगरा विकास प्राधिकरण मती श्रद्धा सान्ड्याल, अपर आयुक्त नगर निगम सुरेन्द्र यादव, जिला विकास अधिकारी राकेश रंजन, समिति सदस्य के.सी. जैन, रामदास सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।

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