खबर बाजार -दो दिन बाद शेयर बाजार में तेजी, किन वजहों से सेंसेक्स-निफ्टी 1% उछले; क्या खत्म हो गया इजरायल-ईरान जंग का असर – #INA

मजबूत वैश्विक संकेतों, IT और पेट्रोलियम शेयरों में खरीदारी, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी की बदौलत सोमवार, 16 जून को शेयर बाजारों में दो कारोबारी दिनों के बाद तेजी लौटी। BSE सेंसेक्स 677.55 अंक या 0.84 प्रतिशत उछलकर 81,796.15 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 747.22 अंक बढ़कर 81,865.82 अंक पर पहुंच गया था। NSE निफ्टी 227.90 अंक या 0.92 प्रतिशत चढ़कर 24,946.50 पर बंद हुआ। ईरान-इजरायल संघर्ष छिड़ने से इससे पहले के दो सत्रों में सेंसेक्स 1,396.54 अंक और निफ्टी 422.8 अंक टूटा था।
BSE मिडकैप इंडेक्स में 0.93 प्रतिशत की तेजी रही, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.38 प्रतिशत चढ़ गया। निफ्टी के सेक्टोरल इंडेक्सेज की बात करें तो सबसे ज्यादा 1.57 प्रतिशत की बढ़त आईटी शेयरों में दर्ज की गई। निफ्टी ऑयल एंड गैस 1.11 और निफ्टी रियल्टी 1.32 प्रतिशत चढ़ा।
इजरायल-ईरान संघर्ष को कमतर आंकना शुरू कर सकता है बाजार
एनालिस्ट्स का कहना है कि ईरान और इजरायल के बीच जंग तेज होने के बावजूद स्थानीय बाजार में तेल व गैस और आईटी शेयरों को कम वैल्यू पर खरीदने का रुझान देखा गया। अनुभवी मनी मैनेजर अजय बग्गा के मुताबिक, “इस सप्ताह के अंदर बाजार इजरायल-ईरान संघर्ष को कमतर आंकना शुरू कर सकता है। जब गाजा में पहले युद्ध विराम हुआ था, तो वैश्विक बाजारों में तेजी आई थी। कुछ स्पष्टता आने के बाद इसी तरह की रिकवरी हो सकती है।” क्वांटम एएमसी के चिराग मेहता का कहना है, “अगर संघर्ष सीमित रहता है, तो बाजार आगे बढ़ने और बुनियादी बातों पर फोकस करने की ओर बढ़ सकता है। हमने पिछले कुछ वर्षों में यह पैटर्न देखा है।”
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अक्सर उम्मीदों से उल्टा चलते हैं वैश्विक बाजार
INVasset PMS के बिजनेस हेड हर्षल दासानी के मुताबिक, ‘वैश्विक बाजार अक्सर उम्मीदों के विपरीत व्यवहार करते हैं। इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से शुरू में कच्चे तेल और सेफ एसेट्स की खरीद में उछाल आया। हालांकि, तेल की सप्लाई में व्यवधानों की कमी से कच्चे तेल की कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली। महंगाई की आशंका कम हो गई है और निवेशक घरेलू आर्थिक बुनियादी बातों पर फिर से फोकस कर रहे हैं।’ आगे कहा कि निवेशक एनर्जी, बिजली, रक्षा और पूंजीगत खर्च जैसे घरेलू क्षेत्रों में पूंजी घुमा रहे हैं जो संरचनात्मक रूप से मजबूत हैं और इनमें बाहरी झटकों का जोखिम कम है। कॉरपोरेट आय स्थिर रही है, मंदी की चिंताएं कम हुई हैं और अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व सहित वैश्विक केंद्रीय बैंक स्थिर दर का रुख बनाए हुए हैं। इसने निवेशकों के बीच ‘गिरावट पर खरीद’ अप्रोच को मजबूती दी है।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग भी पॉजिटिव नोट पर बंद हुआ। यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजीत इनवेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है, “ईरान-इजरायल संघर्ष से भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बावजूद भारतीय बाजार दिग्गज शेयरों के दम पर बढ़त लेने में सफल रहे। निवेशकों ने उतार-चढ़ाव भरे समय में लॉन्ग टर्म के बुनियादी पहलुओं पर अपनी पोजिशन बरकरार रखी। हालांकि निकट अवधि में इस तनाव का बाजार के सेंटिमेंट पर असर हो सकता है।”
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