क्रिकेट के वो एक आंख वाले टाइगर कप्तान, जो शर्मिला टैगोर को रिझाने के लिए उड़ाते थे छक्के #INA

Crickter Mansoor ali khan pataudi: मंसूर अली खान पटौदी का नाम आज भी भारतीय क्रिकेट के सुनहरे पन्नों में दर्ज है. नवाब पटौदी को भारत के टॉप कप्तानों में से एक माना जाता था. महज 21 साल की उम्र में भारतीय टीम की कमान संभालने वाले नवाब पटौदी  छक्के लगाने के लिए मशहूर थे. इसके साथ ही उनका उस जमाने की फ़ेमस ऐक्ट्रेस शर्मिल टैगोर से इश्क का किस्सा भी काफी मशहूर था. नवाब पटौदी  की जिंदगी किसी फिल्म से कम नहीं थी. उनके जिंदगी में प्यार और सोहरत के अलावा काफी उतार-चढ़ाव भी आए थे, लेकिन फिर भी नवाब पटौदी ने कभी हार नहीं मानी.

मंसूर अली के पिता भी थे जाने-माने क्रिकेटर

मंसूर अली नवाबों के खानदान से थे. उनके पिता इफ्तिखार अली खान जाने-माने क्रिकेटर थे. वो इंग्लैंड की तरफ से खेलते थे. मंसूर जब 11 साल के थे, तब उनके पिता इफ्तिखार अली की दिल्ली में पोलो खेलते हुए मौत हो गई थी. वही पिता के निधन के बाद मंसूर इंग्लैंड चले गए. जहां एक जुलाई 1961 को अचानक उनकी कार टकराई और उनके साथ एक भयावह हादसा हो गया.

कार ऐक्सीडेंट में खोई एक आंख

कार ऐक्सीडेंट के दौरान मंसूर के  कार का शीशा दाईं आंख में जा घुसा. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया और उनका ऑपरेशन हुआ जिसके बाद पता लगा कि अब वे कभी भी एक आंख से नहीं देख पाएंगे. उनकी आंख की रेटिना ने काम करना बंद कर दिया था. एक आंख खराब होने के बाद मंसूर ने अपनी जिंदगी के 6 महीने बिस्तर पर गुजारे, लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी.और फिर दिसंबर 1961 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया.पहले ही मैच में मंसूर ने 103 रनों की बेहतरीन पारी खेली. जिसके बाद दुनिया उन्हें प्यार से टाइगर पटौदी पुकारा करती थी.

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दिलचस्प है मंसूर-शर्मिला की लव-स्टोरी

वही मंसूर के क्रिकेट करियर की कहानी जितनी रोचक है, उतना ही मजेदार है उनका बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर के साथ मोहब्बत का किस्सा. मंसूर ने दिल्ली में पहली ही मुलाकात के दौरान शर्मिला टैगोर को अपना दिल दे दिया था. रिश्ते के शुरुआती दिनों में टाइगर पटौदी ने शर्मिला टैगोर को गिफ्ट में रेफ्रिजरेटर दिया था. इसके अलावा क्रिकेट के मैदान में भी मंसूर अली खान शर्मिला टैगोर को इम्प्रेस करने से पीछे नहीं हटते थे, वो उनका स्वागत छक्के से किया करते थे. कहा जाता है कि शर्मिला टैगोर जहां भी बैठती थी, मंसूर अली खान उसी दिशा में छक्का मारा करते थे. 

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मंसूर ने बनाए थे कुल इतने रन

बता दे कि, मंसूर ने अपने करियर में कुल 46 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 40 मैच उनकी कप्तानी में खेले गए. टाइगर ने अपने करियर में छह शतकों की मदद से कुल 2,793 रन बनाए. 22 सितंबर 2011 को उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. नवाब पटौदी को शायद एक आंख की रोशनी जाने का दर्द मालूम रहा होगा, इसलिए जाते जाते उन्होनें अपनी दूसरी आंख जो कि ठीक थी उसे भी किसी और के लिए छोड़ गए. पटौदी ने मौत से पहले ही अपनी दूसरी आंख डोनेट करने का फैसला कर लिया था.

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