यूपी – उलझी राजू की कहानी: देहरादून में बुजुर्ग दंपति का खोया बेटा बनकर भावनाओं से खेला, सुनाई थी राजस्थान वाली कहानी – INA

Dehradun Ghaziabad Lost Found Man Detained What is the reality of Raju alias Bhim Singh

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राजू को लेकर एक और खुलासा

– फोटो : अमर उजाला

लापता होने के 31 साल बाद जिस राजू के मिलने पर साहिबाबाद के शहीद नगर का रहने वाला परिवार खुशियां मना रहा था। उनकी खुशियां एक ही पल में दूर चली गईं। मामले का रुख पूरी तरह से बदल गया है। राजू को लेकर एक और खुलासा हुआ है। खोड़ा पहुंचने से पहले जुलाई 2024 में राजू उत्तराखंड के देहरादून पहुंचा था।


यहां देहरादून पुलिस के पास पहुंचकर भी राजू ने खुद को 16 साल पहले लापता होना बताया था। समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद देहरादून के एक बुजुर्ग दंपति पुलिस के पास पहुंचे और राजू को अपना बेटा बताया था। वहीं राजू ने भी गाजियाबाद की तरह देहरादून पुलिस को भी राजस्थान और भेड़ चराने, प्रताड़ित होने की कहानी सुनाई थी।


वहीं देहरादून थाने में पहुंचते ही बुजुर्ग महिला को राजू ने गले से लगा लिया था। अपनी मां और बुजुर्ग को पिता के रूप में पहचाना। इसके बाद आठ महीने तक राजू बुजुर्ग दंपति के साथ उनका 16 साल पहले लापता हुआ बेटा बनकर रहा।


अब वह गाजियाबाद के साहिबाबाद थानाक्षेत्र स्थित शहीद नगर में एक परिवार के साथ 31 साल पहले लापता हुआ उनका बेटा राजू उर्फ भीमसिंह उर्फ पन्नू बनकर रह रहा है। वहीं देहरादून की कहानी सामने आने के बाद से ही साहिबाबाद थाना पुलिस ने राजू को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ चल रही है। वहीं गाजियाबाद पुलिस की एक टीम देहरादून भी पहुंची है।


गाजियाबाद पुलिस को राजू ने बताया था कि उसका 31 साल पहले अपहरण किया गया था। कहा कि उसे राजस्थान में बंधक बनाकर रखा गया था। वहां से बचकर किसी प्रकार निकला है। राजस्थान में उसे जैसलमेर में एक झोपड़ी में रखा गया था। उसका अपहरण करने के बाद उससे बकरी चरवाने का काम किया जाता था। अगर कोई गलती हो जाती थी तो उसे बुरी तरह से पीटा जाता था। राजू ने बताया कि उन्हें झोपड़ी में रखा गया था। वहां बिजली भी नहीं थी। उन्होंने लोगों के हाथ में मोबाइल फोन देखा तो है लेकिन कभी चलाया नहीं। उन्हें टीवी चलाना भी नहीं आता है। कभी स्कूल गए ही नहीं। 

लापता होने के 31 साल बाद जिस राजू के मिलने पर साहिबाबाद के शहीद नगर का रहने वाला परिवार खुशियां मना रहा था। उनकी खुशियां एक ही पल में दूर चली गईं। मामले का रुख पूरी तरह से बदल गया है। राजू को लेकर एक और खुलासा हुआ है। खोड़ा पहुंचने से पहले जुलाई 2024 में राजू उत्तराखंड के देहरादून पहुंचा था।


Credit By Amar Ujala

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