सुप्रीम कोर्ट बोला- बिटकॉइन ट्रेड हवाला की तरह अवैध कारोबार:यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाती- INA NEWS

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिटकॉइन ट्रेड को हवाला कारोबार की तरह ही अवैध व्यापार करार दिया। जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक समानांतर अंडर-मार्केट है और यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाते। बेंच ने केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करके, सरकार व्यापार पर नजर रख सकती है। बेंच ने केंद्र सरकार को याद दिलाया कि उसने लगभग दो साल पहले डिजिटल करेंसी को लेकर भारत की नीति पर स्पष्टता मांगी थी। इसके बावजूद सरकार इसे रेगुलेट करने में विफल रही। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर आंखें मूंदने के समान है। कोर्ट ने केंद्र से कहा, ‘आपसे कोई नहीं कह रहा है कि बिटकॉइन ट्रेड पर रोक लगा दीजिए, क्योंकि आपने पहले कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी अवैध नहीं है और इस पर बैन लगाना अर्थव्यवस्था के लिए बुद्धिमानी नहीं होगी। बैन लगाने से शायद आप जमीनी हकीकत से आंखें मूंद लेंगे, लेकिन इसे रेगुलेट करने के बारे में क्या सोचा है?’ कोर्ट ने कहा- आरोपी पीड़ित है या प्रताड़ित करने वाला, पता नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर यह टिप्पणी गुजरात में अवैध बिटकॉइन ट्रेड के एक मामले में गिरफ्तार आरोपी शैलेश बाबूलाल भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की। शैलेश भट्ट पर कई राज्यों में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित धोखाधड़ी का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि वह यह पता नहीं लगा सकती कि आरोपी पीड़ित है या लोगों को प्रताड़ित करने वाला। दरअसल, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने दावा किया था कि आरोपी गुजरात में बिटकॉइन के सबसे बड़े व्यापारियों में से एक था और उसने हाई रिटर्न का वादा करके दूसरों के साथ धोखाधड़ी और किडनैपिंग की। आरोपी शैलेश भट्ट के वकील मुकुल रोहतगी ने पहले तर्क दिया था कि भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग अवैध नहीं है, खासकर 2020 से जब सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया था, जिसने बैंकों को क्रिप्टो-संबंधित लेनदेन की सुविधा देने से रोक दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कानून के अभाव में भट्ट की गिरफ्तारी गलत थी। क्रिप्टोकरेंसी का रेगुलेशन सिस्टम न होने पर अफसोस- सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की थी। तब कोर्ट ने कहा था कि भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग हवाला कारोबार के नए तरीके से निपटने जैसा है। बेंच ने अफसोस जताया कि केंद्र अब तक क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं बना पाया है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30% टैक्स
भारत में बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को न तो कानूनी रूप में मान्यता दी गई है और न ही पूरी तरह से बैन किया गया है। हालांकि, देश में क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30% का फ्लैट टैक्स लगाता है और हर ट्रेड पर 1% टैक्स काटा जाता है। RBI ने क्रिप्टो निवेश से जुड़े जोखिमों के बारे में बार-बार चेतावनी दी है। क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए 2021 में एक ड्राफ्ट बिल तैयार किया गया था, लेकिन इसे अभी तक संसद में पेश नहीं किया गया है। जुलाई 2023 में, सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए एक अलग एजेंसी स्थापित करना चाहती है। कोर्ट ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार के पास डिजिटल करेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई कानून या ऐसे मामलों की जांच करने के लिए कोई एक्सपर्ट एजेंसी नहीं है। ———————————————————— क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… बिटकॉइन पहली बार 1 लाख डॉलर के पार हुआ, 1 साल में 118% रिटर्न दिया दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 5 दिसंबर, 2024 को पहली बार 1 लाख डॉलर के पार निकल गई। इस दिन बिटकॉइन 7% से ज्यादा बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 102,585 डॉलर (86.91 लाख रुपए) पर पहुंच गया। पूरी खबर पढ़ें… ब्रिटिश महिला ने अरबों के बिटकॉइन कोड कचरे में फेंके, ढूंढने की परमिशन भी नहीं ब्रिटेन में एक महिला ने अपने एक्स ब्वॉयफ्रेंड की 5900 करोड़ रुपए के बिटकॉइन कोड वाली हाई ड्राइव कूड़े में फेंक दी। डेली मेल से बात करते हाफिना एडी-इवांस नाम की महिला ने बताया- लगभग 10 साल पहले उनके एक्स ब्वॉयफ्रेंड जेम्स हॉवेल्स ने उनसे सफाई के दौरान कूड़ा फेंकने के लिए कहा था। मुझे नहीं पता था कि उसमें क्या है। उसे खोने में मेरी कोई गलती नहीं थी। पूरी खबर पढ़ें…
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