Nation- महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान शुरू, त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगा रहे अखाड़े, 40-40 मिनट का समय तय- #NA
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर महाकुंभ में तीसरा भव्य ‘अमृत स्नान’ शुरू हो चुका है. इसमें दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. भोर होते ही, विभिन्न अखाड़ों के राख में लिपटे नागाओं सहित साधुओं ने त्रिवेणी संगम की ओर अपनी यात्रा शुरू की और संगम में स्नान शुरू किया. यह पवित्र स्नान अनुष्ठान ‘मौनी अमावस्या’ पर पिछले ‘अमृत स्नान’ के दौरान भगदड़ के मद्देनजर विशेष महत्व रखता है, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए थे.
महाकुंभ में अब तक 33 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं और उत्तर प्रदेश सरकार को अकेले आज लगभग पांच करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. ‘मौनी अमावस्या’ के बाद किसी और अप्रिय घटना को रोकने के लिए संकल्पित, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन उपायों को मजबूत किया है.
#WATCH | Prayagraj | Sadhus of various akhadas take a holy dip in Triveni Sangam on the auspicious occasion of #BasantPanchami. pic.twitter.com/4sC39rfDP7
— ANI (@ANI) February 2, 2025
मुख्यमंत्री योगी ने तैयारियों का निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को व्यक्तिगत रूप से तैयारियों का निरीक्षण किया, सोमवार को अमृत स्नान सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कर्मियों, चिकित्सा कर्मचारियों और संसाधनों को तैनात किया गया है. परंपरा के अनुसार, तीन संप्रदायों संन्यासी, बैरागी और उदासीन से संबंधित अखाड़े पूर्व-निर्धारित क्रम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं, पहला समूह पहले से ही गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में डुबकी लगा रहा है.
महाकुंभ का अमृत स्नान शुरू
कुंभ मेला अधिकारियों द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, अमृत स्नान (जिसे पहले ‘शाही स्नान’ के नाम से जाना जाता था) सुबह 4 बजे संन्यासी संप्रदाय के अखाड़ों के साथ शुरू हुआ. पवित्र जुलूस का नेतृत्व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा, श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा आनंद, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा कर रहे थे.
#WATCH | #MahaKumbh2025 | Prayagraj, UP | Akhadas head towards Triveni Sangam with their deities for the Amrit Snan on the occasion of Basant Panchami. pic.twitter.com/5pbNqS2eTa
— ANI (@ANI) February 2, 2025
40-40 मिनट का समय आवंटित
प्रत्येक अखाड़े को पवित्र जल में 40 मिनट का समय आवंटित किया गया है, जिसमें पहला जुलूस अपना अनुष्ठान पूरा करेगा और सुबह 8.30 बजे तक अपने शिविरों में लौट आएगा. अगली पंक्ति में बैरागी संप्रदाय के अखाड़े हैं, जिनका स्नान क्रम सुबह 8.25 बजे शुरू हुआ. जुलूसों में अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा शामिल हैं, जिनकी बारी अंतिम समूह के पवित्र जल में प्रवेश करने से पहले दोपहर 12.35 बजे खत्म होती है.
सबसे आखिर में अमृत स्नान करने वाला उदासीन संप्रदाय होगा, जिसमें श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण और श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा शामिल हैं. नदी की ओर उनकी यात्रा सुबह 11 बजे शुरू होती है, अंतिम तपस्वी अपना अनुष्ठान पूरा करते हैं और 3.55 बजे तक अपने तंबू में लौट आते हैं.
पवित्र नदियों की आध्यात्मिक शक्ति
हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ को अद्वितीय आध्यात्मिक ऊर्जा से चिह्नित किया गया है, जिसमें लाखों श्रद्धालु मेला मैदान में डेरा डालते हैं. ज्योतिषियों का मानना है कि इस साल का त्रिवेणी योग 144 वर्षों में एक बार होने वाला एक दुर्लभ खगोलीय बदलाव चल रहे कुंभ मेले को विशेष रूप से शुभ बनाता है. अमृत स्नान की तारीखें सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के विशिष्ट ग्रह संरेखण के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि ये पवित्र नदियों की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाते हैं.
महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान शुरू, त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगा रहे अखाड़े, 40-40 मिनट का समय तय
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