देश- इंडिया गठबंधन में जारी है खींचतान, नहीं बन पा रही बात… हेमंत सोरेन के कैबिनेट विस्तार में देरी पर गरमाई सियासत- #NA

झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत यानी 56 सीट मिलने से एक तरफ इंडिया गठबंधन के नेता गदगद हैं, वहीं दूसरी तरह ऐसा लगता है मानो यही प्रचंड जीत गठबंधन के लिए मुसीबत बन गई है. 28 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने शपथ ली. शपथ ग्रहण के चार दिन बीत जाने के बावजूद अब तक हेमंत सोरेन सरकार के कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है.

हालांकि कैबिनेट के विस्तार को लेकर शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से बात करते हुए जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि अगले 1 से 2 दिनों में कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा, लेकिन उनका यह दावा फेल हो गया. राजनीति के जानकारों की माने तो अधिक संख्या में विधायकों का जीतना और सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर सेट किया जा रहा फॉर्मूला ही मंत्रिमंडल विस्तार में एक बड़ी रुकावट बन गई है.

इंडिया गठबंधन में शामिल दल कांग्रेस और आरजेडी पुराने फॉर्मूले को ही दोहराना चाह रहे हैं. साल 2019 में चार विधायक पर एक मंत्री पद दिया गया था. हालांकि इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायकों की बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए पांच विधायकों पर एक मंत्री वाले फॉर्मूले को सेट कर कैबिनेट विस्तार चाहता है. इस पेंच को भी मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का एक बड़ा प्रमुख कारण माना जा रहा है.

कांग्रेस और आरजेडी में चल रही लॉबिंग

चर्चा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में कैबिनेट को लेकर लगभग फॉर्मूला पार्टी के अंदर सेट हो गया है कि कौन से विधायक को मंत्री बनाना है, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस और आरजेडी में मंत्री बनने वाले विधायकों में जमकर लॉबिंग चल रही है. कांग्रेस के कई विधायक और प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली में कैबिनेट के मसले को समझने के लिए सिर्फ नेतृत्व के समक्ष अपनी-अपनी बातों को रख रहे हैं. आरजेडी की राजनीति पटना शिफ्ट हो गई है, पार्टी सुप्रीमो लालू यादव के निर्देश का इंतजार हो रहा है.

हालांकि यह कहा जा रहा है कि 9 दिसंबर से शुरू होने वाले झारखंड विधानसभा के सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा, लेकिन पेंच कहां फंस रहा है इस पर किसी भी दल की ओर से स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दिया जा रहा है.

जेएमएम क्या दे रही है दलीलें?

कैबिनेट के विस्तार में हो रही देरी के सवाल पर जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा की जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन हो जाएगा और इस बार की कैबिनेट में नए जोश यानी नए चेहरों के साथ-साथ पुराने और अनुभवी चेहरों को भी रखा जाएगा. इसके साथ ही झारखंड के सभी प्रमंडल, सभी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व, सभी वर्गों कोई जगह देने के साथ-साथ नारी शक्ति को भी प्रमुखता से कैबिनेट में जगह दी जाएगी.

हेमंत सरकार के कैबिनेट गठन के फार्मूले पर उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार है, जिसमें चार दलों शामिल हैं. हमारे सहयोगी दलों के द्वारा लिस्ट आ जाए उसके बाद अगले 2 से 3 दिनों में कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा. कांग्रेस और आरजेडी में आंतरिक कलह के सवाल पर उन्होंने कहा कि आंतरिक कलह तो बीजेपी में है और इसका प्रमाण महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है, जहां बहुमत आने के बाद भी मुख्यमंत्री का चयन नहीं पाया. नेता का चुनाव नहीं हो पा रहा है. उसे ही आंतरिक कलह बोलते हैं. झारखंड में गठबंधन के दलों में कोई आंतरिक कलह नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों की संख्या ज्यादा है, तो हमारे मंत्रियों की संख्या भी ज्यादा होनी चाहिए.

बीजेपी ने क्या लगाए लालू और जेएमएम पर आरोप?

सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल में विलंब के मुद्दे पर बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र राय ने चुटकी लेते हुए कहा कि इंडी गठबंधन वास्तव में एक अस्वाभाविक गठबंधन है. गठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी कहती है हम राष्ट्रीय चिंतन के साथ चलेंगे. जेएमएम कहती है हमें राज्य में एक समूह से बाहर निकलने की जरूरत नहीं है. हमको सिर्फ सत्ता चाहिए .वहीं, लालू प्रसाद घनघोर झारखंड विरोधी हैं, वो 3 दिनों तक राज्य के कोडरमा में आकर सोए रहे, एक दागी उम्मीदवार को जिताने के लिए 3 तीनों तक कोडरमा में सोते रहे. शायद उन्हें डॉक्टर ने भी मना किया होगा. इन लोगों का गठबंधन है जो पहले भी झारखंड को लूटने और खसोटने का काम किया है, सत्ता के नाम पर आज भी इनकी सोच बदली नहीं है. चुनाव में जनता से जो वायदा किया है वो पूरा करें, लेकिन सरकार बनी नहीं और केंद्र के साथ कानूनी प्रक्रिया में जाएंगे. अर्थात झारखंड की जनता को धोखा देने का काम शुरू कर दिया गया है और अंत में ये लोग हिमाचल की तरह खुद को दिवालिया बना लेंगे और झारखंड की जनता के साथ धोखा करेंगे.

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