गुणवत्ताावहान सड़क निर्माण पर ग्रामीणों का आक्रोश फूटा।
बिहार अररिया के फारबिसगंज प्रखंड के पिपरा पंचायत में 568.90 लाख की लागत से बन रही सड़क में अनियमितता का आरोप, ग्रामीणों ने घटिया निर्माण सामग्री और ठेकेदार की मनमानी पर जताई नाराजगी
फारबिसगंज (अररिया): पिपरा पंचायत में ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत बन रही 8.7 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण विवादों में घिर गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे सड़क की गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है। बुधवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने पहुंचे और निर्माण कार्य रुकवा दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की ढलाई में नदी से लाया गया उजला बालू उपयोग किया जा रहा है, जो मानकों के विपरीत है।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि संवेदक और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। जेई अजय कुमार और ठेकेदार जवाहर लाल यादव पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब है कि हाथ से ही उखाड़ दी जा सकती है। मौके पर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने इसे सरकारी पैसे का दुरुपयोग बताया।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एमआरएल शहवाजपुर से हटवा पथ निर्माण कार्य हो रहा है, जिसकी कुल लंबाई 8.7 किलोमीटर है। निर्माण कार्य के लिए 568.90 लाख रुपये का प्राक्कलन स्वीकृत किया गया है। यह कार्य ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल फारबिसगंज द्वारा कराया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने मजदूरों को काम करने से रोकते हुए निर्माण कार्य की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि निर्माण सामग्री और कार्यप्रणाली दोनों में ही बड़े स्तर पर अनियमितता बरती जा रही है। इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल फारबिसगंज के कार्यपालक अभियंता प्रवीण कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि सड़क का मापदंड जेई अजय कुमार से पूछा जाए। जब ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल फारबिसगंज के सहायक अभियंता अजय कुमार से बात की गई और स्टीमेट की मांग की गयी, तो उन्होंने बात को टालते हुए कहा कि अभी जो है, वह सही है
ग्रामीणों ने प्रदर्शन के दौरान सरकार और विभागीय अधिकारियों से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह सड़क जल्द ही खराब हो जाएगी, और लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।