देश- नैनो बबल टेक्नोलॉजी से साफ होगा दिल्ली जू का पानी, जानवर होंगे और भी तंदरुस्त- #NA
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भारत सरकार के जल जीवन मिशन और हर घर को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल देने के लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने एक नई पहल की है. सरकार ने अब दिल्ली के जू मे नैनो बबल तकनीक का इस्तेमाल किया है. इस नई पहल का उद्देश्य जू के तालाबों में रहने वाले मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे जलीय प्राणियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और पानी की गुणवत्ता सुधारना है.
सरकार का मानना है कि नैनो बबल तकनीक प्रभावी और आधुनिक समाधान के रूप में उभरकर सामने आई है. इससे पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा और उसके उपयोग को अधिक कुशल बनाने में सहायता मिलेगी. केंद्र में मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि इस तकनीक का प्राथमिक लक्ष्य पानी को साफ रखना, जलीय जीवों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करना है.
उन्होंने कहा, “साफ पानी से बदबू, शैवाल के निर्माण से निजात मिलती है. दिल्ली जू भारत में इस तकनीक को अपनाने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक है. जो कि जलीय जीवों के लिए और भी बेहतर होगा. यह कदम केंद्र सरकार की पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता की व्यापक पहल का हिस्सा है, जो जल निकायों के संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण पर केंद्रित है.
दिल्ली जू में उपयोग क्यों?
दिल्ली जू में स्थित झीलों और तालाबों में कई बार पानी में ऑक्सीजन की कमी देखी गई. जिससे मछलियों और अन्य जलीय जीवों के जीवन पर बुरा असर पड़ रहा था. पारंपरिक सफाई के तरीकों के बावजूद, जल निकायों में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई थी. दिल्ली जू में यह तकनीक फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है. अगर इसके नतीजे सफल रहते हैं, तो इसे अन्य जल निकायों और जू में भी लागू किया जा सकता है.
क्या है नैनो बबल तकनीक?
नैनो बबल तकनीक में 200 नैनोमीटर से छोटे बुलबुले पानी में ऑक्सीजन मिलाकर उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं। ये बुलबुले पानी में घुलने वाली अशुद्धियों को तोड़ने, बदबू हटाने और एल्गी के विकास को रोकने में कारगर हैं।
क्या हैं खासियतें
- पानी की सफाई और पुनर्चक्रण: यह तकनीक पानी से अशुद्धियों को हटाती है, बदबू और गंदगी को कम करती है. पानी की बर्बादी रोकते हुए उसे फिर से उपयोग के लायक बनाती है.
- एल्गी की वृद्धि रोकना: यह एल्गी के विकास को रोकती है, जिससे पानी साफ और पारदर्शी बना रहता है.
- पशु स्वास्थ्य पर ध्यान: साफ पानी से प्राणियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और उनकी प्राकृतिक आवास परिस्थितियां बेहतर होंगी.
- दर्शनीयता में सुधार: साफ पानी होने से पर्यटक पानी के नीचे भी जू के प्राणियों को आसानी से देख सकेंगे. जो जू के अनुभव को और आकर्षक बनाएगा. जू के अधिकारियों का मानना है कि यह कदम न केवल जानवरों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि जू की सुंदरता को भी बढ़ाएगा.
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