दुनियां – रूस के हमले की आशंका से डरा यूरोपीय देश, बच्चों को दे रहा हथियार चलाने की ट्रेनिंग – #INA

रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से जंग जारी है, ऐसा कहा जा रहा है कि रूस का अगला टारगेट पोलैंड हो सकता है. हालांकि पुतिन के गुस्से से जर्मनी समेत कई यूरोपीय देश दहशत में हैं और वह युद्ध की तैयारियों में जुटे हुए हैं. लेकिन पोलैंड ने एक अनोखा और हैरान करने वाला फैसला लिया है. गणित और इतिहास के बाद शूटिंग तीसरा ऐसा विषय है जो अब पोलैंड के स्कूलों में अनिवार्य हो गया है.
पोलैंड की सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में हथियारों की ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी आक्रमण के खतरे की आशंका से सरकार ने यह फैसला लिया है. हालांकि ट्रेनिंग में जिंदा कारतूस की जगह लेजर का इस्तेमाल किया जा रहा है जो हरी रंग की लाइट के जरिए टारगेट हिट होने का संकेत देती है.
18 हजार स्कूलों में दी जा रही ट्रेनिंग
पोलैंड के स्कूलों के छात्रों और उनके परिजनों को सरकार की यह योजना पसंद आई है. अभिभावकों का कहना है कि उन्हें गर्व है कि उनके बच्चे अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं. पोलैंड के करीब 18 हजार स्कूलों में सेफ्टी ट्रेनिंग के मकसद से बंदूक समेत तमाम उपकरण सरकार मुहैया करा रही है.
गणित, इतिहास के बाद शूटिंग कंपलसरी
देश के प्राइमरी स्कूलों में 13 से 14 साल के बच्चे प्रिंसिपल की देखरेख में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. स्कारजेवी के एक प्राइमरी स्कूल में गन चलाने की ट्रेनिंग ले रहे कुछ बच्चों का कहना है कि वह अपने परिवार और देश की सुरक्षा के लिए समय आने पर किसी पर गोली चला सकते हैं. इस स्कूल की प्रिंसिपल ने DW से बातचीत में कहा है कि यह पोलैंड के स्कूलों में अनिवार्य विषय है और इसके सिलेबस में गन की असेंबलिंग और ऑपरेटिंग शामिल है.
दावा किया जा रहा है कि पोलैंड सरकार को रूस के हमले का खतरा है इसलिए देश में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. स्कारजेवी के मेयर जैकेक पाउली ने कहा कि, ‘हम शूटिंग के लिहाज से युवा नहीं हैं, क्योंकि शूटिंग शुरुआती उम्र में सीखी जाने वाली विधा है. इसलिए मिनिस्ट्री ने स्कूली बच्चों को फायरआर्म ट्रेनिंग का फैसला लिया है.’
सरकार के फैसले से कुछ लोग नाराज
हालांकि देश के कुछ लोग सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए विरोध भी जता रहे हैं. लोगों का कहना है कि समाज में पहले से ही हिंसा काफी बढ़ी हुई है, ऐसे में युवाओं को गन चलाने की ट्रेनिंग देना सही नहीं है. ऐसे में तो लोगों को बाहर जाने में डर लगेगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि बच्चे ज्यादा समझदार नहीं होते हैं, ऐसे में उन्हें इस तरह की स्किल सिखाना बैकफायर कर सकता है.
पोलैंड में बंदूक रखना काफी आम है. पोलैंड के गन नियमों के तहत लोग पुलिस द्वारा जारी किए गए परमिट से मॉडर्न हथियार रख सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें जरूरी कारण बताना होगा, जैसे- शिकार करना, स्पोर्ट्स शूटिंग, ट्रेनिंग या कलेक्शन के शौक के लिए.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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