दुनियां – अब जंग में बेधड़क रूस की मदद करेगा नॉर्थ कोरिया! दोनों देशों के बीच नाटो जैसा समझौता लागू – #INA
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उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी KCNA ने गुरुवार को बताया कि जून में उत्तर कोरिया और रूस के लीडर्स के बीच साइन किया गया रक्षा समझौता प्रभावी हो गया है. रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों ने समझौते के बहाली वाले दस्तावेज एक-दूसरे को दे दिए हैं.
नॉर्थ कोरिया और रूस ने ऐसे समय में इस समझौते को औपचारिक तौर पर प्रभावी कर दिया गया है जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की मदद करने के लिए 10,000 से अधिक सैनिक भेजने का आरोप लगाया है.
रूस-नॉर्थ कोरिया के बीच रक्षा समझौता
दोनों देशों के बीच इसी साल जून में प्योंगयांग में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा समझौते पर सहमति बनी थी, पिछले महीने 9 नवंबर को पुतिन ने इस समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए थे वहीं 11 नवंबर को नॉर्थ कोरिया ने भी रक्षा समझौते की पुष्टि की थी.
इस समझौते के अनुसार अगर दोनों देशों में से किसी भी देश पर हमला होता है, तो यह बिना किसी देरी के एक-दूसरे को सैन्य मदद पहुंचाएंगे. इसके अलावा समझौते में एक-दूसरे के अंदरुनी मसलों में दखल न देना और एक-दूसरे की सुरक्षा व अखंडता के खिलाफ किसी दूसरे देश से समझौता न करना भी शामिल है. साथ ही दोनों देश परमाणु ऊर्जा, व्यापार और स्पेस सेक्टर में भी एक-दूसरे की मदद करेंगे.
युद्ध का अनुभव हासिल करना चाहते हैं किम
समझौते को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि, उत्तर कोरिया के लीडर किम जोंग उन मॉस्को से उन्नत तकनीक के बदले में अपने सैनिकों के लिए युद्ध का अनुभव हासिल करना चाहते हैं. रूस के राष्ट्रपति जब जून में नॉर्थ कोरिया के दौरे पर पहुंचे थे तब किम और पुतिन ने रणनीतिक साझेदारी समझौते पर सहमति जताई थी.
रूस की वॉर इकोनॉमी में जगह बनाने की कोशिश!
KCNA की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को दोनों देशों के डिप्टी विदेश मंत्री किम जोंग ग्यू और आंद्रेई रुडेंको ने मॉस्को में अनुसमर्थन दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया, जिसके बाद ये समझौता प्रभावी हो गया. पिछले महीने रूस की संसद में भी इस समझौते के लिए सर्वसम्मति से मतदान हुआ और बाद में पुतिन ने इस पर हस्ताक्षर किए.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सैनिकों को भेजकर उत्तर कोरिया खुद को रूस की वॉर इकोनॉमी में हथियारों, सैन्य सहायता और श्रम के आपूर्तिकर्ता के तौर पर स्थापित कर रहा है. और इस मामले में वह अब पारंपरिक सहयोगी, पड़ोसी और मुख्य व्यापारिक भागीदार चीन को भी दरकिनार कर रहा है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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