दुनियां – बांग्लादेश में नोटों से हटेगी मुजीबुर रहमान की तस्वीर, भारत से दो डिप्लोमैट बुलाए वापस – #INA

शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाने के महीनों बाद, बांग्लादेश ने अपनी करेंसी से शेख मुजीबुर रहमान की छवि मिटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश की स्थापना की थी. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से दो डिप्लोमैट वापस बुला लिए हैं. ये बंगाल और त्रिपुरा में तैनात थे.
बता दें कि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेशी मिशन में तोड़फोड़ के बाद यह फैसला लिया गया है. हालांकि, पुलिस ने उस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. कोलकाता में भी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया. इसीलिए सुरक्षा का हवाला देकर बांग्लादेश ने अपने डिप्लोमैट वापस बुला लिए हैं.
वहीं बांग्लादेश बैंक नए नोट छाप रहा है, जिसमें जुलाई के विद्रोह की तस्वीर होंगी. ढाका ट्रिब्यून ने गुरुवार को छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए बताया कि शेख हसीना को 5 अगस्त को भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था. जिसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला.
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, अंतरिम सरकार के निर्देश पर 20, 100, 500 और 1,000 टका के बैंक नोट छापे जा रहे हैं. अखबार ने बैंक के हवाले से बताया, “नए नोटों में ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर शामिल नहीं होगी. इसमें कहा गया है कि धार्मिक संरचनाएं, बंगाली परंपराएं और जुलाई विद्रोह के दौरान तैयार की गई छवि को शामिल किया जाएगा. बांग्लादेश बैंक के कार्यकारी निदेशक हुस्नेरा शिखा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नया नोट अगले छह महीनों के भीतर बाजार में जारी किया जा सकता है.
अखबार के मुताबिक, बैंक और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा नोटों से नेता की छवि हटा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शुरुआत में, चार नोटों का डिज़ाइन बदला जा रहा है, और अन्य को बाद के चरणों में फिर से डिज़ाइन किया जाएगा. वित्त मंत्रालय के वित्त संस्थान प्रभाग ने सितंबर में नए नोटों के लिए एक विस्तृत डिजाइन प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुजीबुर रहमान की विरासत पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान हमला हुआ, जो शुरू में एक विवादास्पद नौकरी कोटा के खिलाफ थे. उनकी मूर्तियों को निशाना बनाया गया क्योंकि उनकी बेटी भारत भाग गई थीं. उन्होंने हालिया टिप्पणियों में सीधे तौर पर यूनुस पर निशाना साधा है और उन पर हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने उनकी टिप्पणी को घृणास्पद भाषण करार दिया है, और देश के नेताओं ने कहा कि यूनुस सरकार के खिलाफ एक बदनामी अभियान चल रहा है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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