दिल्ली में 60.44% वोटिंग:पिछली बार से 2% कम मतदान; बुर्के में वोटिंग पर हंगामा हुआ; AAP विधायक ने फ्लाइंग किस की, FIR- INA NEWS

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए बुधवार को वोटिंग हुई। इस बार 60.44% मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा 66.25% वोटिंग नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में और सबसे कम 56.31% वोटिंग साउथ-ईस्ट दिल्ली में हुई। यह भाजपा सांसद मनोज तिवारी का संसदीय क्षेत्र है। पिछले 12 सालों में यह सबसे कम वोटिंग है। पिछले 3 चुनावों के मुकाबले कम वोटिंग
दिल्ली विधानसभा के पिछले 3 चुनावों के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है। साल 2013 में 65.63% वोटिंग हुई थी। 2015 में 67.12% और 2020 में 62.59% वोटिंग हुई थी। तीनों बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। इस बार 60.44% वोटिंग हुई है। हालांकि यह आंकड़ा फाइनल नहीं है। गुरुवार को यह फाइनल होगा। एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार
ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार बनती दिखाई दे रही है। 11 एग्जिट पोल आए हैं। 9 में भाजपा को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। 2 में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने का अनुमान है। एग्जिट पोल के पोल ऑफ पोल्स में भाजपा को 39, AAP को 30 और कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान है। JVC और पोल डायरी ने अपने एग्जिट पोल में अन्य को भी 1-1 सीट मिलने का अनुमान जताया है। पूरी खबर पढ़ें… सीलमपुर में फर्जी मतदान की शिकायत पर हंगामा
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सीलमपुर में बुर्के में महिलाओं से फर्जी मतदान करवाया गया। इस दौरान आप और भाजपा समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए, जिससे हंगामा शुरू हो गया। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने माना कि किसी और के नाम पर दूसरे लोग वोट डाल गए। हालांकि दिल्ली पुलिस ने जांच में कहा कि नाम एक जैसे होने की वजह से कंफ्यूजन हुआ। AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि नॉर्थ एवेन्यू एन ब्लॉक में 2000-3000 रुपए बांटे गए और लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाई गई। यह सब चुनाव आयोग की नाक के नीचे हो रहा है। AAP विधायक पर फ्लाइंग किस देने के आरोप में FIR
वोटिंग के दौरान AAP के 2 विधायकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। दिनेश मोहनिया के खिलाफ एक महिला ने फ्लाइंग किस देने का केस दर्ज कराया। ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है। अब 8 फोटोज में बड़े नेताओं की वोटिंग… 2013 में साल भर पुरानी पार्टी ने 29% वोट पाए, 2 साल में 54% तक पहुंची 2012 में गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी की नींव रखी गई। इसके ठीक 1 साल 1 महीने और 2 दिन बाद 4 दिसंबर, 2013 को दिल्ली विधानसभा चुनाव हुए। जब 8 दिसंबर को नतीजे आए तो AAP को 29.49% वोट के साथ 28 सीटों पर जीत मिली। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उनकी नई दिल्ली सीट पर करीब 26 हजार वोट से हराया। केजरीवाल को 53.8% वोट मिले, जबकि तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सिर्फ 22.4% वोट मिले। 7 साल में भाजपा का 5% वोट बढ़ा, सीटें 31 से घटकर 8 रह गईं दिसंबर, 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन बहुमत से 5 सीट पीछे रह गई। भाजपा ने 31 सीटें जीतीं। AAP ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन 2 महीने में ही गिर गई। करीब साल भर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन रहा। 2015 में चुनाव हुए तो भाजपा का वोट शेयर सिर्फ 0.88% घटा, लेकिन इतने से ही पार्टी ने 28 सीटें गवां दीं। पार्टी सिर्फ 3 सीटें जीत पाई। 2013 की तुलना में 2020 के चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 5.44% बढ़कर 38.51% हो गया फिर भी पार्टी सिर्फ 8 सीटें ही जीत सकी। 7 साल में 24% से 4% पर आई कांग्रेस, 2 बार से खाता भी नहीं खुला 1998 से 2013 तक लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीतने वाली कांग्रेस 2015 के चुनाव में खाता तक नहीं खोल पाई। पार्टी को सिर्फ 9.65% वोट मिले। जबकि, 2013 में कांग्रेस ने 24.55% वोट के साथ 8 सीटें जीती थीं। दिल्ली में पार्टी की दुर्गति यहीं नहीं रुकी। 2020 में वोट गिरकर 4.26% रह गया और पार्टी फिर से जीरो पर सिमट गई। उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की खबर यहां पढ़ें… तमिलनाडु की इरोड ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव की खबर यहां पढ़ें…

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यह पोस्ट सबसे पहले भस्कर डॉट कोम पर प्रकाशित हुआ हमने भस्कर डॉट कोम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है |

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