महिलाओं की बच्चेदानी में ऐसे हो जाता है इंफेक्शन, भूलकर भी न करें इग्नोर #INA

Womens Health: आज के समय गलत जीवनशैली की वजह से आज के समय में स्वास्थ्य की समस्या आम होने लगी है. क्या आपको पेट में दर्द और ऐंठन बनी रहती है? पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द का अनुभव होता है या वजाइनल डिस्चार्ज में बदबू है? अगर हां, तो इसे नजर अंदाज न करें, क्योंकि ये बच्चेदानी (गर्भाशय) में इंफेक्शन के लक्षण हो सकते हैं. गर्भाशय महिलाओं के शरीर का एक जरूरी अंग है, जो मां बनने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है.  

भ्रूण के विकास के लिए गर्भाशय का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. लेकिन अगर इसमें इंफेक्शन हो जाए, तो यह महिलाओं की सेहत के लिए खतरा बन सकता है. बच्चेदानी में इंफेक्शन आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है, जिसका मेन कारण कई बार हमारी अनदेखी या कुछ गलतियां होती हैं.  

बच्चेदानी में इंफेक्शन क्यों खतरनाक है?  

बच्चेदानी में इंफेक्शन तब होता है, जब वजाइना में मौजूद बैक्टीरिया गर्भाशय तक पहुंच जाते हैं.यह पेल्विक एरिया में सूजन का कारण बन सकता है. समय पर इलाज न होने पर इंफेक्शन गंभीर रूप ले सकता है,जिससे स्वास्थ्य संबंधी अन्य जटिलताएं हो सकती हैं. सही समय पर लक्षणों को पहचानना और उनका इलाज कराना बहुत जरूरी है.  

बच्चेदानी में इंफेक्शन के कारण  

साफ-सफाई का अभाव  

प्राइवेट पार्ट्स की साफ-सफाई न रखना इंफेक्शन का सबसे बड़ा कारण है. नियमित रूप से साफ-सफाई न करने से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो बच्चेदानी तक पहुंचकर संक्रमण का कारण बनते हैं.  

अनियमित पीरियड्स  

हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स का समय पर न आना भी संक्रमण का कारण बन सकता है. इसे इग्नोर करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.  

लापरवाही भरे शारीरिक संबंध

असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) का खतरा बढ़ जाता है, जो बच्चेदानी में इंफेक्शन का मुख्य कारण हो सकता है.

सेहत की जांच में लापरवाही

नियमित हेल्थ चेकअप न कराना संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है. समय पर जांच से इस समस्या का जल्द पता चल सकता है.

बच्चेदानी में इंफेक्शन के लक्षण

पेट में दर्द और ऐंठन  
असामान्य वजाइनल डिस्चार्ज  
वजाइना में जलन और खुजली  
शरीर का ज्यादा तापमान या बुखार  
थकान और कमजोरी  

बच्चेदानी में इंफेक्शन से बचाव और इलाज  

डॉक्टर की सलाह लें- डॉक्टर से परामर्श लेकर एंटीबायोटिक या एंटिफंगल दवाएं लें. 

दर्द से राहत के लिए दवाएं-दर्द कम करने के लिए डॉक्टर पेनकिलर या एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दे सकते हैं. 

आराम और सही डाइट-पर्याप्त आराम करें और पौष्टिक आहार लें.हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से आप संक्रमण से बच सकती हैं.

साफ-सफाई का ध्यान रखें-प्राइवेट पार्ट्स को साफ और सूखा रखें. मासिक धर्म के दौरान सैनेटरी पैड या टैम्पॉन को समय पर बदलें.

ये भी पढ़ें-अकेले हनीमून पर मंगेतर की यादों के साथ पहुंची लंदन, दर्द भरी कहानी सुनकर हो जाएंगीं आंखें नम

ये भी पढ़ें-White Hair Solution: कम उम्र में दिखने लगे हैं सफेद बाल, खाने में शामिल करें ये चीजें


#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह न्यूज़स्टेट डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज़स्टेट डॉट कॉम की ही होगी.

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science