वैशाली के जंदाहा प्रखंड में टीएलएम मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ आयोजन

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार।

जंदाहा प्रखंड में आज एक विशेष टीएलएम मेला और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस मेले का उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षकों द्वारा बनाए गए विभिन्न शिक्षण-समाग्री (टीएलएम) का प्रदर्शन करना था। जंदाहा की इस प्रदर्शनी में तेईस सीआरसी के शिक्षकों ने भाग लिया। यहाँ पर शिक्षकों ने खेल-खेल में बच्चो को शिक्षा देने की नयी विधियों का परिचय कराया। इस प्रकार के आयोजनों का मैक्सिमम उद्देश्य यह है कि छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जाए और उन्हें विविध प्रकार से सिखाया जाए।

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टीएलएम प्रदर्शनी का उद्देश्य और महत्व
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, छोटे बच्चों को शिक्षा देने का तरीका बदल रहा है। अब शिक्षकों को यह अपेक्षित है कि वे खेल-खेल में गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को ज्ञान दें। इस प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने शिक्षकों को हर वर्ष अपने हुनर को प्रदर्शित करने का अवसर देने का निर्णय लिया है। आज के टीएलएम मेले का यही उद्देश्य था कि शिक्षकों को मंच दिया जाए ताकि वे अपनी प्रतिभा दिखा सकें और बच्चों को नई विधियों के माध्यम से सिखा सकें।

सम्मान और पुरस्कार वितरण
आज के टीएलएम प्रदर्शनी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इसमें हिंदी टीएलएम में सीआरसी एसडीएच चक फतह के शिक्षकों को प्रथम स्थान मिला, जबकि नरहरपुर और खोपी को क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। उर्दू टीएलएम में नारी खुर्द को पहला, गराहि को दूसरा और बिझरौली को तीसरा स्थान मिला। पर्यावरण और हम विषय में बहसी को पहला स्थान, मुकुंदपुर भात को दूसरा और महीपुरा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। गणित और अंग्रेजी में भी शिक्षकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और उन्हें मेडल और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता धीरज कुमार (बीपीएम) ने की, जबकि संचालन भोला पासवान (लेखा सहायक) और उद्घोषक की भूमिका में गोपाल कुमार और सरोज कुमार ठाकुर ने योगदान दिया। कार्यक्रम में दर्जनों शिक्षक, शिक्षिका और छात्र उपस्थित थे।

शिक्षा में खेल का महत्व
आज के इस टीएलएम मेले में यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा में खेल का स्थान अति महत्वपूर्ण है। बच्चो को खेल खेल में सिखाना न केवल उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देता है, बल्कि उन्हें सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाता है। शिक्षकों ने इस मेले में यह दर्शाया कि कैसे विविध प्रकार के टीएलएम से छात्र अपनी पढ़ाई को और मजेदार बना सकते हैं।

निष्कर्ष
जंदाहा प्रखंड में आयोजित टीएलएम मेला एवं प्रदर्शनी ने प्रमाणित किया कि शिक्षकों के पास बच्चों को प्रभावी तरीके से सिखाने के अमूल्य साधन हैं। यह मेला हमारे शिक्षा प्रणाली में नई सोच और बदलाव को दर्शाता है। ऐसे आयोजनों से न केवल शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि छात्रों को भी एक नई दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। यह धरातल पर नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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