दुनियां – असुविधा पैदा करने के लिए…. साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने के बाद राष्ट्रपति ने मांगी माफी – #INA
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने के लिए शनिवार को पूरे देश से माफी मांगी है. साथ ही उन्होंने पेशकेश की के उनके महाभियोग पर संसदीय मतदान के चलते वो किसी भी कानूनी परिणाम को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं.
साउथ कोरिया में हाल ही में मंगलवार की देर रात को राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया था. हालांकि, देश में विरोध प्रदर्शन होने के बाद 6 ही घंटे के अंदर मार्शल लॉ समाप्त करने का ऐलान कर दिया गया था.
राष्ट्रपति ने पूरे देश से मांगी माफी
टीवी पर देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने सबसे पहले देश में सार्वजनिक चिंता और असुविधा पैदा करने के लिए खेद व्यक्त किया. इसी के साथ उन्होंने कसम खाई कि वो फिर कभी मार्शल लॉ नहीं लगाएंगे. राष्ट्रपति यून सुक-योल ने आगे कहा कि उनके राजनीति भविष्य का फैसला पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) करेगी. उन्होंने इसी के साथ कहा कि वो अपने इस कार्य के लिए किसी भी कानूनी या राजनीतिक नतीजे को भुगतने के लिए तैयार हैं.
पीपीपी लीडर ने की इस्तीफा देने की मांग
राष्ट्रपति के मार्शल लॉ लगाने के लिए माफी मांगने के तुरंत बाद पीपीपी पार्टी के लीडर हान डोंग-हुन ने यह कहते हुए कि वो अब राष्ट्रपति के पद के लिए फिट नहीं है, उन्होंने राष्ट्रपति यून सुक-योल के इस्तीफे की मांग की. विपक्षी सांसदों ने इसी के चलते महाभियोग प्रस्ताव दायर किया, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि वो महाभियोग के लिए दो-तिहाई बहुमत जुटा पाएंगे या नहीं.
देश में राष्ट्रपति के महाभियोग के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है. जबकि संसद में विपक्ष के पास 300 में से 192 सीटें हैं. इसी के चलते महाभियोग के लिए पास कराने के लिए विपक्ष को 8 वोट पीपीपी पार्टी की तरफ से चाहिए. हालांकि, बुधवार को 18 पीपीपी सदस्यों ने मार्शल लॉ हटाने के लिए वोट किया था.
राष्ट्रपति के मार्शल लॉ लगाने से देश में हर तरफ प्रदर्शन होने लगे और सिस्टम चरमरा गया. जहां एक तरफ पीपीपी पार्टी के लीडर हान ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की है, इसी के साथ पीपीपी ने एक संसदीय बैठक के दौरान महाभियोग के खिलाफ मतदान भी किया.
हान ने किए राष्ट्रपति के खिलाफ कई दावे
हान ने शुक्रवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल की शक्तियों को तत्काल निलंबित करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है. साथ ही हान ने यह भी दावा किया कि मार्शल लॉ के दौरान, यून ने खुद, विपक्षी नेता ली जे-म्युंग और नेशनल असेंबली स्पीकर वू वोन शिक सहित वरिष्ठ सांसदों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था.
हान ने कहा कि यून ने देश के खुफिया कमांडर को “राज्य विरोधी गतिविधियों” के आरोप में राजनेताओं को हिरासत में लेने का निर्देश दिया था. इसी के चलते अब देश में रक्षा मंत्रालय ने रक्षा प्रति-खुफिया कमांडर येओ इन-ह्युंग सहित कई प्रमुख अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. यून के पूर्व रक्षा मंत्री, किम योंग ह्यून, जिन पर मार्शल लॉ घोषणा का आग्रह करने का संदेह है, पर विद्रोह के आरोपों की जांच चल रही है.
क्यों लगाया था मार्शल लॉ?
राष्ट्रपति यून ने देश में यह कह कर मार्शल लॉ लगाया था कि देश को नॉर्थ कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों और देश विरोधी तत्वों से बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए यह फैसला लिया गया है. मार्शल लॉ लागू होने के बाद देश वासियों ने प्रदर्शन किया और इस के खिलाफ आवाज बुलंद की.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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