Crime- Rohtak: प्रॉपर्टी लेन-देन केस में वकील को अवैध हिरासत में रख वसूले 50 लाख, इंस्पेक्टर समेत 10 पर केस दर्ज -#INA
रोहतक में रेलवे रोड की 130 गज की प्रॉपर्टी के बयाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। आरोप है कि दिल्ली के वकील को 11 घंटे तक सिटी थाने में अवैध हिरासत में रखा। दबाव बनाकर 50 लाख रुपये भी वसूले। डीएसपी मुख्यालय की जांच रिपोर्ट पर सिटी थाने के निलंबित थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुलदीप, जांच अधिकारी एएसआई कुलदीप नैन सहित 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
मामले में खरावड़ निवासी बिजेंद्र उर्फ सरपंच, आर्य नगर निवासी संजय गर्ग, जयभगवान उर्फ ठेकेदार, टीटू, लाला, सोनू बिल्डर, सुमित सिंह व संदीप अहलावत को भी आरोपी बनाया गया है।
13 जून को दी थी शिकायत
पुलिस रिकाॅर्ड के अनुसार आर्य नगर निवासी संजय गर्ग ने 13 जून को सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसने दिल्ली की हर्षिता जैन के साथ रेलवे रोड पर पीरजी मोहल्ला में 130 गज जमीन का सौदा किया था। इसके लिए हर्षिता को बयाने के तौर पर 97 लाख 50 हजार रुपये की राशि दी गई थी। मई 2024 में संजय को पता चला कि हर्षिता ने मार्च में ही यह प्रॉपर्टी किसी अन्य के नाम करवा दी।
एफआईआर के अनुसार दिल्ली की पालम कॉलोनी निवासी वकील अशोक यादव ने डीजीपी को शिकायत भेजकर आरोप लगाया था कि सितंबर 2023 में हर्षिता जैन ने बताया कि रोहतक में उसकी संपत्ति है, जो वह संजय गर्ग को बेचना चाहती है। अशोक की मौजूदगी में संजय व हर्षिता के बीच 2 करोड़ 38 लाख 50 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। हर्षिता की ओर से अशोक और संजय गर्ग की ओर से बिजेंद्र उर्फ सरपंच को गवाह बनाया गया। यादव का कहना है कि हर्षिता का उसके पास फोन आया, बोली- तय समय अवधि के बाद भी संजय गर्ग ने उसे पूरी राशि नहीं दी है और संपर्क भी नहीं किया। इसलिए वह संपत्ति किसी अन्य को बेच रही है। 23 मार्च को हर्षिता के साथ अशोक यादव रोहतक तहसील में आए, यहां जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई। अप्रैल 2024 में हर्षिता ने अशोक यादव के खाते में 50 लाख रुपये भेजे। कहा, कि वह यह राशि अपने बेटे का रेस्त्रां खुलवाने के लिए निवेश करना चाहती है।
आरोपी ने किया फोन, तू रोहतक आ तुझे आज छोड़ूंगा नहीं
अशोक यादव ने शिकायत में आरोप लगाया है कि पुलिस ने हर्षिता जैन को गिरफ्तार कर लिया और उसे भी जांच में शामिल होने के लिए बुलाया। 24 जून को वह रोहतक सिटी थाने में आ रहा था तो रास्ते में संजय गर्ग का फोन आया। उसने धमकी दी कि तू रोहतक आ, तुझे आज छोड़ूंगा नहीं, तेरा इंतजाम आज हम करेंगे। वह थाने में पहुंचा तो आईओ कुलदीप उसे कमरा नंबर 102 में ले गए। वह आईओ के सवालों के जवाब दे रहे थे, तभी एसएचओ कुलदीप कमरे में आए। आईओ से कहा कि भाई अपने तरीके से सारी बातें पूछ ले और सहयोग नहीं करता है, तो मेरी तरफ से सारी छूट है। वहां पहले से ही वर्दी में अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
यह दिल्ली नहीं रोहतक है, यहां कुछ भी कर सकते हैं
शिकायतकर्ता (अशोक यादव) का कहना है कि जब पुलिस कमरे में उससे पूछताछ कर रही थी, तब उसके वकील साथी बाहर इंतजार कर रहे थे। इसी बीच संजय गर्ग अपने साथी बिजेंद्र (सरपंच) के साथ आया। थोड़ी देर बाद संदीप अहलावत, लालाजी, टीटू और कई अन्य लोग भी आ गए। जांच अधिकारी के सुझाव पर वह संजय गर्ग से बात करने के लिए तैयार हो गया, लेकिन संजय और उसके साथियों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। बोले, यह दिल्ली नहीं रोहतक है। यहां आपकी कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए, अपने रुपये चाहिए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके साथी वकीलों को धमकाया कि अगर अशोक यादव रुपये वापस करने की गारंटी नहीं लेता तो वे पुलिस स्टेशन से बाहर नहीं जाने देंगे।
पुलिस अफसर मेरे रिश्तेदार
पुलिस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता का कहना है कि एक आरोपी ने कहा कि एक युवक जेल में है, वरना ये मामला तो 2 दिन में सुलझ जाता। पुलिस की मदद की जरूरत ही नहीं पड़ती। आरोप है कि शिकायतकर्ता व उसके वकील साथियों को कई घंटों तक थाने में बंधक के रूप में रखा गया। थाने का मुख्य द्वार बंद कर दिया। उसे रुपये देने के पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। दूसरा आरोपी बोला, पुलिस अफसर मेरे रिश्तेदार हैं, अब तू देख तेरे साथ क्या करवाता हूं। बाद में जय भगवान उर्फ ठेकेदार भी उसी कमरे में आ गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसे थाने में 10 से 11 घंटे तक बैठाकर रखा। अशोक यादव का कहना है कि उसके पास आरोपी हर्षिता जैन का गारंटर बनने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसके बाद चार चेक संजय गर्ग के साथी वकील को सौंप दिए।
नोटिस रिकॉर्ड में नहीं लिया, अब आने की जरूरत नहीं
अशोक यादव का आरोप है कि जांच अधिकारी ने कहा कि उसे अब आने की जरूरत नहीं है। जांच में शामिल होने के लिए जो 41ए का नोटिस दिया था, उसे रिकॉर्ड पर नहीं रखा। आरोप है कि पुलिस थाने में उसे व उसके साथी वकीलों को बंधक के रूप में रखा गया। जबरन हस्ताक्षर करवाए गए। थाना प्रभारी कुलदीप व जांच अधिकारी एएसआई कुलदीप की मौजूदगी में ऐसा हुआ।
डीएसपी ने की जांच, पुलिस कॉल व मोबाइल लोकेशन ने खोले गई राज
एसपी हिमांशु गर्ग ने मामले की जांच डीएसपी मुख्यालय रवि खुंडिया को सौंपी। डीएसपी ने आरोपों की गहनता से छानबीन की। जांच के बाद 30 अगस्त को आर्य नगर थाने में केस दर्ज कराया है, साथ ही रिपोर्ट में ब्योरा दिया गया है कि मोबाइल की कॉल डिटेल से पता चला कि शिकायतकर्ता व आरोपियों की फोन पर बातचीत हुई है। मोबाइल लोकेशन भी मिल रही हैं। इसके अलावा आरोप है कि दबाव डालकर जबरन हर्षिता जैन का गारंटर बनाकर एक करोड़ देने के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करवाए गए।
डीएसपी ने इस पहलू की जांच की तो शिकायतकर्ता अशोक यादव की 11 बजकर 19 मिनट से 2 बजकर 20 मिनट तक की लोकेशन जिला अदालत के आसपास की मिली। रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पक्षों में रुपयों के लेनदेन का एग्रीमेंट हुआ है। हालांकि यह एग्रीमेंट केस की पुलिस फाइल में नहीं है।
डीजीपी के आदेशों का पालन नहीं, रिकाॅर्ड में इंट्री नहीं
डीएसपी ने जांच में बताया कि डीजीपी ने धारा 41ए के तहत 26 जनवरी 2024 को दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन मामले में नियमों की अवहेलना मिली है। आरोपी हर्षिता की गिरफ्तारी के समय थाना प्रभारी स्वयं सिविल ड्रेस में हाजिर थे। इसके बावजूद थाने में कोई डीडी इंट्री भी नहीं की गई है। ऐसा लगता है कि थाना प्रभारी व जांच अधिकारी ने दबाव देकर शिकायतकर्ता को रुपये देने के लिए मजबूर किया गया है।
मामले की गहराई से जांच की गई। जांच के बाद सिटी थाने के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर कुलदीप व जांच अधिकारी एएसआई कुलदीप को सस्पेंड कर दिया गया है। इन दोनों सहित 10 आरोपियों पर आर्य नगर थाने में केस दर्ज किया गया है। साथ ही मामले में . की जांच सीआईए प्रथम को दी गई। – रवि खुंडिया, डीएसपी मुख्यालय