जाली नोट के कारोबारियों पर किसका था संरक्षण, बना चर्चा का विषय
🔴 तत्कालीन पुलिस अधिकारी सवालों के घेरे मे
⚫ सवाल पे सवाल
कुशीनगर । नकली नोटों के कारोबार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर कुशीनगर पुलिस ने वाकई सराहनीय कार्य किया है जिसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है। अपने इस उपलब्धि पर यहां के पुलिस प्रशासन को खुद पर इतराना और वाहवाही लुटना भी स्वभाविक है। लेकिन सवाल यह है कि जनपद में हो रहे नकली नोटों का कारोबार कब शुरू हुआ ? और किसके संरक्षण मे फलफूल रहा था। देश की आर्थिक ढांचे की बुनियाद हिलाने वाला यह गैरकानूनी कारोबार क्या जिले मे एक-दो या छह माह पहले शुरू हुआ ? जबाब है, नही। सूत्रों का दावा है कि लगभग पांच वर्षों से यह कारोबार जिले के तमकुहीराज क्षेत्र में अपनी जड मजबूत कर रहा था। ऐसे मे सवाल यह भी उठता है कि एसपी संतोष कुमार मिश्र के आने से पहले यह कार्रवाई क्यो नही हुई। आखिरकार इस कार्रवाई से पहले जिले की पुलिस क्या कर रही थी? कही ऐसा तो नही कि नवागत पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र के आने से पहले यहां की पुलिस जाली नोटों के कारोबार करने वाले गिरोह को संरक्षण तो नही दे रही थी ?सवाल तीखा है किन्तु जायज और मुनासिब है।
बेशक। बीते दिनों कुशीनगर जनपद के तीन थाने की पुलिस के साथ साइबर सेल की संयुक्त टीम ने जाली नोटों का कारोबार करने वाले गैंग के ग्यारह सदस्यों को सलाखों के पीछे भेजकर न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में बनी हुई है बल्कि अपने इस गुडवर्क की खूब वाहवाही भी बटोर रही है लेकिन आम जनमानस के जेहन मे उठ रहे तमाम सवाल पुलिस को कटघरे में लाकर खडा कर दिया है। पुलिसिया कहानी में पुलिस के हत्थे चढे अब तक के सभी ग्यारह सदस्य नकली नोटो के कारोबार करने वाले गिरोह के संगठित सदस्य है जबकि स्थानीय लोगो का दावा है कि पकडे गये ग्यारह अभियुक्तों मे से आधे से अधिक अभियुक्त एक दूसरे के धुर विरोधी है और एक दूसरे पर बलात्कार, हत्या के प्रयास व जलसाजी का मुकदमा दर्ज करा चुके है। ऐसे मे सवाल उठना लाजमी है कि पुलिस अपने पठकथा मे धुर विरोधियों को एक संगठित गिरोह का सदस्य बताकर क्या खेला कर रही है। पुलिस की यह थ्योरी स्थानीय जनमानस के गले नही उतर रही है। इसके अलावा महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि कुशीनगर जिले में जाली नोटो का कारोबार कब से फलफूल रहा है ? स्थानीय लोगो के दावे मे दम है इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि नकली नोटो का कारोबार एक-दो या छह महीने से नही बल्कि वर्षों से फलफूल रहा है। यह बात दिगर है कि नये पुलिस कप्तान को जब देश की आर्थिक ढाचा को कमजोर करने वाले इस गैरकानूनी कारोबार की भनक लगी तो वह फौरन एक्शन मोड में आ गये। नतीजतन कल तक इन गिरोह को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सरक्षण देने वाले खाकी के नुमाइंदे न चाहते हुए भी अपने संपर्क मे रहे कारोबारियों को दबोचकर अपने खाते में एक गुडवर्क जोड लिया।
🔴 तत्कालीन पुलिस अधिकारियों को क्यो नही लगी इस कारोबार की भनक
कस्बाई लोगो की बात पर अगर यकीन करते हुए यह मान लिया जाए कि जाली नोटों का कारोबार विगत पांच वर्षों से चला आ रहा है तो पूर्व के पुलिस कप्तान सहित सीओ और सीमावर्ती क्षेत्र के थानेदारो पर भी सवाल उठना मुनासिब होगा। बात करे धाकड़ एसपी के रूप मे जिले मे अपनी पहचान बनाने वाले तत्कालीन पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल की तो, तकरीबन 27 महीने के इनके सफल कार्यकाल मे जिले मे 115 एनकाउंटर कर चार सौ से अधिक बदमाश पकडे गये जिसमे 50 हजार रुपये तक के इनामी बदमाश भी शामिल है। इसके अलावा धवल जायसवाल के निर्देशन मे बरवापट्टी थाने की तत्कालीन महिला एसओ सुमन सिंह के नेतृत्व में महिला पुलिसकर्मियों ने 25 हजार का इनामी बदमाश इनामुल उर्फ बिहारी को मुठभेड़ कर गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई की सराहना एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने की थी। किन्तु अफसोस जाली नोट के कारोबारियों की खबर धाकड़ धवल जायसवाल को भी नही हुई जो अपने आप मे यक्ष प्रश्न है, जबकि तत्कालीन एसपी धवल जायसवाल यह दावा करते थे कि पकडे गये अपराधियों व संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद जमानत पर छूटने के पश्चात उन अपराधियों के गतिविधियों पर उनकी पुलिस द्वारा निगेहवानी की जा रही है। ऐसे मे मोहम्मद रफीक अंसारी पर वर्ष 2014 मे धारा 323/504/506/452 वर्ष 2020 मे धारा 323/504/506 भादवि व एससी एसटी एक्ट, सेवरही थाना, वर्ष 2020 धारा 323/ 452/ 504/ 506 विशुनपुरा थाना, मु0अ0स0 51/2020 धारा 504 भादवि व 67 आईटी एक्ट थाना सेवरही, मु0अ0स0 450/2021 धारा 406/ 323/ 504/ 506 भादवि थाना तरयासुजान,वर्ष 2023 मे मुकदमा अपराध संख्या362/2023 धारा 147/ 323/ 352/ 406/ 419/ 420/ 504/ 506 भादवि थाना सेवरही, मुकदमा अपराध संख्या 274/2023 धारा 323/ 452/ 504/ 506 भादवि थाना सेवरही, मु0अ0स0 296/2023 धारा 147/ 323/ 354/ 506 भादवि व 3(1) (W) (1), 3(1) द,ध एससी एसटी एक्ट सेवरही थाना, मुकदमा अपराध संख्या 256/2023 धारा 147/ 323/ 504/ 506/ 308/ 354 भादवि व 3(1) द, एससी एसटी एक्ट के तहथ तमकुहीराज थाने में मुकदमा दर्ज है। इसी तरह औरंगजेब पर वर्ष 2015 मे तरयासुजान थाने मे मु0अ0सं0 735/2015 धारा 147/ 148/ 323/ 427/ 452/ 504/ 506 मुकदमा अपराध संख्या 1108/2015 धारा 147/ 148/ 323/ 427/452/504/506 भादवि तरयासुजान थाना, वर्ष 2017 में मुकदमा अपराध सं0 623/2017 धारा 504/506/120बी भादवि थाना तरयासुजान वर्ष – 2021 में मु0अ0सं0 520/2021 धारा 376/406/506 भादवि व 67 आईटी एक्ट थाना तरयासुजान, वर्ष 2023 में मु0अ0सं0 225/2023धारा 420/323/504/506 भादवि थाना सेवरही, मुकदमा अपराध संख्या 256/2023 धारा 323/504/506 भादवि थाना तरयासुजान वर्ष – 2024-मु0अ0सं0 276/2024 376डी/ 328/ 506/ 406 भादवि तमकुहीराज मुकदमा अपराध संख्या 248/2024 धारा 504 भादवि थाना तरयासुजान में दर्ज है इसी क्रम में परबेज इलाही पर वर्ष-2004 में मुकदमा अपराध संख्या 1432/2004 धारा 419, 420, 467, 168, 471 भादवि तरया सुजान थाना, वर्ष 2008 मे मु0अ0सं0 89/2008 धारा 419, 420, 467, 468, 471 भादवि थाना तरया सुजान वर्ष 2014 में मु0अ0सं0 320/2014 धारा 419, 420, 467,468,406 भादवि थाना बेतिया जिला पश्चित चम्पारण बिहार, वर्ष-2021 में मु0अ0सं0 520/2021 धारा 376,406,506 भादवि व 67 आईटी एक्ट थाना तरया सुजान, मु0अ0सं0 27/2021 धारा 323,504,506 भादवि थाना तरया सुजान, वर्ष-2023 मु0अ0सं0 370/2023 धारा 323,354,376,452,506,504, भादवि थाना सेवरही, वर्ष-2024 में मु0अ0सं0 215/2024 धारा 323, 406, 420, 504, 506 भादवि थाना सेवरही, मु0अ0सं0 276/2024 धारा 376डी,328,406,506 भादवि थाना तमकुहीराज में दर्ज है। नौशाद पर वर्ष 2017 में मुकदमा अपराध संख्या 556/2017 धारा 295 भादवि थाना तरया सुजान, मु0अ0सं0 817/2017 धारा 504 भादवि व 66 आईटी एक्ट थाना तरया सुजान वर्ष – 2019 मु0अ0सं0 265/2019 धारा 323, 504, 506, 116, 324, 308 भादविथाना तरया सुजान वर्ष – 2023 मे मु0अ0सं0362/2023 धारा 147, 323, 352, 406, 419, 420, 504, 506 भादवि थाना सेवरही में मुकदमा दर्ज है। शेख जमालुद्दीन पर वर्ष – 2000 में मु0अ0सं0-2210/2000 धारा 323, 452, 506, 504 भादवि थाना तरया सुजान वर्ष 1094 में मु0अ0सं0-140/1994 धारा 354 भादवि थाना तरया सुजान, वर्ष 2023 मे मु0अ0सं0-316/2023 धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506, 308 भादवि व 7 सी0एल0एक्ट थाना तरया सुजान, मु0अ0सं0-362/2023 धारा 147, 323, 352,406, 419, 420, 504,506 भादवि के तहत सेवरही थाने मे मुकदमा दर्ज है। फिर इन अपराधियों की निहेगवानी मे कैसे चूक हो गयी? इस एंगल पर भी जांच जरूरी है।
🔴एक दूसरे के धुर विरोधी, कैसे बन गये संगठित गिरोह के सदस्य
कहना ना होगा कि पुलिस ने जिन ग्यारह लोगो को जाली नोट और अबैध असलहे के साथ गिरफ्तार कर संगठित गिरोह बताकर जेल भेजा है वास्तव में इसमें से आधा दर्जन ऐसे लोग है जो आपस में एक दूसरे के न सिर्फ धुर विरोधी है बल्कि एक दूसरे पर बलात्कार, हत्या के प्रयास और जलसाजी का मुकदमा भी दर्ज करा चुके है। दुलमापट्टी निवासी रफी अंसारी के गिरोह ने परवेज इलाही पर मुकदमा दर्ज कराया है और परवेज ने रफी और नौशाद समेत तमाम अन्य लोगो पर मुकदमा दर्ज कराया है। इस गिरोह में परवेज के साथ उसके दो सगे भाइयों को भी मुल्ज़िम बनाया गया है इसमें परवेज ने अपने दोनों सगे भाइयों पर भी जालसाजी और मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया है और भाइयों ने भी परवेज पर मुकदमा दर्ज कराया है। इसके अलावा औरंगजेब और नकली नोट कारोबार गिरोह के सरगना बताये जा रहे रफी अंसारी के बीच मारपीट और विवाद हो चूका है। फिर सवाल यह उठता है कि जब यह सभी अभियुक्त आपस में ही एक दुसरे के विरोधी है तो फिर यह सभी मिलकर एक साथ संगठित गिरोह कैसे संचालित करते थे?
🔴व्हिल चेयर पर रहम की भीख मांग रहे अभियुक्त अपने पैरो पर देखे गये चहलकदमी करते हुए, वायरल वीडियो
खुलासा के दौरान मीडिया के समक्ष पुलिस अभिरक्षा मे परेड कराये गये चार अभियुक्त पूरी तरह से घायल दिख रहे थे लेकिन मेडिकल जाते समय अपने सही सलामत पैर पर चहलकदमी करते हुए जा रहे है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। ऐसे मे व्हिल चेयर और पैर मे प्लास्टर का क्या खेल है? ऐसे तमाम एंगल है जिस पर सवाल उठना मुनासिब है जिसका जबाब सिर्फ और सिर्फ पुलिस के पास है।
🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य