Crime- भागलपुर में धरती क्यों उगल रही बम? 2 साल में 5 बार हुआ ब्लास्ट, 18 की हुई मौत; दर्जनों घायल
भागलपुर जिले में बम ब्लास्ट जैसी बड़ी घटना अब आम बात हो गई है. बम बारूद से इसका पुराना नाता रहा है. आज हबीपुर में हुई ब्लास्ट की घटना ने शहर में धमाके के काले इतिहास को याद दिलाया है. ऐसे में कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार भागलपुर की धरती बम क्यों उगल रही है? क्या शहर बारूद की ढेर पर बसा है? पिछले दो सालों में बम ब्लास्ट की घटनाओं ने 18 से अधिक लोगों की जानें ले ली हैं. वहीं कई ऐसे घायल हैं, जो आज तक उस भयानक मंजर के दर्द को नहीं भुला पाए हैं. ब्लास्ट इतना भयानक रहा है कि कई बहु मंजिला इमारतों के चीथड़े उड़ गए हैं और धमाके की गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी है. अक्सर शहर के कई इलाकों में बम ब्लास्ट की छोटी घटनाएं होती रहती हैं तो वहीं कई प्रमुख जगहों पर जिंदा बम भी बरामद किए गए, जिससे लोगों के अंदर दहशत बनी रहती है.
बम ब्लास्ट की अनेकों घटनाओं से भागलपुर शहर इस कदर चर्चित हो गया है कि यहां कब क्या हो जाए, इसे कोई नहीं जानता. बिना लाइसेंस के ही बारूद का कारोबार जबरदस्त फल-फूल रहा है और पुलिस पूरे मामले से अनजान बनी हुई है. जांच के नाम पर कई अभियान चलाए जाते हैं. सभी पहलू की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की बात भी कही जाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद ही मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है और फिर एक नई घटना से सब कुछ ताजा हो जाता है.
2 साल पहले हुआ था दर्दनाक हादसा
2 साल पहले 22 मार्च 2022 को शहर के काजवली चक में एक ऐसी घटना हुई थी, जिसे कोई नहीं भूल सकता. रात के करीब 11:30 जब पूरा शहर सुकून की नींद लेने के लिए बिस्तर पर जा रहा था, तभी अचानक जोरदार धमाका होता है, जिससे अफरा-तफरी मच जाती है. घटनास्थल का दृश्य देखकर लोगों की आंखें फटी रह जाती हैं. दरअसल, तीन बड़े पक्के मकान जमींदोज हो जाते हैं. वहीं मलबे के अंदर से 15 लोगों की लाशें निकलती हैं.
जब ब्लास्ट में 15 लोगों की चली गई थी जान
यह घटना बम बनाने के दौरान घटी थी. घटना में दर्जन भर से अधिक लोग जख्मी भी हुए थे. जांच के बिंदु कई थे कि आखिरकार इतने शक्तिशाली बम को किस मंशा से तैयार किया जा रहा था. इसे कहां भेजने की तैयारी थी, लेकिन घटना से यह जरूर साबित होता है कि पुलिस अगर सजग रहती तो 15 लोगों की जानें नहीं जातीं. मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बड़े अधिकारियों को तलब कर खूब खड़ी-खोटी सुनाई थी. थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया था. वहीं STF समेत ADG को भी भागलपुर भेजा गया था. घटना से यह भी इनकार नहीं किया जा सकता कि शहर में कोई बड़ी साजिश न रची जा रही हो.
बम बनाने का काला कारोबार
भागलपुर जिले में बम बनाने का काला कारोबार इस वजह से भी फल-फूल रहा है, क्योंकि यहां शेखपुरा, नवादा, झरिया, पाकुर से भारी मात्रा में बारूद आसानी से उपलब्ध हो जाता है. यहां काजवली चक, हबीबपुर, नाथनगर के कई इलाकों में घर-घर के अंदर पटाखा बनाने का अवैध कारोबार भी चलता है, लेकिन पुलिस विस्फोट की घटनाओं को गंभीरता से नहीं ले रही, जिस वजह से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. लोगों का मानना है कि घटना के बाद पुलिस इसे हल्के में लेती है और जांच की सभी फाइलें बंद हो जाती हैं, जिस वजह से मौत के समान बनाने का कारोबार बढ़ता जा रहा है.
कब-कब बम धमाकों से दहला भागलपुर?
महज 15 महीने पहले 25 जून 2023 को हुसैनाबाद के रहने वाले अब्दुल गनी के घर में धमाका हुआ था, जिसमें उनका पूरा मकान जमींदोज हो गया था और घटना में उनके 17 वर्षीय पुत्र मोहम्मद तौशिफ की मौत हो गई थी. 15 जून 2023 को नाथनगर के मनोहरपुर में बगीचे के बगल घर में बच्चों के खेलने के दौरान ब्लास्ट हुआ था, जिसमें दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वहीं 3 साल पहले 13 दिसंबर 2021 को नाथनगर के मकदूम शाह दरघाट पर बम धमाके में एक बच्चे की मौत हो गई थी. इस वर्ष 17 फरवरी को नाथनगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर डेटोनेटर बम रखा गया था, जिसे बम निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज किया था.
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