Crime- Baba Siddique Murder: ग्लॉक, जिगाना और देशी… बाबा सिद्दीकी के मर्डर में इन पिस्टल का हुआ इस्तेमाल
12 अक्टूबर को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में NCP के बड़े नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाबा सिद्दी की हत्या को तीन शूटरों ने अंजाम दिया था. इनमें से दो शूटरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीसरा शूटर अभी फरार है. इन सबके बीच ये सवाल उठ रहा था कि बाबा सिद्दीकी के मर्डर में किन-किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया है? मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा सिद्दीकी के मर्डर में ऑस्ट्रेलियन ग्लॉक पिस्टल और तुर्की की जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा एक लोकल पिस्टल का भी इस्तेमाल बरामद किया गया है, जो देशी है. कुल तीन तरह के हथियार इस्तेमाल किए गए.
ऑस्ट्रेलियन ग्लॉक पिस्टल के कई वेरिएंट पूरी दुनिया में फेमस हैं. ग्लॉक पिस्टल भारत में आम नागरिक के लिए बैन है. ग्लॉक पिस्टल से एक साथ 36 गोलियां फायर होती हैं. ऑस्ट्रिया की कंपनी ग्लॉक भारत, अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस सहित 70 से अधिक देशों में सेना, पुलिस और विशेष बलों के लिए ग्लॉक हथियार बनाती है. ग्लॉक पिस्टल में छह से लेकर 36 राउंड तक मैगजीन का उपयोग हो सकता है. भारत में इस हथियार में 17 राउंड वाली मैगजीन का उपयोग किया जाता है. मैगजीन में एक साथ 17 गोलियां आती हैं. इसकी गोली 1230 फीट प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन को लगती है. इसकी रेंज भी 50 मीटर ही है.
भारत में ग्लॉक पिस्टल बैन
भारत में ग्लॉक पिस्टल का उपयोग आमतौर पर नहीं होता, ये प्रतिबंधित है. भारत में स्पेशल फोर्सेस, पैरा कमांडो, एनएसजी वगैरह को यह हथियार उपयोग के लिए दिया जाता है. 1982 के दशक से लेकर आज तक ग्लॉक की पहचान और विश्वास कायम है. आज दुनियाभर के देशों में इसे बेझिझक इस्तेमाल किया जा रहा है. इसने पूरी दुनिया को दिखाया है कि क्यों यह सबकी पसंद बन चुकी है. इसका आकर इतना छोटा होता है कि इसे अपने पर्स में भी रख सकते हैं. एक पिस्टल की कीमत आठ लाख रुपए है. यह खराब नहीं होती है.
यह बहुत ही भरोसेमंद हथियार है. इसमें 9MM की कोई भी गोली लग सकती है. इससे फर्क नहीं पड़ता है कि वह गोली किस बंदूक के लिए बनाई गई है. गोली अगर 9MM की है तो ग्लॉक-17 उसे बड़े ही आराम से चला सकती है. इसकी गोलियों को ढूंढने में बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. यह बहुत ही आसानी से मिल जाती हैं.
टर्की मेड पिस्टल की खासियत
मुंबई क्राइम ब्रांच ने टर्की की बनी पिस्टल को शूटआउट में इस्तेमाल करने की बात मान ली है. हालांकि टर्की की बहुत सी पिस्टल हैं, लेकिन किसी स्पेस्फिक पिस्टल का नाम क्राइम ब्रांच ने नहीं बताया, लेकिन तुर्की की पिस्टल कन्फर्म किया, जिसका आजकल उत्तर भारत के गैंगस्टर खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो टर्की की ये पिस्टल जिगाना है. हालांकि खुलकर मुंबई क्राइम ब्रांच ने नाम नहीं बताया, लेकिन इशारों में कहा कि इस पिस्टल का ही आजकल गैंगस्टर इस्तेमाल कर रहे हैं, जो वर्तमान में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए इस्तेमाल में खूब लाई जा रही है.
जिगाना पिस्टल को तुर्की में बनाया जाता है. इनकी कीमत 4 से 7 लाख रुपए के बीच पड़ती है. ज्यादातर जिगाना पिस्टल बॉर्डर पार से स्मगल करके लाई जाती है. पंजाब के हथियार तस्करों के पास यह बहुतायत में है. 2020 में ISI ने इसे गैंग्स को सप्लाई करना शुरू किया. दिल्ली के गैंगस्टर्स के पास भी मिली. इसकी खासियत इसे अहम बनाती है. ये लॉक्ड ब्रीच, शॉर्ट-रिकॉइल ऑपरेटेड वेपंस की कैटेगरी में आती है. इनमें मॉडिफाइड ब्राउनिंग-टाइप लॉकिंग सिस्टम होता है. ट्रिगर यूनिट डबल-एक्शन टाइप होता है. एक्सपोज्ड हैमर और स्लाइड-माउंटेड सेफ्टी होती है. जिगाना पिस्टल में एक ऑटोमेटिक फायरिंग पिन ब्लॉक और थ्री-डॉट फिक्स्ड साइट होता है. इसमें डबल-स्टैक मैगजीन रखी जा सकती है. स्टैंडर्ड की क्षमता 15 राउंड और एक्सटेंडेड की क्षमता 17 राउंड्स की है.
‘पाक’ की खूफिया एजेंसी भेजती है जिगाना की खेप
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत में जिगाना पिस्टल की खेप भेजती है. पंजाब बॉर्डर के जरिए इन्हें कभी ड्रोन से गिराया जाता है तो कभी ड्रग्स के साथ भेजा जाता है. कई बार नेपाल के रास्ते भी जिगाना पिस्टल भारतीय गैंगस्टर्स के पास पहुंचती है. फिर इन्हें यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के गैंगस्टर्स को बेचा जाता है. दिल्ली पुलिस ने इसके कई केसेस भी पकड़े हैं. जनवरी 2022 में गोगी गैंग के शूटर करमवीर को जिगाना पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस के साथ पकड़ा गया.
अक्टूबर 2021 में गोगी-बिश्नोई गुट के चार शूटर 9 पिस्टल के साथ पकड़े गए. इनमें जिगाना भी थी. 123 कारतूस भी मिले. अप्रैल 2021 में लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग के पांच शूटर्स पकड़े गए. इनके पास से दो जिगाना पिस्टल मिलीं. नवंबर 2020 में गैंगस्टर हाशिम बाबा को जिगाना पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया. मार्च 2020 में जितेंदर गोगी, कुलदीप फज्जा और रोहित मोइ को अरेस्ट किया गया. उनके पास से कम से कम तीन जिगाना पिस्टल मिलीं.
भारत में बैन है जिगाना पिस्टल
माफिया डॉन अतीक अहमद और भाई अशरफ हत्याकांड में जिगाना पिस्टल का कनेक्शन जुड़ा है. बताया जा रहा है कि इसी पिस्टल से दोनों की हत्या हुई. इससे पहले जिगाना पिस्टल से पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गई थी. भारत में यह पिस्टल बैन है. अवैध तस्करी के जरिए यहां लाई जाती है. जिगाना पिस्टल पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत पहुंचती है. फिलहाल इसका इस्तेमाल मलेशिया और अजरबैजान की सेना के साथ फिलीपिंस पुलिस और अमेरिकी कोस्ट गार्ड करते हैं.
गांजा का सेवन करते थे तीनों आरोपी
वहीं ये भी जानकारी मिली है कि बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वाले हमलावर गांजा का सेवन करते थे, लेकिन जिस समय आरोपीयों ने हमला किया, उस समय नशे में थे. यह कह पाना मुश्किल है. मामले की जांच कर रही टीम ने हमलावरों के किराए के घर से गांजा ड्रग्स के पाउडर बरामद किए हैं. ड्रग्स सप्लाई करने वाले व्यक्ति की तलाश में मुंबई क्राइम की टीम जुट गई है. हमलावरों की पहचान धर्मराज कश्यप, गुरमेल सिंह और शिवकुमार गौतम के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर गांजा के आदी थे.
पड़ोसियों को कॉल सेंटर में काम करने की बात बताई
घटना से 25 दिन पहले तीनों ने मुंबई ने कुर्ला पश्चिम में माइकल हाईस्कूल के पास पटेल चॉल में एक घर किराए पर लिया था. आरोपियों ने सेकंड हैंड दो बाइक खरीदी थी. इसी बाइक से ये आरोपी बाबा सिद्दीकी के घर और ऑफिस की रेकी करते थे और घूमने का काम करते थे. तीनों आरोपीयों ने कथित तौर पर पड़ोसियों से झूठ बोला कि वे कॉल सेंटर में काम करते हैं.
Source link