सेहत – आपके सामने आता है ये ‘घास’, तुलसी-मलेरिया सहित 120 का काल, क्या आप जानते हैं नाम?
हमारे आसपास ऐसे कई औषधियां पाई जाती हैं जिनके बारे में हमें पता ही नहीं होता। लेकिन, इन औषधियों का सेवन कई शांत से रात्रि विश्राम देता है। ऐसी ही एक दवा के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं।
हम बताते हैं कि भुईंया क्लब की हैं। यह भुनी जड़ी बूटी अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। इसका सेवन कई गंभीर जोखिमों में होता है। यह पाचन तंत्र पाचन तंत्र को पाचन तंत्र के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज में सहायक है।
इसके अलावा अन्य बीमारी और पेट के अल्सर जैसी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। इसके गुण के कारण, भुनी जड़ी बूटी को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। स्थानीय भाषा में इसे भू-अमला भी कहा जाता है।
यह भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में महत्वपूर्ण स्थान है। एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-वायरल गुण के कारण लिवर (लिवर) में होने वाले किसी भी तरह के नुकसान को उल्टा करने पर यह दुष्प्रभाव होता है। इसके सक्रिय सिलिकॉन सिलिकॉन के परमाणुओं को मुक्त मित्र से सुरक्षा प्रदान की जाती है और रोगियों के सहयोगियों को सहायता प्रदान की जाती है।
भुनी जड़ी बूटी बहुऔषधीय औषधि जो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। इसके उपयोग से अधिक प्यास लगने की परेशानी, खांसी, खुजली, खांसी, और बुखार जैसी बीमारियों से राहत मिल सकती है। भुईं कॉम्प्लेक्स के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इन पहलुओं को कम करने में सहायक होते हैं। यह शरीर प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करता है और सूजन को कम करता है।
ये भी पढ़ें: 100 बकरियां फंस गईं, फिर जमा हो गए गांववाले और किया ऐसा काम..वीडियो वायरल
क्या कहते हैं आयुर्वेदाचार्य
पिछले दो दशकों से आयुर्वेद के क्षेत्र में आयुर्वेदिक आयुर्वेदाचार्य और गाम जिले के मोहनपुर जिले के चिकित्सक बालेश्वर शर्मा ने स्थानीय 18 से बातचीत में भुई इंस्टीट्यूट के औषधीय ढांचे पर विस्तृत जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि भुनी मिठाई का स्वाद कसाई और मधु एक जैसा होता है। यह पित्त, पित्त, कफ, रक्त विकार, मलेरिया, दाह, मूत्र रोग जैसे 120 स्थैतिक के इलाज में उपयोगी है। शर्मा जी ने बताया कि इसके पत्ते और छात्रों को सुखकर पाउडर बनाया जा सकता है।
इसका उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है। बालेश्वर शर्मा ने कहा कि किडनी में पथरी या पथरी की समस्या बहुत आम है, और इसके कई कारण हो सकते हैं। इस स्थिति में भुनी मिठाई का सेवन अत्यंत संभव है। इसके अलावा, भुईंई स्पेशलिटीज़ स्पेशलिटीज़ गॉलस्टोन को रोकने में मदद करती हैं और एसिडिक किडनी स्टोन के बनने से भी रोकती हैं।
यह भी पढ़ें: ऐसे करें धान की गुणवत्ता, कम लागत में होगा बंपर दावा, रेटिंग ने अनुमान राज
पहले प्रकाशित : 30 अगस्त, 2024, 14:12 IST
Source link