सेहत – बैल में फोड़े-फुंसी सहित चर्म रोग से हैं परेशान, तो अपनाएं ये उपाय, जानें डॉक्टर की सलाह
सन्नन्दन उपाध्याय/बलिया: भालू में कई प्रकार के आकर्षण रोग जैसे – घमौरी, दादू, खाज खुजली, फोड़े फुंसी आदि लोगों को शिकार बनाते हैं। लोगों को मजबूरन अस्पताल का चक्कर लगाया जाता है। ऐसी कठिन परिस्थिति में अपनी त्वचा को कुछ खास गंभीर राखों से सुसज्जित, सुरक्षित और रोग मुक्त रखा जा सकता है। आइए विस्तार से जानें.
जिला बलिया के चर्म रोग एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभम राय ने बताया कि फूलों के मौसम में त्वचा से संबंधित कई लोगों पर लोगों का दबदबा हो जाता है। इस सीजन में कुछ खास पोर्टफोलियो को अपनाकर इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
फंगल संक्रमण: बैल के मौसम में फंगल संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसके लिए सुबह-शाम दोनों समय स्नान करें। डस्टिंग पाउडर का प्रयोग बेहद हानिकारक होता है। बारिश में भीगने पर घर आने के बाद शरीर को गोद से लेकर नारियल का तेल लगाने की सलाह दी जाती है।
विमर्श जानकारी: शरीर में प्रमुख बुक इंफेक्शन हो तो बदलाव के साथ साफ-सफाई पर ध्यान दें।
इंसेक्ट संक्रमण: जल जमाव और मच्छरों के संरक्षण के लिए रात में मच्छर दानी के संरक्षण का पूरा प्रयास के साथ पूरा कपड़ा संरक्षण अत्यंत आवश्यक और होता है।
पिंपल्स की समस्या: यह एक आम समस्या है. इससे बचाव के लिए डिक्लेरेशनर क्रीम का उपयोग बेहतर होता है। बारिश के मौसम में धूप की तगड़ी होती है, जिससे हिट रेशेज आती है। बचाव बचाव के लिए छाता, टोपी और गमछा आदि लेकर ही बाहर निकलते हैं।
पानी का महत्व: पानी की प्रचुर मात्रा पाई जाने से शरीर में पानी की कमी होने से कई प्रकार के त्वचा रोग भी हो सकते हैं। ध्यान रहे गंभीर समस्या पर चर्म रोग विशेषज्ञ से मिले न कि कोई मेडिकल से दवा लेकर जाना जरूरी है। वगैरा गुणवत्ता से कोई मिले दवा न लें.
पहले प्रकाशित : 7 सितंबर, 2024, 14:10 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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