सेहत – पेट-खाते ही पेट फूलकर बनने लगते हैं छतनार, उदर की इस एसिडिटी को 6 बार देखें पेट, कुछ ही दिनों में पेट हो जाएगा फ्लैट

एसिडिटी के लिए प्रभावी उपाय: कभी-कभी खाना खाने के बाद पेट फूल जाता है या फूल जाता है, यह एक सामान्य बात है लेकिन कुछ लोगों में यह बीमारी एक जैसी हो जाती है, जिससे उसका पेट फूल जाता है या फूल जाता है। . ऐसा लगता है कि पेट के अंदर से कोई सामान खरीद रहा है और यह राय वाला है। ऐसा हर बार खाना बनाने में ही समय लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो जान लें कि आपके पेट में एसिडिटी सबसे ज्यादा हो रही है। जब एसिड ज्यादा बनने लगता है तो गले के पास जो खाने की नली में स्फिंटर होता है वह लूज होने लगता है और इस कारण पेट में एसिड बनने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन पूरी तरह से यह बाहर नहीं निकल पाता है जिससे पेट में बहुत अधिक मात्रा में एसिड और गैस जमा होने लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो चिंता करने की जरूरत नहीं, कुछ उपाय से यह ठीक हो सकता है।

पेट तन जाने के कारण
पहले यह जान लें कि पेट इतना क्यों है. टीओआइ की खबर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डॉ. प्रदीप्ता ने लिखा है कि इसका मुख्य कारण खाने का सही समय नहीं होना या एक ही समय पर खाना नहीं होना है। इसके अलावा अधिक तनाव, धूम्रपान, अधिक कैफीन का सेवन, अधिक दालचीनी भोजन या अधिक तेल वाले भोजन पेट टैन या पेट के छतनार बनना की मुख्य वजह है। इसे एसिडिटी कहा जाता है लेकिन मेडिकल टर्म में इसे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स डिजीज -जीईआरडी-कहा जाता है.इसका एक और बड़ा कारण होता है पेट का खाली होना या भोजन नहीं करना. जब पेट खाली रहता है तो इसमें एसिड और ज्यादा बनने लगता है. इसलिए सबसे सबसे पहले तो पेट पेट पेट kana भी भी तन तन तन तन k-जल जल जल-कम कम कम कम कम कम कम कम-कम कम कम कम कम कम कम-कम

पेट फूलने से कैसे बचे

1. अपार्टमेंट नहीं रहे-विद्वानों का कहना है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका पेट खाली न हो। कुछ नाश्ते, फल या अन्य चीजें हर दो घंटे पर लें रहें। पेट खाली हो जाएगा तो एसिडिटी अधिक हो जाएगी।

2. डायग्नोस्टिक्स में स्पीकर-जब आप खाना खाते हैं और स्पष्ट रूप से स्पष्ट होते हैं तो इससे पाचन में बहुत समस्या होती है और इस दौरान पेट में एसिड भी मुख्य रूप से बनता है। इसलिए भोजन को सही से चबाकर तैयार करें।

3.अनहेल्दी रेस्तरां न टिकाऊ-एसिडिक भोजन का सेवन न करें। ऐसा भोजन न करे जो आपको पचे नहीं। अधिकांश तेल वाली वस्तुएँ न स्थिर, अधिकतर क्लिनिकल, अधिकांश थोकबिक्री वाली वस्तुएँ, अधिक मात्रा में निर्मित वस्तुएँ न स्थिर। वैकल्पिक स्थान दही, छाछ, बटरमिल्क आदि का सेवन अधिक करें।

4. खाने में तेल का इस्तेमाल-खाने में ज्यादातर तेल या घी का इस्तेमाल न करें. यानी अगर आप पिछले दिनों बहुत ज्यादा तेल में तलेंगे तो इससे एसिडिटी बहुत ज्यादा हो जाएगी।

5. तनाव से दूर रहें-तनाव कई स्थिर की मुख्य वजह है. इसलिए ऐसा काम करते रहे जिसमें तनाव न हो. अगर तनाव है तो इसे दूर करने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करें।

6. दुकान-घटक और सहयोगी दलों के समूह सबसे ज़रूरी है। बिना एक्सरसाईट पेट छतनार बनती ही रहेगी। इसलिए नियमित पशु चिकित्सक. कम से कम कुछ किमी का तेल जरूर लें।

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