सेहत – 9 संकेत हैं कि आपके किडनी होने लगे हैं खराब, अनहोनी से पहले करें कुछ उपाय, ऐसे होगा कंट्रोल
किडनी की समस्याओं के शुरुआती संकेत और लक्षण: किडनी (किडनी) हमारे शरीर का फिल्टर है। अगर हमारे शरीर में दोनों किडनी का काम बंद कर दिया जाए तो हम जीवित नहीं रह सकते। यही कारण है कि किडनी पर छोटी सी दुकान भी मुश्किल है। जब भी हम खाना खाते हैं तो खाने के साथ हमारे शरीर में कई तरह के रासायनिक रसायन भी पाए जाते हैं। इसके अलावा भोजन को पचाने के दौरान पेट में कई तरह के रासायनिक रसायन भी पाए जाते हैं। इसे शरीर से निकालने का काम लिवर और किडनी का होता है। किडनी के अंतिम रूप से इन जानवरों को बाहर निकाला जा सकता है लेकिन इसका महत्वपूर्ण काम यह है कि यह शरीर से बाहर नहीं जाता है। इसलिए यह 24 घंटे के खून को अच्छा रखता है। हमारे शरीर में पतला खून होता है वह 24 घंटे में कम से कम 40 बार किडनी से दीक्षा लेता है ताकि एक-एक यादगार चीज अच्छी हो जाए। अब यह समझ आ रहा है कि अगर किडनी में कुछ होता है तो पहले किडनी इसे ही ठीक कर सकती है। इसलिए किडनी में संकट के लक्षण तुरंत सामने नहीं आते। इसलिए जब क्रिटिकल डिजीज होना कहा जाता है। इसकी नौबत आने से पहले आप किडनी को ठीक कर सकते हैं।
किडनी खराब होने के संकेत
1. अनिद्रा में बेचैनी–मायो क्लिनिक के अनुसार, पेशाब में पथरी होना या ख़राब होना का पहला संकेत है। आप या तो अधिक मूत्रवर्धक या कम मात्रा में मूत्रवर्धक। वहीं पेशाब के रंग में भी बदलाव होता रहता है। पेशाब में जलन या पेशाब में नियमित दर्द होता है। पेशाब में स्माल आना लगता है. पेशाब में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने लगती है, इस कारण से मूत्र में झाग सामान्य हो जाता है। अगर ये सभी लक्षण दिखें तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
3. भूख कम लगाना-अगर शरीर में ज्यादा वेस्ट उत्पाद बने रहें तो यह अच्छा है कि शरीर में किडनी पर ज्यादा लोड है। इससे शरीर के अंदरूनी हिस्सों में यह उत्पाद जमा होने लगता है। ये सब भूख को कम कर देते हैं।
उल्टी, जी मितलाना-किडनी अगर सही होती है तो उल्टी भी होती है। इससे जी मितलाने लगता है.
ताखनों और स्वादों में सूजन- किडनी खराब होने पर खून पर हीमोग्लोपबिन का अनुमान लगाया जाता है। इससे स्टुअर्ट में सूजन होती है। कभी-कभी आंखों के नीचे भी सूजन दिखने लगती है।
मेंटल शार्पनेस में कमी- क्रोनिक किडनी रोग से संतुलन क्षमता में जो पहले शार्पनेस होता है वह घट जाता है। यानी अगर आपके दिमाग में किसी का चेहरा तेजी से बढ़ता है तो पहले याद कर लें थे, दृश्य अब नहीं होता। चेहरे दिमाग में आये भी नाम यान नहीं रहता. ऐसी कई तरह की वैज्ञानिकता कम होती दिख रही है।
कमजोरी और थकान -किडनी खराब होने पर शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान होने लगती है। यहां पर एक रात तक सही नींद भी नहीं आती है।
सांस फूलने लगे-यदि वेस्टेरियल से वेस्टेरियल को बाहर नहीं निकाला जाता है तो यह फेफड़ों में जमा हो जाता है, जिसके कारण दांतों में सूजन दिखाई देती है और सांस फूलने लगती है।
सीने में दर्द-यदि आपका रक्तचाप अधिक खराब हो गया है तो इस स्थिति में हार्ट की लाइनिंग के आसपास फ्लूड जमा होने लगता है जिससे सीने में दर्द होने लगता है।
ग़ज़ब-किडनी में कमोजरी होने पर स्कीनीस में आना शुरू हो गया है। इससे त्वचा में खुजली भी होती है। त्वचा में खुजली और जलन होने लगती है।
दस्तावेज़ीकरण कैसे करें?
डीओफ़ाईआर फ़ायर्फ़ न हो, इसके लिए सबसे पहले दस्तावेज़ खान-पान स्थिर। बाहर की दुकानें, रेस्तरां और सब्जियों का सेवन कम करें। घर में खाना बनाना सर्वोत्तम. हरी पत्तीदार सब्जी, समुद्री फल, साबुत अनाज, शाकाहारी मछली आदि का सेवन अधिक करें। पर्याप्त पानी पिएं. वहीं अगर कोई दवा ले रहे हैं तो पहले यह देख लें कि आपकी किडनी को कितना नुकसान होता है। डॉक्टर की सलाह से न लें. इसके साथ ही स्मोकिंग से किडनी की समस्या भी बढ़ती है। इसलिए धूम्रपान न करें. हमेशा वजन को नियंत्रण में रखें. मेडिकल स्टडीज से भी किडनी पर अन्य परेशानियां बढ़ सकती हैं इसलिए शरीर में हो रहे बदलावों के प्रति भी चौकन्ना रहना चाहिए।
पहले प्रकाशित : 13 अक्टूबर, 2024, 12:00 IST
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