सेहत – पॉल्यूशन में ज्यादा मात्रा में निकलने से हार्ट अटैक का खतरा दोगुना! सुबह-शाम ख़ार की तरह ढूँढता है शिकार, कार्डियोलॉजिस्ट ने चेताया

हार्ट अटैक का कारण प्रदूषण: राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में कोयले का धुआं पूरी तरह से अपने आगोश में ले चुका है। इस सूक्ष्म हवा ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सही तरीके से सांस लेना दूभर हो गया है। बाहरी दर्शनों पर दृष्टि से तूफानों की धार तक यात्रा की जाती है और सांसों पर हमला किया जाता है। पॉल्यूशन के कई तरह के नुकसान होते हैं, यह बात तो हम सभी जानते हैं लेकिन पॉल्यूशन से आपको दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इसलिए अगर आप इस कार्टून हवा में ज्यादा बाहर निकलते हैं तो यह बात सबसे ज्यादा खतरनाक है कि हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर हो जाए। यहां तक ​​कि इससे हृदय गति में तेजी से वृद्धि और घटने की समस्या हो सकती है।इतना ही नहीं अध्ययन में यह भी पता चला है कि जहां प्रदूषण अधिक होता है, वहां के लोगों की आयु अन्य लोगों की तुलना में कम होती है। इस पॉल्यूशन का हमारे हार्ट पर किस तरह का असर है इसे लेकर न्यूज 18 ने फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग में कार्डियोलॉजी विभाग के विभाग में पेश किया है। डॉ. नित्यानंद त्रिया से बात की.

पॉल्यूशन हार्ट पर क्या असर होगा
डॉ. नित्यानंद त्रिपाल ने बताया कि पॉल्यूशन यानी ये लोकोमोटिव हार्ट अटैक के खतरे को बहुत तेजी से बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि चीन में एक अध्ययन में पाया गया है कि जिस इलाके में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा था, वहां भूकंप के मामले सबसे ज्यादा थे। डॉ. नित्यानंद त्रियाल ने बताया कि पॉल्यूशन से कण हमारे शरीर के अंदर घुस जाते हैं और यह आसानी से कण में पहुंच जाते हैं। जब ये ख़ून में ज्वालामुखी हैं तो आसपास के क्षेत्र में सूजन पैदा कर देते हैं। सूजन उसी तरह होती है जब आपकी त्वचा कहीं कट जाती है और वहां पर सूजन आ जाती है। रक्त वाहिकाओं के अंदर यह अवसादग्रस्तता की स्थिति पैदा हो जाती है क्योंकि पहले जहां से इसे दबाया जाता था वहां भी रक्त का थक्का उभर आता है और अचानक रक्त का थक्का हो जाता है जिससे आपके शरीर में रक्त का थक्का जम जाता है। जैसे ही एकता बनीं खून जाने का रास्ता जाम हो जाएगा। फिर हार्ट ब्लड तक अमेरिकागा न वहां से शरीर में जाएगा। इससे हार्ट पंप बंद कर देगा। इस घटना के बाद हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेल्योर हो जाएगा।

कौन सा है सबसे ज्यादा खतरा
डॉ. नित्यानंद त्रिपाल ने बताया कि जिन लोगों को सबसे पहले हार्ट अटैक का खतरा होता है या उन्हें हार्ट अटैक आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। लेकिन हमें यह पता नहीं चला कि कैथोलिक ब्लड वैसल्स में पहले से ही काला जाम है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कौन सा हार्ट अटैक आएगा या नहीं आएगा। लेकिन सच तो यह है कि आज 20-25 प्रतिशत लोगों का ब्लड वैसल्स में ओला होता है। यह धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और एक दिन ऐसा आता है कि वह मोटा हो जाता है या थक्का जम जाता है। पॉल्यूशन जो हार्ट अटैक के बाद कभी भी आने वाला है वह जल्दी करा देता है। इस कारण अधिकांश लोगों को पॉल्यूशन में अधिकांश बाहरी आकाओं पर हार्ट अटैक का खतरा है।

अस्थमा हार्ट पर क्या असर होगा
पॉल्यूशन होने से हमारा पूरा सिस्टम हिलता है। डॉ. नित्यानंद त्रिपाल ने बताया कि पॉल्यूशन के कारण लंग्स हो जाते हैं या हार्ट पर स्ट्रेस बढ़ जाता है। इससे पहले आरक्षित क्षमता का उपयोग होना प्रतीत होता है। लंग्स और हार्ट को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। इससे पूरा शरीर ख़राब होता है। ऐसे में जिन लोगों का बीपी कंट्रोल होता है, उनका बीपी नियंत्रित हो जाता है और जिन लोगों का बीपी बॉर्डर लाइन पर है, उनका भी बढ़ जाएगा। इस पॉल्यूशन के कारण दिल में तेजी से वृद्धि होगी जिससे दिल को अतिरिक्त पंप करना पड़ेगा। यानी इस पॉल्यूशन का असर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर भी नकारात्मक रूप से पड़ेगा।

फिर क्या करना चाहिए
बेरहम पॉल्यूशन से बचने का यह सबसे अच्छा तरीका है कि मुक्ति संभव है। बाहर नहीं निकलें. सुबह-शाम सबसे ज्यादा पॉल्यूशन होता है, इसलिए हार्ट अटैक का खतरा भी सबसे ज्यादा इसी समय होता है। इसलिए कम से कम सुबह-शाम बाहर न निकलें. अंतःविषय वस्तुएँ न करें. घर के अंदर और अलग-अलग जगहों पर बने रहें और अगर संभव हो तो घर में एयर प्यूरीफायर रूम का सेवन करें।

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