सेहत – सड़क किनारे मिलने वाले ये पत्ते बेहद चमत्कारी, तीसरे आगे फल हो स्वादिष्ट देसी दवा, कितनी चुनौती का काल!

फ़िकस रिलिजियोसा लाभ: भारत में हल्दी के इलाज के लिए मसाले का प्रयोग किया जा रहा है। आयुर्वेद में आयुर्वेद में आयुर्वेद का विशेष महत्व बताया गया है और आयुर्वेदिक चिकित्सकों में भी नीबू को स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना गया है। पत्ते और फूलों में कई केमिकल्स पाए जाते हैं, जो कि औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। एक ऐसा ही पेड़ है पीपल का, जिसमें ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्यवर्धक औषधि के रूप में काम कर सकते हैं। पीपल के आलू का उपयोग पारंपरिक रूप से त्वचा डिजीज में किया जा रहा है। इन यौगिकों में एंटी विटामिन और एंटीफंगल गुणधर्म की मात्रा मानी जाती है। आम तौर पर पीपल के पेड़ हर जगह सड़क किनारे मिल जाएंगे और आप पीपल के पेड़ का लाभ उठा सकते हैं।

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन की रिपोर्ट के अनुसार पीपल का पेड़ (फाइकस रिलिजियोसा) आयुर्वेद में विशेष स्थान रखता है। इसमें औषधियों में औषधीय गुण होते हैं, जो कई चिकित्सीय औषधियों से राहत दिला सकते हैं। पीपल के पोषक तत्वों का उपयोग पाचन संबंधी सहयोगियों के निष्कर्षण में किया जाता है। इनमें मौजूद औषधीय तत्व पेट के लिए अत्यंत पाए जाते हैं। पीपल के व्यापारियों का सेवन कब्ज, दस्त और सूजन जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक है। इन पोषक तत्वों का काढ़ा पीने से पाचन क्रिया में सुधार होता है और भोजन की शुद्धि होती है। पीपल के पत्ते गैस्ट्राइटिस और एसिडिटी जैसी समस्याओं को भी कम करने में मदद कर सकते हैं।

कई शोधों में पीपल के विक्रेताओं का सेवन रेस्पिरेटरी सिस्टम को डॉक्युमेंट्री स्टोर में औषधि के रूप में माना जाता है। इन चिकित्सकों में एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मोटापे, ब्रोंकाइटिस, खांसी और सर्दी जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं। पीपल के दांतों को चबाकर उनके काढ़ा पीने से श्वसन मार्ग को साफ रखा जा सकता है और सांस की तकलीफों से राहत मिल सकती है। पीपल के विशेषज्ञों में एंटी-एक्विटीन और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो त्वचा की कई समस्याओं से प्रभावित हो सकते हैं। त्वचा पर दाग-धब्बे और फंगल संक्रमण जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा पीपल के पेस्ट से त्वचा की जलन और सूजन को भी कम किया जा सकता है।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पीपल के पत्ते के शिकार के लिए भी खतरनाक होते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि पीपल के नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। पीपल के बीजों में प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो कि अश्वगंधा के स्तर को बढ़ाते हैं और शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इसके लिए इन आर्क प्लांट या काढ़ा का सेवन किया जा सकता है। पीपल के अर्क को दिल की सेहत के लिए भी जाना जाता है। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और बीपी को नियंत्रित करते हैं।

सिर्फ इलायची ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए पीपल के पत्ते भी हो सकते हैं। पीपल के फलों में तनाव कम करने के गुण भी होते हैं, खाने में दाल का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। आयुर्वेद में इन चिकित्सकों की मानसिक स्थिति को मजबूत करने और शरीर के अंदर के आहार को बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। पीपल के पेय पदार्थ का सेवन या अंगूर के सेवन से मानसिक तनाव, एन्जायटी और अवसाद से राहत मिल सकती है। पीपल के पत्ते शरीर को शांत और सर्वव्यापी प्रभाव प्रदान करते हैं, जिससे अच्छी नींद में भी मदद मिलती है। पीपल के पत्ते न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। हालाँकि इन नुस्खे का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अपनी मोनिका से ये पत्ते का उपयोग न करें।

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