दुनियां – US Election: कमला हैरिस की जीत में ये यहूदी महिला बन रही रुकावट, मुसलमानों का मिल रहा साथ – #INA
अमेरिका में एक 74 साल की महिला उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की जीत के रास्ते में बड़ी रुकावट बन रही हैं. रूसी-यहूदी मूल की जिल स्टेन, डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति कैंडिडेट कमला हैरिस को कड़ी टक्कर दे रहीं हैं.
अमेरिका में मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं. कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के अलावा दो और प्रत्याशी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में हैं. इनमें ग्रीन पार्टी से जिल स्टेन और लिब्ररेटेरियन पार्टी से चेस ओलिवर भी चुनावी अपनी मैदान में किस्मत आजमां रहे हैं.
जिल स्टेन को अमेरिकी मुसलमानों का समर्थन
उधर ग्रीन पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार जिल स्टेन ने इस मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. जिल, बहुमत के लिए जरूरी इलेक्टोरल कॉलेज हासिल कर पाएंगी या नहीं यह तो वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा लेकिन उन्होंने कमला हैरिस की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल जिल स्टेन को अमेरिकी मुसलमानों का जमकर समर्थन हासिल हो रहा है.
मुस्लिम वोट बंटे तो हैरिस को होगी टेंशन!
काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन (CAIR) के सर्वे में जिल को 42.3 फीसदी मुस्लिम वोटर्स का समर्थन मिल रहा है जबकि हैरिस को 41 फीसदी. वहीं डोनाल्ड ट्रंप जो कि अपने पहले कार्यकाल में मुसलमानों पर बैन लगाने का वादा करते थे उन्हें करीब 10 फीसदी लोगों का समर्थन मिल रहा है. अमेरिकी मुसलमानों के बीच वोटों का यह बंटवारा चुनाव में कमला हैरिस को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है.
CAIR के मुताबिक अमेरिका में करीब 25 लाख मुस्लिम वोटर हैं, अगर अमेरिकी मुसलमानों के बीच किए गए इस सर्वे के आंकड़े सही साबित होते हैं तो यह व्हाइट हाउस में हैरिस की एंट्री के लिए सबसे बड़ी बाधा साबित हो सकते हैं.
मुश्किल स्विंग स्टेट्स में से एक मिशीगन में 2 लाख 40 हजार मुसलमान रहते हैं. मिशीगन के कई लीडर्स इजराइल-हमास युद्ध को लेकर बाइडेन प्रशासन के रवैये से बेहद खफा हैं और वह कमला हैरिस का समर्थन नहीं कर रहे हैं.
कौन हैं जिल स्टेन ?
14 मई 1950 को शिकागो में जन्मीं जिल स्टेन एक रूसी-यहूदी हैं, उनकी मां जर्मनी में हिटलर के शासन के दौरान हुए होलोकास्ट की सर्वाइवर थीं. जिल ने 1973 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन किया इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से 1979 में मेडिकल की डिग्री हासिल की. ग्रीन पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार, प्रोग्रेसिव और पर्यावरणविद जिल स्टेन पहले भी चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. वह क्लाइमेट जस्टिस, सभी के लिए हेल्थकेयर, सामाजिक समानता की वकालत के लिए जानी जाती हैं.
इससे पहले वह अमेरिका की विदेश नीति का विरोध करने के दौरान सुर्खियों में आईं थीं, उन्होंने इजराइल को हथियार सप्लाई का भी विरोध जताया है, साथ ही वह इजराइल के बॉयकॉट, डिवेस्टमेंट और सैंक्शन (प्रतिबंध) यानी BDS आंदोलन का समर्थन भी करती रहीं हैं.
ट्रंप की जीत में जिल का योगदान!
2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जिल स्टेन को 3 अहम स्विंग स्टेट्स विस्कॉन्सिन, मिशीगन और पेंसिल्वेनिया में 1 लाख 32 हजार वोट मिले थे. जिल को मिले इन वोटों के चलते ही डोनाल्ड ट्रंप इन तीनों स्विंग स्टेट्स में महज 77 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल कर पाए.
लिहाजा 8 साल बाद डेमोक्रेटिक पार्टी जिल स्टेन को लेकर अलर्ट हो गई है. पहली बार डेमोक्रेट्स ने थर्ड पार्टी कैंडिडेट्स को ट्रैक करने और कम भरोसेमंद साबित करने के लिए वॉर रूम बनाया है. इस वॉर रूम के एक कर्मचारी के मुताबिक लाखों रुपए खर्च करके 30 से ज्यादा लोगों को इस काम के लिए रखा गया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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