दुनियां – क्या पीएम मोदी के फैसले को कॉपी कर रहे हैं ट्रंप? इस कदम से दिखाई झलक – #INA

अमेरिका के नवर्निवाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले साल जनवरी में सत्ता संभालेंगे. राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने से पहले ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए टीम तैयार कर रहे हैं. वह एक-एक करके नियुक्तियां कर रहे हैं. उन्होंने अपनी टीम में एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को भी शामिल किया है. इन्हें एक ऐसे मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है जो एकदम नया है. दरअसल, ट्रंप ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) नाम से मंत्रालय बनाया है. ये ऐसा मंत्रालय है जिसका कामकाज पीएम मोदी के विचारों से मिलता जुलता है. उन्होंने पिछले 10 साल में अपनी सरकार में कुछ वैसे ही काम किए हैं.
क्या होगा ट्रंप के नए मंत्रालय का काम?
ट्रंप के नए मंत्रालय का नाम डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी है. इसका काम अगले 2 साल में अमेरिकी सरकार को चुस्त-दुरुस्त बनाना. उसे नौकरशाही के चंगुल से निकालना है. मंत्रालय का काम सरकारी खर्चों में कटौती, गैरजरूरी कानूनों को खत्म करना और सरकारी एजेंसियों का पुनर्गठन का होगा.
सरकार का आकार छोटा और प्रभावी करने का काम भी दिया गया है. यह मंत्रालय 4 जुलाई 2026 को अमेरिका की स्वतंत्रता के 250 वर्ष पूरे होने तक अपना काम करेगा. यह ट्रंप की महत्वाकांक्षी परियोजना है. वह इसे मैनहट्टन प्रोजेक्ट कहते हैं. यह वही प्रोजेक्ट है जिसके तहत द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एटम बम बनाने का प्रयास किया था.
भारत में भी उठाए गए ऐसे कदम
भारतीय नजरिए से देखें तो इसे सुशासन मंत्रालय कहा जा सकता है. हालांकि भारत में ऐसा अलग से कोई मंत्रालय नहीं है, लेकिन पिछले 10 वर्षों में ऐसे कई कदम उठाए गए हैं जिनमें निष्प्रभावी और अनावश्यक कानूनों को खत्म करना, नियमों को सरल बनाना और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा देना शामिल है.
सरकारी दखल को कम करने की कोशिश की गई. मंत्रालयों में आपसी तालमेल बढ़ाया गया. Minimum Government, Maximum Governance पर काम किया गया. पेशेवर लोगों की सरकार में भर्तियां की गईं.
क्या था मैनहट्टन प्रोजेक्ट?
ब्रिटेन और कनाडा के सहयोग से अमेरिका के नेतृत्व में ‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पहला परमाणु बम बनाने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम था. जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर सहित हजारों वैज्ञानिक ‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ का हिस्सा थे. ओपेनहाइमर के अलावा इस प्रोजेक्ट ने दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों को एक साथ लाया, जिनमें अल्बर्ट आइंस्टीन, एनरिको फर्मी और नील्स बोहर शामिल थे. यह ‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ ही था जिससे दो परमाणु बम बनाए गए, जो अगस्त 1945 में जापानी शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए, जिससे हजारों लोग मारे गए.
अमेरिकी सेना कोर ऑफ इंजीनियर्स के मेजर जनरल लेस्ली ग्रोव्स ने 1942 से 1946 तक इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया. ओपेनहाइमर लॉस एलामोस लैब के निदेशक थे जिसने बमों को डिजाइन किया था. यह प्रोजेक्ट न्यूयॉर्क के मैनहट्टन जिले में डिजाइन किया गया था और इसलिए इसे यह नाम दिया गया. ऐसा कहा जाता है कि इस परियोजना ने एक समय में लगभग 130,000 लोगों को रोजगार दिया था. उस समय इसकी लागत लगभग 2 बिलियन डॉलर थी.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button