दुनियां – ट्रंप के वापसी करते ही ईरान की परमाणु बम से तौबा, खामनेई के सलाहकार ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ – #INA

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ईरान के तेवर बदल गए हैं. अब ईरान अमेरिका से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है और न्यूक्लियर डील करने के लिए अपनी दिलचस्पी बार-बार दिखा रहा है. ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के शीर्ष सलाहकार ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक नया परमाणु समझौता करने का प्रस्ताव रखा है.
इस प्रस्ताव को अमेरिका के नए प्रशासन के साथ ईरान का सबसे उच्च स्तरीय प्रयास माना जा रहा है. गुरुवार को खामेनेई की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए इंटरव्यू में अली लारीजानी ने प्रस्ताव रखा कि ईरान हथियार न बनाएगा, लेकिन यूरेनियम संवर्धन क्षमताओं को बनाए रखेगा. लारीजानी ने अपना संदेश सीधे तौर पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के आने वाले प्रशासन को दिया, इसी प्रशासन ने 2018 में JCPOA परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था. जिसके बाद ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए थे.
क्या बोले खामनेई के सलाहकार?
लारीजाने ने इंटरव्यू के दौरान का, “अब आपके पास सिर्फ दो विकल्प हैं: या तो JCPOA पर वापस लौटें जिस पर पहले ही सहमति बन चुकी है… या, अगर आप इसे नहीं मानते, जैसा कि मैंने सुना है कि नए अमेरिकी प्रशासन ने कहा है, तो ठीक है. यह कोई रुकावट नहीं है, आइए और एक नए सौदे पर चर्चा करें.”
लारीजाने ने आगे कहा, “आप कहते हैं, ‘हम ईरान के न्यूक्लियर को तब तक स्वीकार करते हैं जब तक वह बम बनाने की ओर नहीं बढ़ता!’ ठीक है, हमारे पास इस स्तर पर संवर्धन है. इसलिए, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि ईरान के पास पिछले अनुभवों के आधार पर इसके लिए कुछ शर्तें हैं, हम बम बनाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ेंगे और आपको हमारी शर्तें माननी होंगी.”
कितना है ईरान परमाणु संवर्धन?
लारीजानी ने कहा कि ईरान ने अपने संवर्धन को 60 फीसद से ज्यादा बढ़ा दिया है, जो पश्चिमी शक्तियों की प्रमुख चिंता है, लेकिन ये बम बनाने के स्तर से काफी कम है. हालांकि पश्चिमी देशों के कई नेता और एजेंसियां ये दावा कर चुकी हैं की ईरान ने परमाणु संवर्धन बम बनाने के स्तर तक कर लिया है और वे किसी भी वक्त परमाणु शक्ति बन सकता है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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