Political – J&K चुनाव, दूसरा चरणः आधी सीटों पर पिछले दो चुनाव से नहीं बदली जीतने वाली पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस का दबदबा- #INA
फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर अब दूसरे चरण की 26 सीटों पर मतदान की तैयारी कर रहा है. इस दौर में जम्मू की 11 और कश्मीर की 15 सीटों पर 25 सितंबर को वोट डाले जाएंगे. परिसीमन से पहले इन सीटों की जो स्थिति थी, उसकी रौशनी में अगर देखें तो 13 सीटें ऐसी हैं जहां पिछले दो चुनाव (2008 और 2014) से एक ही पार्टी का कब्जा है.
कहने का अर्थ ये कि इन सीटों पर नेता भले बदलें मगर दो चुनावों से जीतने वाली पार्टी नहीं बदली. इन तेरह सीटों में 7 पर नेशनल कांफ्रेंस, 3 पर पीडीपी, 2 पर कांग्रेस और 1 पर भाजपा लगातार दो चुनाव से जीत दर्ज कर रही है. इस तरह जीती हुई सीट को बरकरार रखने में नेशनल कांफ्रेंस दूसरे दलों से कोसों आगे नजर आती है.
नेशनल कांफ्रेंस: 5 सीटें 1996 ही से पार्टी के पास
दूसरे चरण की पांच विधानसभा सीटें तो ऐसी हैं जहां 1996 से लगातार (यानी पिछले 4 चुनावों से) नेशनल कांफ्रेंस का हल (चुनाव चिह्न) चल रहा. कंगन और खानयार में 1996 के बाद से कभी नेशनल कांफ्रेंस नहीं हारी, तो बड़गाम और बीरवाह की सीट पर 1977 से ही पार्टी का कब्जा है.
जबकि श्रीनगर जिले के अंतर्गत आने वाली ईदगाह सीट पर 1983 के बाद से नेशनल कांफ्रेंस के अलावा कोई और नहीं जीत सका. 2002 के चुनाव को अगर छोड़ दें तो गांदरबल और हब्बा कदल भी नेशनल कांफ्रेंस के पास 1977 ही से है.
PDP: जिन सीटों पर पिछले दो चुनावों से नहीं हारी
नेशनल कांफ्रेंस के अलावा कोई ऐसी पार्टी नहीं जो इन 26 सीटों में से किसी पर भी पिछले 4 चुनाव से लगातार जीत रही हो. पीडीपी को इस कैटेगरी से बाहर रखकर देखना होगा क्योंकि वो 1999 में अस्तित्त्व में आई. हां, इस चरण की 3 सीटें ऐसी हैं जो पीडीपी पिछले कम से कम 2 विधानसभा चुनावों से अपने पास रखने में कामयाब रही है.
इनमें दो बड़गाम जिले की है – खान साहिब और चादूरा. पीडीपी के वजदू में आने के बाद से चादूरा तो उसके पास से कभी गई ही नहीं. वहीं, राजौरी जिले की दरहाल भी पीडीपी पिछले दो चुनावों से जीत रही थी मगर अब परिसीमन के बाद ये सीट नहीं बची. इसकी जगह बुढाल और थन्नामंडी नाम से दो सीटें वजूद में आ गई हैं.
कांग्रेस और BJP: जहां पिछले दो चुनावों से जीत रही
जम्मू संभाग की गुल अर्नास विधानसभा सीट पिछले दो विधानसभा चुनाव से कांग्रेस के एजाज अहमद खान जीत रहे हैं. हालांकि, परिसीमन के बाद अब इसकी जगह श्रीमाता वैष्णो देवी ने ली है. तो इस बार क्या परिस्थितियां होंगी, कहना मुशक्लि है.इसी तरह पुंछ जिले की सुरानकोट सीट पर पिछले दो चुनाव में कांग्रेस को कोई मात नहीं दे सका है.
भाजपा के हिस्से ऐसी केवल एक सीट है – रियासी. यहां पिछले दो चुनाव से भाजपा जीत रही है. बलदेव राज 2008 में तो अजय नंदा 2014 में कमल के निशान पर रियासी से जीते. बीजेपी के कुलदीप राज दुबे का इस चुनाव में मुकाबला कांग्रेस के मुमताज अहमद से है.
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