स्लम की महिलाओं को समझाया स्तनपान का महत्व

शहर के माल गोदाम चौक स्थित  स्लम बस्ती में द उम्मीद मिशन शिक्षा दान के तहत संचालित द  उम्मीद पाठशाला पर  विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान महिलाएं एवं माताओं को  जागरूक किया गया! द उम्मीद मेडीकल कोर के अध्यक्ष डॉ० सौमेन्दु मुखर्जी ने बताया कि स्तनपान बच्चों के जीवन की नींव है। बच्चे के लिए मां के दूध से बढ़कर कुछ भी नहीं है। यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला पीला गाढ़ा दूध, जिसे कोलोस्ट्रोम कहते हैं अवश्य पिलाना चाहिए, क्योंकि जो बच्चे मां के दूध से वंचित रह जाते हैं, वह किसी न किसी इंफेक्शन से जल्द पीडि़त  हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जन्म के एक घंटे के भीतर शीघ्र स्तनपान शुरू करवाने से शिशु मृत्यु दर में कमी होती है। विश्व स्तनपान सप्ताह (विश्व स्तनपान सप्ताह) हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है। यह सप्ताह स्तनपान के महत्व को बढ़ावा देने और माता-पिता को इसके फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए समर्पित है। इस दौरान विभिन्न गतिविधियाँ और अभियान आयोजित किए जाते हैं ताकि स्तनपान को प्रोत्साहित किया जा सके और महिलाओं को इसके लिए आवश्यक समर्थन प्रदान किया जा सके। इस दौरान  द उम्मीद के संस्थापक अध्यक्ष अमरजीत कुमार  ने बताया कि स्तनपान बच्चे को कई संक्रामक रोगों से रक्षा करता है। इससे बच्चे की प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है। अगर मां स्तनपान करवाती है, तो इससे उसे भी काफी लाभ मिलता है, जैसे स्तन व गर्भाशय के कैंसर से बचाव भी करता है।  मौके पर पूजा ,हेमा, नवनीत, आदेश आदि उपस्थित थे!

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