Technology, SAFALTA Talks : ग्लोबल सोशल प्रोफाइल्स को साइबर अटैक का है ज्यादा खतरा : विनीत कुमार — INA

सफलता.कॉम द्वारा साइबर सुरक्षा विषय पर आयोजित किए गए मास्टर क्लास सेशन में साइबर पीस के संस्थापक और ग्लोबल प्रेसीडेंट विनीत कुमार ने कहा कि आजकल साइबर ठगी, या डिजिटल अरेस्ट बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। गांव देहात, शहर के कम पढ़े लिखे लोगों के साथ-साथ बेहतर शिक्षित लोग भी डिजिटल ठगी का शिकार हो रहे हैं। कई बार कॉलर बोलता है कि वह पुलिस विभाग से है, या सीबीआई से है और आपके खिलाफ ये मामला दर्ज किया गया है। इतने रुपये देकर आप इसका निपटारा कर सकते हैं। इसी प्रकार कई कॉल एयरपोर्ट के नाम से आती हैं कि आपका पार्सल यहां आया हुआ है जिसको रिसीव करने के लिए आपको इतने हजार रुपये की ड्यूटी देनी होगी। लोग इन चक्करों में आकर ठगे जाते हैं। कई बार सामने से वीडियो कॉल करके कोई व्यक्ति आपके दूसरी ओर गलत वीडियो प्ले कर आपको धमकी देता है कि पैसा दे दो नहीं तो इसे वायरल कर दूंगा और समाज में आपकी बदनामी होगी। एआई की मदद से आवाज बदलकर भी आजकल लोग फोन करते हैं परेशानी में हूं बोलकर लोगों से पैसा मांग रहे हैं।

 

डिजिटल अरेस्ट करके हो रही ठगी 

इसके अलावा परिवार का कोई बालक – बालिका अगर घर से बाहर रहता है तो उनके माता -पिता को फोन पर डरा कर ऐसी कॉल्स जा रही हैं कि आपके बेटे ने ये काम कर दिया है अगर इतने रुपये ट्रांसफर नहीं किये तो ये केस अदालत में चला जाएगा। आपके बेटे को जेल भेज दिया गया है। ऐसे में लोग इनके झांसे में आ जाते हैं। इसके अलावा आजकल एआई से लिखकर मेल भेजकर, सीबीआई, सीए, या पुलिस विभाग से मेल आता है जिसके आधार लोग कॉल करके पैसे ठग रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में अब एक जामताड़ा नहीं रहा अब जगह – 2 ऐसे हब बन रहे हैं। आप जितना जागरूक रहेंगे और समय से रिपोर्ट कर देंगे उतना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा। आजकल चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज के मामले बहुत आ रहे हैं, बुलिंग के मामले भी आ रहे हैं। लोग आजकल ऑनलाइन अजनबी आदमी से दोस्ती कर लेते हैं। वर्चुअल रिलेशनशिप शुरू हो जाती है। गेमिंग आप ऑनलाइन करने लगते हैं। जिसके बाद उनके बीच अलगाव भी ऑनलाइन ही हो रहा है।

 

बच्चे और युवा बनते हैं आसान शिकार 

बच्चा वीडियो देखता है यूट्यूब पर, डोरेमॉन देखता है वहां वह डोरेमॉन जैसे करेक्टर में साइबर हैकर्स एक फेक करेक्टर डिजाइन करते हैं। जिससे बच्चे के साथ ठगी हो जाती है। तो आजकल साइबर ठगी, बुलिंग, सेक्सटॉर्शन, चाइल्ड ट्रैफिकिंग जैसी चीजें ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। साथ ही विनीत ने लोगों को सिक्यूरिटी पर खास ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन हमले से सुरक्षा को लेकर बच्चों से लेकर वयस्कों तक को सावधान रहना चाहिए।आजकल ज्यादातर लोग हर पोस्ट पब्लिक कर रहे हैं, कहीं घूमने जा रहे हैं या किसी सिनेमाहॉल में पिक्चर देख रहे हैं तो रियल टाइम लोकेशन सोशल मीडिया पर शेयर कर दे रहे हैं। इससे खतरा भी बढ़ रहा है। क्योंकि सोशल मीडिया पर लोकेशन शेयर करने से किडनैप करने वाले लोग एक्टिव हो जाते हैं वह जान जाते हैं कि आप किस एरिया में मिलोगे। इसीलिये साइबर ठग सबसे ज्यादा बच्चों औऱ युवाओं को अपना शिकार बनाते हैं।

 

ऐसे जांच सकते हैं आपके नंबर, आधार से हो रही अवैध गतिविधियों को 

गृह मंत्रालय और डीओटी ने ऐसे कई पोर्ट्ल्स जारी किये हैं जिसमें आप जाकर के अपना फोन नंबर डालें और आपको पता चल जाएगा कि आपका नंबर कहां कहां इस्तेमाल किया जा रहा है। या आपके नाम से कितने सिम कार्ड चल रहे हैं। या आपका ईमेल एड्रेस वहां डाल देंगे तो उससे आपकी सारी जानकारी निकलकर सामने आ जाएगी। सरकारी के अलावा निजी कंपनियों के पोर्टल्स भी हैं जो इस तरह की सेवाएं दे रहे हैं। साइबर क्राइम को 100 प्रतिशत काबू करना आसान नहीं है। लेकिन बच्चे या युवा जब भी किसी सोशल प्लेटफॉर्म पर आएं तो प्राइवेसी सेटिंग्स पर आप जाएं और उसे ऑन करें आप विजिविलटी को मैनेज कर सकते हैं। जितना आप खुद को ग्लोबल दिखाएंगे उतना ज्यादा अटैक फैक्टर बढ़ जाता है। सोशल मीडिया में एक सेटिंग होता है फ्रेंड्स ऑफ फ्रेंड्स।

 

संदेहास्पद प्रोफाइल्स से रहें दूर 

जितने आपके कनेक्शन हैं जिनको आप जानते हैं उन्हीं को आप अपना मित्र बनाएं। ऐसी कोई प्रोफाइल जो संदेहास्पद हो उससे दूर रहें। ऐसा कोई व्यक्ति जो आपको भड़काऊ संदेश भेज रहा है उससे दूर रहें। उसे तुरंत ब्लॉक कर दें। उससे पहले स्क्रीन शॉट जरूर ले लें। या स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर लें। सबसे पहले आप उस सोशल प्लेटफॉर्म को रिपोर्ट करें जहां घटना घटी। साथ ही जिस प्रोफाइल से घटना घटी उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए भी बोल सकते हैं। हर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ग्रीवेंस अधिकारी हैं। जिनको भी आप मेल कर सकते हैं। 

 

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