आगरा में व्यापारी उत्पीड़न: विद्युत विभाग के बकाया का मुद्दा बन रहा है संघर्ष की जड़

व्यापारियों का विद्याुत विभाग के खिलाफ बढ़ता आक्रोश

आगरा, 21 दिसम्बर। हाल ही में नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के पूर्व उपाध्यक्ष संजय गोयल ने विद्युत विभाग द्वारा भेजे जा रहे अनाप-शनाप बकाया नोटिसों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। उनका कहना है कि व्यापारी अब विद्युत विभाग का उत्पीड़न सहन नहीं करेगा। यह बकाया नोटिस केवल वर्तमान उपभोक्ताओं को ही नहीं, बल्कि 30 से 50 वर्ष पुरानी बकाया राशि के लिए भी जारी किए जा रहे हैं, जो कि स्पष्ट रूप से अन्याय है।

व्यापारी और विद्युत विभाग का संघर्ष

व्यापारी हमेशा अपने बकायों का भुगतान करने के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन विद्युत विभाग की इस नई कार्रवाई ने उन्हें आक्रोशित कर दिया है। संजय गोयल का कहना है कि व्यापारियों और उद्यमियों को दिए गए नोटिस में यह नहीं देखा गया है कि पुरानी बकाया राशि का वर्तमान उपभोक्ताओं से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, नोटिस भेजने से पहले विद्युत विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नोटिस सही हैं या गलत।

बनाए जा रहे दबाव का मुद्दा

दक्षिणांचल एवं टोरन्ट पावर की मिलीभगत से इस प्रकार नोटिस भेजकर दबाव बनाना विद्युत उपभोक्ताओं के साथ घोर अन्याय है। व्यापारी वर्ग का यह मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से व्यापार की गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं और व्यापारी मानसिक तनाव का शिकार होते हैं। जब कोई बिल्डिंग या दुकान बेची जाती है, तो खरीददार को ऐसे प्रमाण नहीं दिए जाते हैं, जिससे पता चल सके कि बिल्डिंग पर कोई बकाया है।

बकाया राशि को खत्म करने की आवश्यकता

व्यापारी समुदाय का यह भी कहना है कि टोरंट पावर कंपनी के आने के बाद यदि दक्षिणांचल का कोई बकाया होता है, तो इसे खत्म कर देना चाहिए। सरकार को भी इस दिशा में पहल करते हुए इस प्रकार के बकायों को माफ करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

विद्युत विभाग के खिलाफ व्यापारी एकजुट

व्यापारियों का यह आंदोलन केवल उनके मौजूदा बकायों को लेकर ही नहीं है, बल्कि यह उनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए भी है। इस मामले में व्यापारी समुदाय एकजुट होकर प्रौद्योगिकियों का सहारा लेकर अपनी बात को मजबूती से रख रहा है। उनका कहना है कि यदि विद्युत विभाग ने इस उत्पीड़न को समाप्त नहीं किया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

व्यापारी उत्पीड़न: समाधान की दिशा में कदम

इस प्रमुख मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए संजय गोयल ने कहा कि इस समय व्यापारी वर्ग को एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी होगी। यह केवल उनके व्यवसाय का सवाल नहीं है, बल्कि उनके सम्मान, आत्मसम्मान और स्थिरता का भी मामला है।

निष्कर्ष

व्यापारी उत्पीड़न का यह मामला विद्युत विभाग के अनाप-शनाप बकाया नोटिसों के खिलाफ व्यापारी समुदाय की आवाज बन चुका है। अब यह देखना होगा कि सरकार और विद्युत विभाग इस समस्या का समाधान कैसे करते हैं। व्यापारी वर्ग के हितों की रक्षा करना आवश्यक हो गया है, और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह मामला और बढ़ सकता है।

व्यापारी समुदाय का सहयोग और एकजुटता इस संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए अनिवार्य है। इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों को ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएँ न हो सकें। फुटकर नज़रिए से यह मुद्दा व्यापारियों के प्रति उत्पीड़न का एक ख़ुले रूप में विकसित हो रहा है, और इसका समाधान अनिवार्य है ।

 

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