दुनियां – यूनुस सरकार में 1971 से ज्यादा बिगड़ गए हालात, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर विदेशी ताकतें चुप – #INA

मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की बाढ़ आ गई है, जो 1971 के बाद सबसे खराब है. यूनुस जैसे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता देश के संघर्ष को ठीक करने के लिए मरहम की तरह काम कर सकते थे, लेकिन वह इसके बिल्कुल उलट जाते दिख रहे हैं.
प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस को बड़ी उम्मीद भरी निगाहों से देखा जा रहा था, जो देश को संकट से निकालने में मदद करेंगे. लेकिन उनके कार्यकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसक हमलों की बाढ़ आ गई है, जिसको 1971 के बाद सबसे खराब दौर माना गया है.
यूनुस जैसे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता देश के संघर्ष को ठीक करने के लिए मरहम की तरह काम कर सकते थे. हालांकि, उनके सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अभूतपूर्व अत्याचार हुए हैं और ये सिलसिला जारी है. TV9 नेटवर्क के इंग्लिश कलेस्टर के संपादक राकेश खेर बताते हैं कि बांग्लादेश में मानव अधिकारों का सबसे बुरा हनन पिछले कुछ हफ्तों में हुआ है.
आंतरराष्ट्रीय शक्तियां खामोश
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बाद भी, इसके खिलाफ विदेश ताकतों ने आवाज नहीं उठाई है. न्यूज9 प्लस के संपादक संदीप उन्नीथन बताते हैं कि फाइव आई अलायंस ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर अपनी आंखें बंद कर ली हैं. इसका एक संभावित कारण बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की स्थापना में अमेरिका की कथित तौर पर शामिल होना हो सकता है.
गोवा क्रॉनिकल के संस्थापक और प्रधान संपादक सवियों रोड्रिग्स ने यूनुस को CIA की कठपुतली बताया है. उन्होंने कहा, “हसीना को बाहर करने की साजिस अमेरिका एजेंसी CIA ने रची थी.
भारत के लिए सिरदर्द
रोड्रिग्स का कहना है कि यूनुस का झुकाव इस्लामिक कट्टरपंथ को समर्थन देने की ओर है. यह भारत के लिए समस्या बन सकता है. पाकिस्तान पहले से ही एक इस्लामी पड़ोसी है और अब बांग्लादेश भी धर्मनिरपेक्षता से इस्लामी मान्यताओं की ओर बढ़ने के संकेत दे रहा है. जबकि अंतरिम सरकार से यह अपेक्षा की गई थी कि वह किसी भी लोकतंत्र की तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए समय सीमा तय करेगी, यूनुस सरकार ने इस दिशा में आगे बढ़ने के कोई संकेत नहीं दिए हैं.
रोड्रिग्स ने आगे कहा कि बांग्लादेश के लोगों को अपने नेताओं को लोकतांत्रिक तरीके से चुनने के अधिकार को पुनः प्राप्त करने के लिए एकजुट होना होगा.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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