National-बिहार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, LJP ने संसदीय बोर्ड ने का बड़ा फैसला! – #INA

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान इन दिनों हर मौके पर एक ही नारा दोहराते हैं- ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’। इसी कड़ी में अब उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी संसदीय बोर्ड में फैसला किया है कि उनके नेता चिराग पासवान आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। चिराग फिलहाल हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं और केंद्र में मंत्री भी हैं। इससे पहले चिराग पासवान खुल कर कह चुके हैं, “उनका दिल्ली में मन नहीं लगता और बिहार उन्हें बुला रहा है।”
NDTV के मुताबिक, LJP के संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी ने तय किया कि चिराग न केवल चुनाव प्रचार में एक्टिव रहेंगे, बल्कि खुद किसी प्रमुख सीट से उम्मीदवार भी होंगे। बड़ी बात ये है कि वे किसी रिजर्व सीट से नहीं बल्कि जनरल सीट से चुनाव में ताल ठोकेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, चिराग के चुनाव लड़ने से बिहार में NDA गठबंधन को और मजबूती मिलेगी। उनकी युवा छवि और बिहार के विकास के लिए उनकी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की सोच को जनता के बीच ले जाने की रणनीति बनाई गई है।
इससे पहले न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि पार्टी के नेताओं ने 30 मई को बिहार के बिक्रमगंज में इस बारे में विचार करने के लिए बैठक की थी, जहां कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया था। हालांकि, चिराग पासवान खुद इस बैठक में नहीं थे।
लोजपा (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने बताया कि बिहार पासवान की राजनीति का केंद्र है और उन्होंने राज्य के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में बार-बार बात की है, जिसमें केंद्रीय मंत्री की तरफ से पेश किए गए ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ एजेंडे पर भी बात की गई।
भारती ने कहा, “अगर पासवान बिहार की धरती और विधानसभा से इस एजेंडे को दोहराते हैं, तो यह बेहतर ढंग से व्यक्त किया जा सकता है।”
LJP का शक्ति प्रदर्शन
इस कदम को बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक (NDA) गठबंधन के इस महत्वपूर्ण घटक के शक्ति प्रदर्शन की तरह देखा जा रहा है। यह भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के बाद NDA का तीसरा सबसे बड़ा दल है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA में सीट बंटवारे की बातचीत अभी शुरू नहीं हुई है और इसके घटक कठिन सौदेबाजी से पहले खुद को आगे बढ़ा रहे हैं।
दलित समुदाय के प्रमुख नेता रामविलास पासवान की बनाई गई पार्टी खुद को राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानती है, जहां RJD-कांग्रेस-वाम गुट दो दशक के बाद कुमार को सत्ता से हटाने की कोशिश में हैं।
LJP (रामविलास) चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को औपचारिक रूप देने के लिए अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी या प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक बुला सकती है।
NDA से बाहर निकल गए थे चिराग
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में NDA से बाहर निकलने और नीतीश कुमार के साथ अपने मतभेदों के कारण ज्यादातर JDU के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करने के पासवान के फैसले से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को भारी नुकसान हुआ, जिससे वह भाजपा के मुकाबले निश्चित रूप से पीछे हो गई और विपक्ष सत्ता से कुछ ही दूर रह गया।
हालांकि, पासवान की पार्टी उस चुनाव में केवल एक सीट जीत सकी और बाद में उसे विभाजन का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में उसने अपना राजनीतिक जादू फिर से हासिल कर लिया तथा 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने पांच लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत हासिल की।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली पार्टियां 243 सदस्यीय विधानसभा वाले राज्य में राजग की अन्य सहयोगी हैं।
तीसरी बार लोकसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे चिराग पासवान ने कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन हाल में उन्होंने राज्य की राजनीति के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की है।
बिहार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, LJP ने संसदीय बोर्ड ने का बड़ा फैसला!
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