यूपी- 5 स्टार होटल्स थे सॉफ्ट टारगेट, कॉन्फिडेंस से करता था चोरी… ऐसे चोर की दास्तान नहीं सुनी होगी आपने – INA
जयेश रावजी सेजपाल ने वर्ष 2000 में हेराफेरी फिल्म देखकर चोरी की शुरुआत की. उसने 24 साल में 24 बड़े फाइव स्टार और सेवन स्टार होटल में चोरी की घटना को अंजाम दिया. बीते 16 नवंबर को उसने गोरखपुर जनपद के रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र की कोर्टयार्ड बाय मैरिएट होटल में चोरी की घटना को अंजाम दिया था. उसी के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. वह दोबारा जब चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए 11 दिसंबर को गोरखपुर आ रहा था तभी वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया था.
जयेश ने पुलिस को पूछताछ में बताया तब कि उसका जन्म वर्ष 1970 में मुंबई में हुआ था. कुछ समय बाद वह गुजरात जाकर बस गया. शादी के बाद एक बेटी हुई जो वर्तमान में इंटर में पढ़ रही है. उसकी चोरी की आदत से आजिज होकर उसकी पत्नी और बच्चे उससे अलग हो गए. उसके बाद वह चोरी करके अपने सट्टेबाजी और अन्य शौक को पूरा कर रहा है. वह मात्र हाई स्कूल तक पढा है. शुरू में उसका कैटरिंग का व्यवसाय था, लेकिन उसमें नुकसान होने लगा. कैटरिंग का काम करते समय वहां अक्सर होटलों के रिसेप्शन पर बैठता था और वहां की गतिविधियों की जानकारी लेता रहता था. उसने पुलिस को बताया था कि इसी दौरान पता चला कि फाइव स्टार होटल के रिसेप्शन का स्टाफ हर चार घंटे बाद बदल जाते हैं. यही नहीं होटल में रहने वाले लोग जब भी घूमने जाते हैं तो अपने रूम की चाभी रिसेप्शन पर जमा करते थे.
ऐसे में मुझे लगा कि जब लोग बाहर घूमने जाते हैं तो उस दौरान उनके रूम की चाभी लेकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है. क्योंकि स्टाफ जब बदल जाता है तो वह अपने ग्राहक को पहचान नहीं पता है और कॉन्फिडेंस के साथ चाभी मांगने पर वह दे भी सकते हैं. ऐसे में उसने रिसेप्शन स्टाफ से जालसाजी कर मुंबई के ताज होटल के कमरे की चाभी लेकर सबसे पहले वर्ष 2000 में चोरी की पहली घटना को अंजाम दिया और लैपटॉप को चुराया था. इस मामले में पकड़ा भी गया और तीन माह तक जेल में रहा. उसके बाद उसने चोरी की कई घटनाओं को अंजाम दिया. वर्ष 2023 में वह हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार हुआ था और 8 नवंबर 2024 को जेल से रिहा हुआ.
16 नवंबर को पहुंचा था गोरखपुर
उसके बाद वह दिल्ली आया और दिल्ली से बस पकड़कर 16 नवंबर को गोरखपुर पहुंचा. गोरखपुर के काली मंदिर के पास स्थित एक होटल में ठहरा. यही पर उसने नेट पर सर्च किया की सबसे महंगा होटल कौन है? उसमें कोर्ट यार्ड का नाम आया. शाम को सूट बूट में कोर्टयार्ड होटल पहुंचा तो वहां पर बशारतपुर मोहल्ले के रहने वाले अनूप बंका के भतीजे का तिलक समारोह चल रहा था. वह उसमें घुल मिल गया और वहां के लोगों का जांच पड़ताल के बाद वह अनुप के कमरे का पता लगाया और लिफ्ट के पास गया. लिफ्ट के पास लगे फोन से रिसेप्शन पर फोन किया कि मेरी चाभी गायब हो गई है. मास्टर्स चाभी भेज दीजिए ताकि कमरे का ताला खुल जाए. होटल स्टाफ जैसे ही ताला खोला वह कमरे के अंदर गया और 10 लाख रुपए कीमत के गहने व ₹300000 का अन्य सामान चोरी कर ली. इसके बाद वह होटल से निकाला और ई रिक्शा पड़कर रेलवे स्टेशन पहुंच गया. वहां पर उसने ई रिक्शा बदलकर अपने काली मंदिर वाले होटल पर पहुंचा और रात रुका. अगले दिन बस पकड़ कर लखनऊ पहुंच गया और वहां से मुंबई भाग गया. यहां होटल में घटना होने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे. कुछ लोग होटल के कर्मचारियों पर भी शक कर रहे थे. वारदात को लेकर उस समय पुलिस ने कर्मचारियों से भी पूछताछ की थी.
17 जिलों में कर चुका चोरियां
जयेश ने पुलिस को बताया था कि वह देश के 17 जिलों में चोरी कर चुका है. गोरखपुर में चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद वह बच निकला था और उसके बाद वह दोबारा चोरी करने के लिए 11 नवंबर को गोरखपुर आ रहा था, लेकिन पुलिस ने ओपन सोर्स इंटेलिजेंस से जानकारी एकत्र कर उसे गीडा थानाक्षेत्र के कलेसर के पास से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को इतनी आसानी से यह सफलता नहीं मिली थी. गोरखपुर पुलिस ने शातिर चोर को पकड़ने के लिए चार टीमों को लगाया था. गोरखपुर पुलिस ने बेंगलुरु पुलिस से भी मदद मांगी थी. बेंगलुरु पुलिस ने देश भर की हिस्ट्रीशिटरों पर एक डाटा को लेकर एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर ने पुलिस की काफी मदद की. होटल कोर्टयार्ड की सीसीटीवी फुटेज को यहां की पुलिस ने बेंगलुरु भेजा था.
सॉफ्टवेयर के माध्यम से 50,000 हिस्ट्रीशीटरों की प्रोफाइल और फोटो की जांच की गई, जिसमें से तीन के चेहरे जयेश से मिलते जुलते दिखे. पहला मामला राजस्थान के उदयपुर से मिला, यहां पुलिस ने छापा मारा तो वह 80 साल का वृद्ध निकला. दूसरा मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का था, लेकिन वहां भी पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा. गुजरात के वलसाड जिले की वापी शहर में जब पुलिस ने छापा मारा तो पता चला की जयेश यही का रहने वाला है और 8 नवंबर 2024 को करनाल जेल से रिहा हुआ है. ऐसे में गोरखपुर पुलिस ने सर्विलांस के जरिए जांच शुरू की तो पता चला की उसका लोकेशन गोरखपुर क्षेत्र के आसपास मिल रहा है. ऐसे में पुलिस और सतर्क हो गई और वह दोबारा चोरी करने की नीयत से गोरखपुर आ रहा था उसी समय उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
200 रुपये में बनता था फर्जी आधार
उसने पुलिस को बताया कि वह ₹200 में फर्जी आधार कार्ड हरियाणा से बनवाता था. उसके पास से कुल चार आधार कार्ड मिले हैं, जिसमें से दो उसके और दो फर्जी है. जेल में बंद होने के दौरान उसने उसे 16 नंबर बैरक में रखा गया है. उसने जेलर से अपने हार्ट की दवाएं मांगी है. उसने बताया कि 2016 में उसे हार्ट की परेशानी हुई, तो जांच में कई जगह ब्लॉकेज मिला. डॉक्टर ने सर्जरी कर पेसमेकर लगाया है. तभी से वह हार्ट की दवा खा रहा है. इस मामले में जेल अधीक्षक ने डॉक्टर से जांच करवा कर दवा देने की बात कही है. जेल में भी कैदी व बंदी रक्षक जयेश की कहानी चटकारे ले लेकर सुन रहे हैं. बताते हैं की जयेश कुल 24 चोरी की घटनाओं में सात बार जेल गया है, लेकिन अधिकतर मामलों में बरी हो गया. उसने कभी अपना पर्सनल वकील नहीं किया. उसके सभी मामले सरकारी अधिवक्ता लड़ते रहे हैं.
अकेले ही करता था चोरी
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि आरोपी जयेश चोरी की घटनाओं को अकेले ही अंजाम देता था. उसने मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, उदयपुर, लखनऊ, गोरखपुर, गुवाहाटी समेत देश के कुल 17 जिलों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है. उसका लक्ष्य सिर्फ फाइव व सेवन स्टार होटल ही होते थे. क्योंकि वहां मोटा माल हाथ लगता था. वह अधिकतर मामला में बच निकलता है, लेकिन इस बार गोरखपुर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. पुलिस तथ्यों व साक्ष्यों को इस तरह से पेश करेगी ताकि वह फिर जेल से बाहर ना निकल पाए. हालांकि वह विगत 24 वर्ष से चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है. इस दौरान वह 10 वर्ष तक विभिन्न जिलों में बंद रहा है. पुलिस इस बार उसे और कड़ी सजा दिलवाएगी, ताकि वह बाहर न निकल पाए.
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