यूपी- यूपी विधानसभा का सत्र आज से हो रहा शुरू, संभल से लेकर बिजली निजीकरण पर विपक्ष रहेगा आक्रमक – INA
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. हाल ही में संभल और बहराइच में हुई हिंसा पर सदन में हंगामे के आसार हैं. साथ ही साथ विपक्ष बेरोजगारी, बिजली के निजीकरण, किसानों के मुद्दों के अलावा अन्य मुद्दों को भी उठाने की तैयारी में है. सत्र के पहले दिन औपचारिक कार्य सदन में किए जाएंगे. वहीं, चार दिनों तक चलने वाले इस छोटे सत्र में सरकार 17 दिसंबर को कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों के साथ-साथ सदन में अनुपूरक बजट पेश हो सकता है. अनुपूरक बजट 12-15 हजार करोड़ के बीच होने की संभावना है.
सत्र से पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक और व्यापार सलाहकार समिति की बैठकों में विपक्ष ने मांग की कि चर्चा के लिए अधिक समय देने के लिए सत्र की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए और अनुदानों की अनुपूरक मांगों को भी लाने की जरूरत है. हालांकि समाजवादी पार्टी मंगलवार को विधानमंडल दल की बैठक करेगी. इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूद रहेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब सदन शुरू होने के बाद सपा विधानमंडल दल की बैठक करेगी.
सरकार अपनी सुविधा के हिसाब से चलाती है सत्र- सपा
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, ‘जब सरकार जनता की बात नहीं सुनती है तो विपक्ष को अपनी बात जोरदार तरीके से कहनी पड़ती है. सत्र को ज्यादा से ज्यादा दिन चलना चाहिए, लेकिन वे इसे अपनी सुविधा के हिसाब से चलाते हैं. नियम है कि सत्र साल में कम से कम 90 दिन चलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है.’
सत्र के दौरान उनकी पार्टी या विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम जनहित के मुद्दे उठाएंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संभल और बहराइच जैसी सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं. किसान, बिजली, महंगाई आदि के मुद्दे हैं. हम इन सभी की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे.
कांग्रेस करेगी विधानसभा का घेराव
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा, ‘करीब 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य में अगर विधानसभा सत्र महज चार दिन का हो तो सरकार की जनता के मुद्दों को लेकर गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. सत्र का क्या मतलब है? यह हमारे निर्वाचन क्षेत्र और राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे, शिक्षा, स्वास्थ्य पर चर्चा के लिए होता है. इसलिए हमने सत्र की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया है.’ यूपी कांग्रेस 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेगी. इस बार 20 दिसंबर तक विधानसभा सत्र चलेगा.
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