यूपी- गाजीपुर: संविदा कर्मचारी से अधिकारी तक… ऐसे पहुंच रही थी रिश्वत, एंटी करप्शन टीम ने खोला कच्चा चिट्ठा – INA

गाजीपुर में एंटी करप्शन टीम ने शिक्षा विभाग के एक संविदा कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. एंटी करप्शन टीम ने जब मामले की गहनता से जांच की तो पता चला कि पूरा खेल खंड शिक्षा अधिकारी के कहने पर चल रहा था. जांच में सामने आया है कि पहले संविदा कर्मचारी रिश्वत की रकम लिया करता था. बाद में वह इन रिश्वत के पैसों को खंड शिक्षा अधिकारी के बेटे और रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर देता था.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए करप्शन मुक्त सरकार चलाए जाने का वादा कर करती रहती है. इसी को लेकर एंटी करप्शन टीम काफी एक्टिव मोड में दिख रही है. कुछ अधिकारी जिन्हें रिश्वत लेने की आदत पड़ गई है. वह लगातार रिश्वत लेने के नए-नए तरीकों का इजात कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ा है, जहां पर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सैदपुर में तैनात एक संविदा कर्मी को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया.

रिश्वत में मांगे थे 10 हजार

संविदा कर्मी एक शिक्षक से दस हजार की रिश्वत ले रहा था. इसी दौरान टीम ने उसे 21 नवंबर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था. बता दे कि पिछले महीना मलिकपुर गांव के रहने वाले यशवंत कुमार सिंह, जो सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है. लेकिन एक दिन विभागीय कार्य से स्कूल से कहीं गए थे और इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी ने अचानक से छापेमारी कर यशवंत कुमार सिंह को अनुपस्थित कर दिया था और उसके बाद उन्हें उपस्थित करने की एवज में दस हजार रुपये की मांग की गई थी.

एंटी करप्शन टीम ने संविदा कर्मी को किया गिरफ्तार

टीचर ने इसी मामले को सेटेल करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी से बात की, तो उसने अपने संविदा कर्मी सुजीत कुमार से मिलकर बात करने की बात कही थी. तब सुजीत कुमार ने बताया था कि साहब ने दस हजार रुपये की बात कही है यदि पैसा दे दोगे तो तुम्हारा काम हो जाएगा. तब उसने वह दस हजार रुपये एंटी करप्शन टीम के सामने सुजीत कुमार को दे दिये थे. इसी दौरान सुजीत कुमार को टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था.

खंड शिक्षा अधिकारी को बनाया आरोपी

अभी इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश कुमार का नाम आने और आरोपी बनाए जाने के बाद से ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि अविनाश कुमार जनवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं. इस तरह का मामले सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग में ही नहीं बल्कि कई अन्य विभागों में भी चल रहे हैं. अधिकारी बगैर सुविधा शुल्क लिए हुए कोई भी काम करने को तैयार नहीं है. हालांकि, एंटी करप्शन की टीम अब तक जिले में दर्जनों लोगों को रंगे हाथ पैसे लेते हुए गिरफ्तार भी कर चुकी है, लेकिन इसका असर जनपद के अधिकारियों और कर्मचारियों पर नहीं पड़ रहा है.


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