यूपी – Hathras: कोर्ट ने सुनाया फैसला, गैर इरादतन हत्या में दो दोषियों को सात साल की कैद – INA

Seven years imprisonment to two accused in culpable homicide

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प्रतीकात्मक तस्वीर

– फोटो : एएनआई

हाथरस के अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत के न्यायालय ने गैर इरादतन हत्या के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषियों पर 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

थाना सासनी क्षेत्र के गांव सीकुर निवासी चंद्रपाल सिंह ने थाने में तहरीर देकर कहा था कि एक जून 2013 को वह और उनका पुत्र रामवीर सिंह अपने मकान के बराबर में खाली जमीन पर ईंटें उतार रहे थे। इस जगह उनकी बुर्जी लगी है। दोपहर 12:30 बजे गांव के रामजीलाल व विजयपाल व ओमवीर सिंह अपने हाथों में लाठी-डंडा लेकर एकराय होकर आए और कहा कि तुम इस जगह पर कुछ नहीं बनाओगे। उन्होंने कहा कि उनकी जगह है तो क्यों नहीं बनाएंगे। 
इन लोगों ने उनके पुत्र रामवीर पर लाठी-डंडों और ईंटों से हमला कर दिया। उनके भी लात-घूंसे लगे। इससे उनके पुत्र रामवीर के सीने में गंभीर चोटें आईं। मौके पर गांव के लोग आ गए। मौके पर ही उनके पुत्र रामवीर की मृत्यु हो गई। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक ने विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा विचारण के दौरान एक आरोपी विजयपाल की मृत्यु हो गई, इसलिए उसके विरुद्ध कार्रवाई समाप्त की गई। 
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत के न्यायालय में हुई। एडीजीसी प्रतिभा सिंह राजपूत ने बताया कि न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत दो आरोपियों रामजीलाल व ओमवीर को दोषी करार देते हुए सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है।

हाथरस के अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत के न्यायालय ने गैर इरादतन हत्या के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषियों पर 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

थाना सासनी क्षेत्र के गांव सीकुर निवासी चंद्रपाल सिंह ने थाने में तहरीर देकर कहा था कि एक जून 2013 को वह और उनका पुत्र रामवीर सिंह अपने मकान के बराबर में खाली जमीन पर ईंटें उतार रहे थे। इस जगह उनकी बुर्जी लगी है। दोपहर 12:30 बजे गांव के रामजीलाल व विजयपाल व ओमवीर सिंह अपने हाथों में लाठी-डंडा लेकर एकराय होकर आए और कहा कि तुम इस जगह पर कुछ नहीं बनाओगे। उन्होंने कहा कि उनकी जगह है तो क्यों नहीं बनाएंगे। 
इन लोगों ने उनके पुत्र रामवीर पर लाठी-डंडों और ईंटों से हमला कर दिया। उनके भी लात-घूंसे लगे। इससे उनके पुत्र रामवीर के सीने में गंभीर चोटें आईं। मौके पर गांव के लोग आ गए। मौके पर ही उनके पुत्र रामवीर की मृत्यु हो गई। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक ने विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा विचारण के दौरान एक आरोपी विजयपाल की मृत्यु हो गई, इसलिए उसके विरुद्ध कार्रवाई समाप्त की गई। 
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत के न्यायालय में हुई। एडीजीसी प्रतिभा सिंह राजपूत ने बताया कि न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत दो आरोपियों रामजीलाल व ओमवीर को दोषी करार देते हुए सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है।


Credit By Amar Ujala

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