UP News: कूड़े से बनेगा चारकोल, वेस्ट मैनेजमेंट का रोल मॉडल बनेगी CM सिटी; इस एजेंसी को मिली जिम्मेदारी – INA

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में देश की पहली इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी बन रही है. अब कूड़े से चारकोल बनेगा गोरखपुर वेस्ट मैनेजमेंट का रोल मॉडल बनेगा. एनटीपीसी पहले चरण में घरेलू सॉलिड वेस्ट से चरकोल बनाएगा जिसको लेकर नगर निगम से एमओयू हो चुका है. चारकोल बनाने के लिए सहजनवा के सुथनी में स्थापित प्लांट में मशीनों का ट्रायल शुरू हो चुका है. वेस्ट टू चारकोल प्लांट 500 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की क्षमता का है. नगर निगम इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में हजार्डस डोमेस्टिक वेस्ट डिस्पोजल प्लांट भी बना रहा.
कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) में गोरखपुर को रोल मॉडल बनाने की तैयारी जोरों पर जारी है. इसका जिम्मा गोरखपुर नगर निगम ने उठाया है. योगी सरकार के निर्देश पर नगर निगम, सहजनवा के सुथनी में 40 एकड़ में इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी बना रहा है. इसके अंतर्गत पहले चरण में नगर निगम से एमओयू कर नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) ठोस घरेलू कचरे (सॉलिड डोमेस्टिक वेस्ट) से टॉरेफाइड चारकोल बनाएगा. एनटीपीसी ने कचरे से चारकोल प्रोडक्शन यूनिट लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया है और वर्तमान में मशीनों के ट्रायल का दौर जारी है.
प्रोजेक्ट के लिए 255 करोड़ रुपए का निवेश
एनटीपीसी की तरफ से लगने वाले इस प्लांट के लिए नगर निगम ने अपने तरफ से अनूठे प्रोजेक्ट इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है. देश में कूड़े से टॉरेफाइड चारकोल (हरित कोयला) बनाने का पहला प्लांट वाराणसी में लगा है. अब दूसरा प्लांट गोरखपुर में लग रहा है. एनटीपीसी ने वेस्ट टू चारकोल प्रोजेक्ट के लिए 255 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके लिए गोरखपुर नगर निगम और एनटीपीसी के बीच 15 अक्टूबर 2023 को करार हुआ था. अब इस प्लांट का फेज वन बनकर लगभग तैयार है.
चारकोल बनाने का है प्लान
वहीं इस मामले में नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी सुथनी (सहजनवा) में एनटीपीसी का 500 टन प्रतिदिन की क्षमता के कचरे से चारकोल बनाने का प्लांट जल्द ही क्रियाशील हो जाएगा. एनटीपीसी को चारकोल बनाने के लिए जरूरी कचरा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी. उन्होंने बताया कि करीब 500 टन प्रतिदिन कचरे का उत्सर्जन अकेले नगर निगम क्षेत्र में है. इसमें से 200 टन गीला कचरा प्रस्तावित, बायो सीएनजी प्लांट को एवं शेष सूखा कचरा चारकोल प्लांट को जाएगा. इसके साथ ही आसपास की नगरपालिका या नगर पंचायतों जैसे खलीलाबाद नगरपालिका, सहजनवा, घघसरा, उनवल, मगहर, बांसगांव आदि नगर पंचायतों से भी निकलने वाले कूड़े को प्लांट को उपलब्ध कराया जाएगा.
बायो सीएनजी प्लांट भी स्थापित होगा
इस बीच नगर निगम की तरफ से खतरनाक घरेलू कचरा (हजार्डस डोमेस्टिक वेस्ट) के निस्तारण के लिए 5 टन प्रतिदिन की क्षमता का प्लांट लगाने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए सिविल वर्क का कार्य जारी है. इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में 10 एकड़ में बायो सीएनजी प्लांट भी स्थापित होना है. यहां लिक्विड वेस्ट की प्रोसेसिंग होगी. बायो सीएनजी प्लांट के लिए नगर निगम ने 10 एकड़ जमीन की व्यवस्था की है. गोरखपुर नगर निगम के इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी का प्रेजेंटेशन जर्मनी के बर्लिन शहर में इस माह के पहले सप्ताह में सर्कुलर इकोनॉमी की एक महत्वपूर्ण ग्लोबलबैठकमेंहो सकता है.
कूड़े से बनेगा चारकोल, वेस्ट मैनेजमेंट का रोल मॉडल बनेगी CM सिटी; इस एजेंसी को मिली जिम्मेदारी
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