UP News: 200000 नंबर, दो फेक इंस्टाग्राम ID और 300 घंटे का CCTV… कौन हैं दिनेश यादव, जिन्होंने सुलझाया वाराणसी मास मर्डर केस – INA
![UP News: 200000 नंबर, दो फेक इंस्टाग्राम ID और 300 घंटे का CCTV… कौन हैं दिनेश यादव, जिन्होंने सुलझाया वाराणसी मास मर्डर केस – INA UP News: 200000 नंबर, दो फेक इंस्टाग्राम ID और 300 घंटे का CCTV… कौन हैं दिनेश यादव, जिन्होंने सुलझाया वाराणसी मास मर्डर केस – INA](http://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2025/02/varanasi.jpg)
उत्तर प्रदेश का वाराणसी नवंबर 2024 के दिन एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या से दहल उठा था. पुलिस ने कातिल विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू को दबोच लिया है. फरार आरोपी पर पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. तीन महीने तक पुलिस को चकमा देने के बाद अब फाइनली दोनों आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. दोनों भाई सीरगोवर्धन के लौटूबीर मंदिर के पास खड़े होकर बात कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें धर दबोचा.
इस केस को सोल्व करने में पुलिसकर्मी दिनेश यादव की मुख्य भूमिका रही. वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट इस मामले को एसटीएफ को सौंपने ही वाली थी कि सर्विलांस प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश यादव को एक ब्रेक थ्रू मिला. वो ब्रेक थ्रू था कि प्रशांत उर्फ जुगनू के मोबाइल पर दो फर्जी नाम वैशाली और विकास नाम से इंस्टाग्राम एप के जरिए चैटिंग हो रही है. यहीं से पुलिस की जांच आगे बढ़ी और अंततः विशाल उर्फ विक्की पुलिस की गिरफ्त में आया.
वाराणसी कमिश्नरेट के सर्विलांस प्रभारी दिनेश यादव ने बताया कि ये एक टफ टास्क था. विक्की खुद एक एप डेवलपर था और पिछले छह महीने से मोबाइल का इस्तेमाल भी नहीं कर रहा था. दिनेश यादव ने बताया कि तब उन्होंने प्रशांत उर्फ जुगनू के मोबाइल को खंगालना शुरू किया. मार्च 2022 से तीन नंबर 2024 तक करीब दो लाख नंबर और 300 घंटों का सीसीटीवी खंगालने के बाद हाथ में ये ब्रेक थ्रू आया.
इंस्टाग्राम से करते थे बात
इंस्टाग्राम एप के जरिए ही विशाल और प्रशांत एक दूसरे के सम्पर्क में रहते थे. रुपया लेने कहां आएगा या इस मामले में किससे कानूनी सलाह लेनी है वो एप पर ही डिस्क्स करता था. डीसीपी गौरव बंशवाल ने बताया कि घटना वाले दिन विक्की बीएचयू परिसर में ही रहा. बीएचयू परिसर में घूमते हुए उसका सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगा है. बीएचयू से ही वो रोहनिया के मीरापुर पहुंचा, जहां उसने राजेंद्र की हत्या की थी. उसके बाद एक डिलीवरी बॉय के मोबइल से ओला बुक कर कैंट स्टेशन और फिर ऑटो से भदैनी पहुंचा जहां उसने चार अन्य हत्याएं की.
होटल में नहीं रुकता था विक्की
सर्विलांस प्रभारी दिनेश यादव ने Tv9 भारतवर्ष को बताया कि एक चादर और कुछ कपड़ों के सहारे एक रेलवे स्टेशन से दूसरे रेलवे स्टेशन वो भागते रहा. चूंकि उसकी फोटो सभी जगह फ्लैश किया गया था इसलिए किसी होटल में वो नही रुकता था. चादर ओढ़कर स्टेशन परिसर या प्लेटफॉर्म पर सो जाता था. छह महीने पहले अहमदाबाद की अपनी गर्ल फ्रेंड से भी सम्पर्क तोड़ लिया था जिसे जी जान से चाहता था. वो खुद एक एप डेवलपर था और इसका उसने खूब लाभ उठाया. डीसीपी गौरव बंशवाल ने बताया कि बिहार के मधुबनी से खरीदी बत्तीस बोर की दोनों पिस्टल उसने पटना से कोलकाता जाते वक्त हुगली नदी में फेंक दी थी.
ये है पूरा मामला
भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता की पत्नी नीतू, बेटी गौरांगी और बेटे नमनेंद्र व सुबेंद्र का शव पांच नवंबर 2024 की सुबह उनके घर में मिला था. चारों की गोली मारकर हत्या की गई थी, राजेंद्र का शव रोहनिया थाना क्षेत्र के मीरापुर रामपुर स्थित उसके निर्माणाधीन मकान में मिला था. राजेंद्र की भी गोली मार कर हत्या की गई थी. पड़ताल के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि अपने मां-बाप की हत्या का बदला लेने के लिए विक्की ने पूरे परिवार को खत्म कर डाला. विक्की के मां-बाप की हत्या का आरोप राजेंद्र पर था. तमाम प्रयास के बाद पुलिस को विक्की को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है.
200000 नंबर, दो फेक इंस्टाग्राम ID और 300 घंटे का CCTV… कौन हैं दिनेश यादव, जिन्होंने सुलझाया वाराणसी मास मर्डर केस
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