UP News: ‘मौनी अमावस्या के दिन 8 करोड़ श्रद्धालु और संत…’, महाकुंभ में भगदड़ पर क्या बोले CM योगी? – INA

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) और भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लिया. यह बैठक महाकुंभ के सफल आयोजन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण विषय पर आयोजित की गई थी. सीएम योगी ने महाकुंभ की तैयारियों से लेकर भगदड़ की घटना तक का भी जिक्र किया. महाकुंभ के आयोजन में 66 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री शामिल हुए.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘पुलिस कर्मियों को इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया था. उनकी 4 महीने तक काउंसलिंग की गई. उनके लिए विशेष पाठ्यक्रम आयोजित किए गए क्योंकि जनता कभी-कभी क्रोधित हो जाती है. कल्पना कीजिए कि जिसने कभी इतना नहीं चला हो उसे 10 किमी चलना पड़े, वह व्यक्ति क्रोधित हो जाएगा. लेकिन पुलिस को सहनशील और मददगार होना चाहिए.’

महाकुंभ में भगदड़ के बाद तुरंत कार्रवाई की- CM

सीएम योगी ने 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई घटना पर कहा कि जैसे ही भगदड़ मची, तीर्थयात्रियों ने सहयोग किया और घायलों के लिए ग्रीन कॉरिडोर का रास्ता दिया. प्रयागराज शहर और कुंभ मेला क्षेत्र में करोड़ों लोगों की भीड़ थी, जिला प्रशासन आने वाले श्रद्धालुओं को 24 से 36 घंटे तक आस-पास के इलाकों में रोकने के लिए तैयार था.

उन्होंने कहा, ‘मौनी अमावस्या का अमृत स्नान सुबह चार बजे से शुरू होता है, लेकिन भगदड़ के बाद मैंने सभी अखाड़ों से सुबह तीन बजे ही स्नान स्थगित करने का अनुरोध किया.’ सीएम ने कहा कि महाकुंभ में भगदड़ के बाद हमने अफरा-तफरी रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की. जिससे पीड़ितों को चिकित्सा सहायता सुनिश्चित हुई और व्यापक स्तर पर अफरा-तफरी फैलने से रोका गया.

‘घटना को अत्यधिक उजागर नहीं होने दिया, क्योंकि…’,

राजधानी लखनऊ में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के अधिकारियों और भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘हमने इस घटना को अत्यधिक उजागर नहीं होने दिया, क्योंकि उस समय प्रयागराज और कुंभ मेला क्षेत्र में 8 करोड़ श्रद्धालु और संत मौजूद थे और अफरा-तफरी से स्थिति और खराब हो सकती थी.’

महाकुंभ के प्रमुख स्नान दिवस मौनी अमावस्या पर संगम घाट पर हुई भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए थे. आदित्यनाथ ने कहा कि लाखों श्रद्धालुओं के अलावा, 13 अखाड़ों के संतों को भी उस सुबह अमृत स्नान करना था. ऐसे आयोजनों में अक्सर बड़ी चुनौतियां सामने आती हैं. संतों के बीच स्नान का क्रम तय करना, जिससे ऐतिहासिक रूप से विवाद होते रहे हैं.

‘कठिन समय में धैर्य के साथ दृढ़ निर्णय लेना चाहिए’

आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे स्थिति को संभालने के लिए अनुष्ठान को स्थगित करने का अनुरोध किया.’ उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने भीड़ पर कड़ी निगरानी रखी, दोपहर तक संगम क्षेत्र को खाली करा लिया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि स्नान दोपहर 2:30 बजे तक फिर से शुरू हो जाए. सीएम ने कहा कि कठिन समय में लोगों को धैर्य के साथ दृढ़ निर्णय लेने की शक्ति विकसित करनी चाहिए.

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‘मौनी अमावस्या के दिन 8 करोड़ श्रद्धालु और संत…’, महाकुंभ में भगदड़ पर क्या बोले CM योगी?





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