UP News: ग्रेटर नोएडा: 63 में से 41 बिल्डर यूज कर रहे बोरिंग का पानी, NGT ने खोल दी पोल – INA
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में खुद बिल्डर ही अवैध तरीके से भूगर्भ जल का दोहन कर रहे हैं. यह बात संयुक्त जांच कमेटी की रिपोर्ट में सामने आया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्रेटर नोएडा के 63 में से 41 बिल्डर भूगर्भ जल का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि इस रिपोर्ट पर बिल्डरों पर सवाल उठाया है. साथ ही दावा किया है कि भूगर्भ जल का इस्तेमाल करते ही नहीं. ऐसे में एनजीटी ने तथ्यों की पड़ताल के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को निर्देश दिया है.
इससे पहले साल 2023 में यहां की 33 ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों में भूगर्भ जल के दोहन का मामला सामने आया था. इसमें समिति ने संबंधित बिल्डरों से 306 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूल किया था. एनजीटी में ताजा मामले की सुनवाई 4 फरवरी को हुई. इस सुनवाई में करीब दर्जन भर बिल्डर नोटिस के बाद भी अपना जवाब दाखिल नहीं किए थे. ऐसे में एनजीटी ने उन्हें एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिल्डरों द्वारा भूगर्भ जल के दोहन की खबर आई थी.
41 बिल्डर कर रहे हैं भूगर्भ जल का दोहन
इसके बाद एनजीटी ने संयुक्त जांच कमेटी का गठन किया था. अब कमेटी ने एनजीटी में अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए दावा किया है कि 63 में से 41 बिल्डर भूगर्भ जल का दोहन करते पाए गए हैं. हालांकि इनमें से कुछ बिल्डरों ने एनजीटी में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि वह ऐसा नहीं करते. बल्कि अपनी सोसायटियों में पानी की आपूर्ति ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण या निजी आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से करते हैं.बता दें कि ग्रेटर नोएडा में रहने वाले पर्यावरणविद प्रदीप दहलिया ने साल 2022 में संबंधित याचिका एनजीटी में लगाई थी.
जून 2024 में डीएम ने की थी बैठक
इसमें कहा था कि बिल्डर लंबे समय से अंधाधुंध तरीके से भूजल का दोहन कर रहे हैं. उन्होंने अपनी याचिका में इन बिल्डरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पानी के वास्तविक श्रोत की जांच कराने की मांग की थी. उनकी याचिका पर ही एनजीटी ने सभी बिल्डर परियोजनाओं की जांच कराई थी. इसके बाद जून 2024 में जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा ने संयुक्त समिति की बैठक बुलाई. इसमें भूगर्भ जल विभाग, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यूपीपीसीबी के अधिकारी शामिल हुए थे. इस बैठक में सभी डेवलपर्स पर संभावित जुर्माना का आंकलन किया गया था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी.
ग्रेटर नोएडा: 63 में से 41 बिल्डर यूज कर रहे बोरिंग का पानी, NGT ने खोल दी पोल
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