UP News: महाकुंभ के दौरान नदी में बढ़ा प्रदूषण… NGT से अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा – INA
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी NGT को अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसमें बताया गया है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ी है, नदी में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में विभिन्न स्थानों पर फेकल कोलीफॉर्म का स्तर स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीवेज संदूषण के सूचक फेकल कोलीफॉर्म की स्वीकार्य सीमा 2500 यूनिट प्रति 100 मिली है. प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में सीवेज के बहाव को रोकने के मामले पर NGT सुनवाई कर रहा है. एनजीटी ने यूपी सरकार को 2025 के महाकुंभ मेले के लिए सीवेज प्रबंधन योजना बनाने का निर्देश दिया था.
NGT ने दिसंबर 2024 में दिया था आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के अनुसार श्रद्धालुओं को उस पानी की गुणवत्ता के बारे में सूचित किया जाना चाहिए जिसमें वो डुबकी लगाने वाले थे. हालांकि डाउन टू अर्थ (डीटीई) को पता चला है कि ऐसा नहीं किया जा रहा है. एनजीटी ने दिसंबर 2024 के अपने आदेश में कहा था कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में गंगा जल की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए और इसकी गुणवत्ता पीने और नहाने के लिए उपयुक्त होनी चाहिए.
2019 के कुंभ में भी पानी की गुणवत्ता खराब थी
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के मुद्दे उठाए गए हैं. 2019 में प्रयागराज कुंभ पर सीपीसीबी की रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया था कि प्रमुख स्नान के दिनों में भी पानी की गुणवत्ता खराब थी. 2019 कुंभ मेले के दौरान 130.2 मिलियन लोगों ने भाग लिया. रिपोर्ट के अनुसार करसर घाट पर बीओडी और फेकल कोलीफॉर्म का स्तर स्वीकार्य सीमा से ऊपर पाया गया. प्रमुख स्नान के दिनों में शाम की तुलना में सुबह में बीओडी का स्तर काफी अधिक था. इसके अतिरिक्त, महाशिवरात्रि और उसके बाद के दिनों में सुबह और शाम दोनों समय फीकल फेकलका स्तर मानकों से अधिक हो गया था.
यमुना नदी में घुलनशील ऑक्सीजन का स्तर सभी मानकों के अनुरूप था, लेकिन पीएच, बीओडी और फेकल कोलीफॉर्म विभिन्न अवसरों पर लगातार स्वीकार्य सीमा के भीतर नहीं थे. गंगा की सहायक नदियों में काली नदी सबसे अधिक प्रदूषित पाई गई थी.
महाकुंभ के दौरान नदी में बढ़ा प्रदूषण… NGT से अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा
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