UP News: लखनऊ: महासभा के कार्यालय या नया स्मारक… कहां रखा जाएगा भीमराव आंबेडकर का अस्थि कलश? – INA
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थापित बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के अस्थि कलश का विवाद फिर से सुलगने लगा है. देश में छिड़े सियासी घमासान के बीच ये विवाद खड़ा हो गया है. इस बात पर सहमति नहीं बन पा रही है कि उनका अस्थि कलश डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा के कार्यालय परिसर में ही रहेगा या उसे नवनिर्मित भव्य स्मारक में स्थापित किया जाएगा.
यह कार्यालय परिसर लखनऊ के हजरतगंज में मुख्यमंत्री के कार्यालय लोक भवन से बिल्कुल सटे हुए हैं. हालांकि इसका कुल क्षेत्रफल 20 हजार वर्ग फीट से ज्यादा नहीं होगा. इसके बावजूद अस्थि कलश यहां से स्थानांतरित करने का जैसे ही सवाल उठता है. वैसे ही सियासी घमासान शुरू हो जाता है. एक बार इस आशय का एक प्रस्ताव सामने आते ही महासभा में भी आपसी मतभेद हो गया था. साथ ही राजनीतिक दलों ने भी प्रस्ताव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित
डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा के कार्यालय परिसर में स्थित अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए देश के बड़े-बड़े दिग्गज आ चुके हैं. इनमें पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर केआर नारायणन और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. अभी 22 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित की थी.
बाबा साहब की मूर्ति का अनावरण
इससे पहले 14 अप्रैल 1991 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में डॉ. भीमराव आंबेडकर की धर्मपत्नी डॉक्टर सविता आंबेडकर ने इस परिसर में बाबा साहब की एक मूर्ति का अनावरण किया था. फिर 6 दिसंबर 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने इसी परिसर में बाबा साहब की एक आदमकद कांस्य प्रतिमा का लोकार्पण किया था.
44 करोड़ की लागत से बन रहा स्मारक
उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ के ही ऐशबाग इलाके में डॉ.भीमराव आंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कर रही है. इस स्मारक का शिलान्यास प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 20 जून 2021 को किया था. लगभग 44 करोड़ की लागत से यह स्मारक लगभग एक लाख वर्गफीट क्षेत्रफल में बन रहा है.
स्मारक को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व
इसमें प्रस्तावित लगभग निर्माण कार्य हो चुके हैं. मुख्य भवन और लाइब्रेरी समेत अन्य भवन बन चुके हैं. केवल ऑडिटोरियम का निर्माण बाकी है. माना जाता है कि बाबा साहब का अस्थि कलश स्थापित होने पर ही इस स्मारक को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व मिल पाएगा. डॉ भीमराव अंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ लाल जी निर्मल ने TV9 डिजिटल से बात करते हुए कहा कि हमारी मांग थी कि डॉक्टर अंबेडकर महासभा के नाम एक स्मारक बनवाया जाएं. इसमें अंबेडकर जी से जुड़ी यादों को संयोजा जाए, सांस्कृतिक कार्यक्रम हों, विविध गतिविधियां हों, शोध केंद्र हो और लाइब्रेरी हो.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग
उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांगकी थी. डॉ भीमराव अंबेडकर महासभा ट्रस्ट भी है. उसका सरकार उपयोग कर सकती है. जब नया भवन आंबेडकर जी के नाम पर बन जाएगा तो पुराने डॉ आंबेडकर महासभा को लोकभवन में मर्ज किया जा सकता है. क्योंकि डॉ आंबेडकर महासभा और लोकभवन अगल-बगल हैं. लोकभवन और डॉ आंबेडकर महासभा के बीच भाकपा माले का कार्यालय है. उसको भी सरकार ले सकती हैं. हालांकि जब अखिलेश यादव की सरकार में डॉ आंबेडकर महासभा अलग शिफ्ट करने पर बात हुई, तो विरोध की बात भी सामने आई थी.
लखनऊ: महासभा के कार्यालय या नया स्मारक… कहां रखा जाएगा भीमराव आंबेडकर का अस्थि कलश?
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,