UP News: महाकुंभ के अंदर ‘संस्कृति का महाकुंभ’, गंगा-यमुना-सरस्वती पंडाल में होगा 1 महीने का विशेष आयोजन; 16 से शुरुआत – INA
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में त्रिवेणी के संगम पर महाकुंभ 2025 शुरू हो चुका है. इस महाकुंभ में सनातन धर्म के सभी संत महात्मा, अवधूत सन्यासी धूनी रमा चुके हैं. इसी बीच महाकुंभ के अंदर 16 जनवरी से संस्कृति के महाकुंभ का आयोजन भी किया जा रहा है. इसके लिए गंगा पंडाल में मुख्य मंच बनाया गया है. इस पंडाल में 10 हजार से अधिक दर्शकों के बैठने के इंतजाम किए गए हैं. इसी प्रकार यमुना और सरस्वती पंडाल के अलावा त्रिवेणी पंडाल में भी विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन किए गए हैं. यह सभी कार्यक्रम 24 फरवरी तक करीब सवा महीने अनवरत जारी रहेंगे.
गंगा पंडाल में गुरुवार को काशी के ऋत्विक सान्याल के शास्त्रीय गायन से कार्यक्रम का आगाज होगा. वहीं पहली शाम शंकर महादेवन के सुरों से सजेगी. इसी प्रकार यमुना पंडाल में संस्कृत विद्यालय काशी के विद्यार्थी करेंगे मंगलाचरण करेंगे. इसके बाद यहां आल्हा-बिरहा, नौटंकी आदि के कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे. इसमें पद्मश्री रामदयाल शर्मा अपने 30 सदस्यीय टीम के साथ कृष्ण सुदामा की मित्रता को मंचित करेंगे. उधर, सरस्वती पंडाल में सौरभ बनौधा का बंसी वादन होगा तो श्वेता दुबे व श्रुति मालवीय भजनों की प्रस्तुति देंगी.
गंगा पंडाल होगा मुख्य मंच
इन सभी पंडालों में होने वाले कार्यक्रमों का मुख्य मंच गंगा पंडाल में होगा. इसमें देश के नामचीन कलाकार भारतीय संस्कृति का प्रवाह करेंगे. त्रिवेणी पंडाल में 21 जनवरी से सांस्कृतिक सुरों का अनवरत संगम होगा. भक्ति व विरासत के इस उत्सव में 10 हजार से अधिक दर्शक श्रद्धालु और कल्पवासी हिस्सा लेंगे. इसके लिए सेक्टर-1 के परेड ग्राउंड में गंगा पंडाल बनाया गया है. वहीं दो हजार दर्शकों की क्षमता वाला त्रिवेणी, यमुना व सरस्वती पंडाल भी सज गए हैं.
16 जनवरी को ये होंगे कार्यक्रम
गंगा पंडाल में 16 जनवरी को प्रो. ऋत्विक सान्याल (वाराणसी) की ओर से शास्त्रीय/उप शास्त्रीय गायन होगा. इसके बाद विचत्रानंदा स्वेन (भुवनेश्वर) का ओडिशी नृत्य, कुशल दास (कोलकाता) का सितार वादन और शंकर महादेवन (मुंबई) व रविशंकर (उत्तर प्रदेश) का भजन/सुगम संगीत कार्यक्रम रखा गया हे. इसी प्रकार यमुना पंडाल में संस्कृत विद्यालय वाराणसी के बच्चे मंगलाचरण करेंगे. इसके बाद सान्या पाटनकर (राजस्थान) का शास्त्रीय गायन, सहीराम पांडेय (गोंडा) का आल्हा गायन और सरिता मिश्रा (लखनऊ) का लोकगायन होगा. इसी क्रम में रामप्रसाद (प्रयागराज) का बिरहा गायन, पीयूषा कैलाश अनुज (दिल्ली) का भजन, आरुषी मुद्गल (दिल्ली) का ओडिशी नृत्य और अमरजीत (सोनभद्र) का जनजाति लोकनृत्य कार्यक्रम होगा.
कृष्ण सुदामा प्रसंग का दिव्य मंचन होगा
त्रिवेणी पंडालों में से एक सरस्वती पंडाल में 16 जनवरी का खास आकर्षण कृष्ण सुदामा प्रसंग पर आधारित नाट्य मंचन होगा. इसमें पद्मश्री रामदयाल शर्मा (दिल्ली) की टीम मंचन करेगी. हालांकि कार्यक्रम की शुरुआत सौरभ बनौधा (सोनभद्र) के बंसी वादन से होगा. इसके बाद श्वेता दुबे (वाराणसी) का भजन गायन, श्रुति मालवीय (लखनऊ) का भजन और लोकगायन भी होगा.
महाकुंभ के अंदर ‘संस्कृति का महाकुंभ’, गंगा-यमुना-सरस्वती पंडाल में होगा 1 महीने का विशेष आयोजन; 16 से शुरुआत
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