UP News: Maha Kumbh Stampede: ‘ड्यूटी पर हुई चाचा की मौत’, भतीजे ने दरोगा अंजनी राय की मौत पर उठाए सवाल, की शहीद का दर्जा देने की मांग – INA

महाकुंभ में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्था करने का दावा किया जा रहा था. हालांकि, प्रशासन की नाकामयाबी के चलते मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ ने इस बड़े आयोजन पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. भगदड़ में हुई मौत को लेकर सरकार पर आंकड़ों को छुपाने के भी आरोप लग रहे हैं. महाकुंभ में गाजीपुर के रहने वाले एक दरोगा की भगदड़ में मौत हो गई थी. वहीं, पुलिस प्रशासन मौत का कारण बीमारी को बता रहा है.

गाजीपुर के बसुका गांव में रहने वाले दरोगा अंजनी राय महाकुंभ के झूसी थाने में तैनात थे. मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ में उनकी भी मौत हो गई, लेकिन प्रशासन इस बात मनाने को लेकर नहीं है. प्रशासन का कहना है कि तबीयत खराब होने के बाद दरोगा की मौत हुई है. परिवार के लोगों ने पुलिस और सरकार पर बड़े आरोप लगाए हैं. दरोगा अंजनी राय के भतीजे इंद्र भूषण राय का आरोप है कि घटना को बीते हुए करीब 3 से 4 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक पुलिस विभाग और सरकार की तरफ से कोई भी परिवार की सुध लेने नहीं आया है.

परिवार ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

भतीजे इंद्र भूषण राय का आरोप है कि अगर उनके चाचा अंजनी राय की तबीयत खराब चल रही थी, तो फिर उनकी ड्यूटी महाकुंभ के आयोजन में कैसे लगाई गई थी. इस दौरान पुलिस ने स्वीकार किया कि उनकी तबीयत खराब होने की वजह से नहीं बल्कि मौनी अमवास्या वाली रात भगदड़ वाली जगह पर ड्यूटी लगी हुई थी. वहां पर भीड़ का दबाव बढ़ने के कारण उनकी तबीयत खराब हुई और उनकी मौत हुई है.

परिवार नहीं मिली इलाज की जानकारी

पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस के जीडी में 9:12 पर लिखा गया है. ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन विभाग ने उन्हें किस अस्पताल में और किस डॉक्टर से उनका इलाज कराया गया या फिर इलाज के लिए डॉक्टर ने कौन सी दवा लिखी इस बात कोई जानकारी नहीं है. दवा की पर्ची तक को भी परिवार के लोगों को उपलब्ध नहीं कराया गया, जोकि कहीं न कहीं प्रशासन की झूठ की ओर इशारा करती है.

भतीजे के आने से पहले हुई मौत

भतीजे इंद्र भूषण ने बताया कि उनका एक भतीजा इलाहाबाद में रहता है और करीब 10:00 बजे उनके चाचा ने अपने भतीजे को फोन कर बताया कि उनकी तबीयत खराब है और उनका इलाज कोई नहीं करा रहा है. जिसके बाद उनका भतीजा जब पहुंचा तब तक उनकी मौत हो चुकी थी और जहां पर उनकी शव रखा हुआ था. उसके आसपास पुलिसकर्मी भी सोए हुए थे, लेकिन किसी को पता नहीं था कि दरोगा अंजनी राय की मौत हो चुकी है.

‘क्यों लगाई थी ड्यूटी?’

उन्होंने बहराइच के एडिशनल एसपी के ओर से दिए गए बयान पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि ढाई सौ किलोमीटर दूर बैठे एडिशनल एसपी को कैसे पता कि मेरे चाचा अंजनी राय की मौत पहले से तबीयत खराब होने की वजह से हुई है. परिवार का आरोप है कि जब तबीयत खराब थी तो उनकी ड्यूटी महाकुंभ में क्यों लगाई थी. उनका इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं कराया गया था?

इंद्र भूषण राय ने कहा कि उनके चाचा की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है और इसमें कोई भी इफ और बट की बात नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ महाकुंभ को डिजिटल महाकुंभ बता रहे हैं तो फिर वह बताएं कि हमारे चाचा की ड्यूटी किस पॉइंट पर लगी थी. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि जिस अस्पताल में इलाज की पुलिस वाले बात कर रहे हैं उसे अस्पताल में कोई डॉक्टर भी नहीं था.

न्याय के लिए लेंगे हाईकोर्ट का सहारा

भतीजे का कहना है कि अगर परिवार को न्याय नहीं मिला तो वह हाईकोर्ट का सहारा लेते हुए मेला अधिकारी और जो भी संबंधित अधिकारी है उन सभी के खिलाफ पीआईएल दाखिल करेंगे. क्योंकि उनके चाचा की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है और कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिला है. ना ही सरकार और विभाग के लोगों ने परिवार के लोगों से अभी तक कोई संपर्क स्थापित किए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस का जो भी बयान अभी तक सामने आया है. वह उन्होंने किसी न किसी दबाव में दिया है.

सरकार ने छुपाए मौत के आंकड़े

इंद्र भूषण राय ने महाकुंभ के हुए भगदड़ को लेकर एक बड़ा खुलासा भी किया है उन्होंने कहा कि जब वह अपने चाचा के शव को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे थे तो उनके चाचा के शव के पास करीब 10 से 15 शव पड़े हुए थे. जबकि उसके पीछे के एक कमरे में करीब 40 से 50 लाश पड़ी हुई थी. हालांकि, सरकार अभी तक सिर्फ 30 मौत के आंकड़े की ही बात कर रही है. ऐसे में अन्य जो शव पड़े हुए थे वह किस तरह के शव थे.

Maha Kumbh Stampede: ‘ड्यूटी पर हुई चाचा की मौत’, भतीजे ने दरोगा अंजनी राय की मौत पर उठाए सवाल, की शहीद का दर्जा देने की मांग





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