UP News: Mahakumbh 2025: महाकुंभ का ‘स्वर्ण सिंहासन’ देखा क्या? जिसकी एक झलक पाने बेताब हैं श्रद्धालु – INA

प्रयागराज महाकुंभ में धर्म, अध्यात्म और साधना के विभिन्न रंग देखने को मिल रहे हैं. कुल 4000 एकड़ में फैली इस अध्यात्म की दुनिया का हर कोना यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्सुकता और जिज्ञासा का विषय है. महाकुंभ का स्वर्ण सिंहासन भी महाकुंभ में इन दिनों उत्सुकता का विषय बन गया है.

महाकुंभ में अभी तक कुंभ क्षेत्र के अखाड़ों में धूनी रमाए अलग-अलग अंदाज के नागा संन्यासी चर्चा में थे. हर कोई महाकुंभ के अखाड़ा क्षेत्र में नागाओं की रहस्यमय दुनिया से रूबरू होना चाहता था, लेकिन अब श्रद्धालुओं का आकर्षण अखाड़ा सेक्टर से हटकर एक स्वर्ण सिंहासन हो गया है. महाकुंभ के सेक्टर-14 में स्थापित यह स्वर्ण सिंहासन है श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के पीठाधीश्वर अवधूत बाबा आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी का.

इस स्वर्ण सिंहासन का वजह है 251 किलो. सोने की चौंधिया देने वाली इसकी चमक और उसमें की गई नक्काशी हर किसी का मन मोह लेगी. आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद बताते हैं कि आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी जी स्वर्ण आभूषण धारण करते हैं. इसलिए लोग उन्हें गोल्डन बाबा के नाम से पुकारने लगे. उनके एक शिष्य ने उनकी इसी पहचान को देखते हुए उन्हें 251 किलो का यह स्वर्ण सिंहासन भेंट किया है, जिसको नक्काशी का यह स्वरूप देने में चार महीने लगे हैं.

मौनी अमावस्या के अमृत स्नान का आकर्षण होगा स्वर्ण सिंहासन

महाकुंभ में अलग-अलग अंदाज के साधु-संतों और नागा संन्यासियों के बाद अब महाकुंभ का स्वर्ण सिंहासन भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस विशाल स्वर्ण सिंहासन पर सवार होकर श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी जी अमावस्या का अमृत स्नान करेंगे. पूरी तरह गोल्ड से तैयार इस सिंहासन का वजन 251 किलो है. इसके साथ इसमें पैर रखने वाला मंच और आचार्य का स्टूल भी गोल्ड का बना हुआ है.

इसके निर्माण के पीछे भी एक आध्यात्मिक वजह है. आचार्य महा मंडलेश्वर अरुण गिरी के शिष्य महामंडलेश्वर प्रकाशानंद बताते हैं कि स्वर्ण सभी धातुओं में पवित्र माना जाता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि अगर मैं किसी धातु में वास करता हूं तो वह स्वर्ण है. रामायण में वनवास के समय माता सीता से दूर रहने के वक्त भगवान राम ने जंगल में जो यज्ञ कराया, उसमें सीता की स्वर्ण मूर्ति रखी गई थी. इसीलिए यह सिंहासन पवित्रता को देखते हुए स्वर्ण का बनाया गया है. इसकी लागत की कीमत आचार्य और उनके भक्त सार्वजनिक नहीं करना चाहते, शायद सुरक्षा की वजह से.

Mahakumbh 2025: महाकुंभ का ‘स्वर्ण सिंहासन’ देखा क्या? जिसकी एक झलक पाने बेताब हैं श्रद्धालु





देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY

Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News